AVSM - NUMBER .- 14
मेहबूब , मेहबूबा, LOVER, प्रेमी, आशिक़ , माशूक ,माशूका
इल्मो अदब के सारे खज़ाने गुज़र गए,
मेहबूबा रिझाने के वह सारे पैमाने बदल गए
क्या खूब थे वो लोग पुराने जो गुज़र गए
कहते कहते के -----------
गुजरना ही है तो दिल के अंदर से गुजरो ,
मोहब्बत के शहर में बाई पास क्यों ढूंढते हो ?।
बाकी है जमीं पे फ़कत आदमी की भीड़,
इन्सांन को मरे हुए तो ज़माने गुज़र गए
खुली आँखों से अक्सर हमने देखे है कायनात के नजारे ,
मेहबूब से मिलते ही न जाने , आँखें बंद क्यों हो जाती हैं
दिलों के शहर उजाड़ और वीरान हो चुके है ,,
, लोग मगर फिर भी इसमें बसे चले जा रहे हैं
उम्र समझाती है , के जिंदगी की शाम हो गई ,
थोड़ा रुको ,अब तो जिंदगी का गियर बदल लो
दिल मुस्कराता है , शरारत में . मानता ही नहीं ,
कहता है असली महफ़िल तो शाम से ही शुरू होती है
था एक वक्त जब दोस्त सुनाया करते थे
अपनी नाकाम मोहब्बत के भी किस्से ,
बैठ के इन मयकदों की धुंदली छाया में ,
आज फिर आ जमे मजलिस में जुगनू सारे ,
मायूस जो थे अपनी मद्धिम होती चमक से
ऐलान यह हुआ इक जाम लेने के बाद ,
क्यों न हुस्न पे पड़ती रौशनी ही गुल कर दी जाए
चराग बुझा भी दे तो
नशा मयकदों में अब है कँहा यारों..
अब न मोहब्बत के किस्से बचे , न सुनने वाले
दोस्त भी अब तो ,मय का नहीं "मैं" का नशा करने लगे हैं..
यार शादी होने वाली है मेहबूबा से ,
पेट कम करने का कोई उपाय तो बताओ ?
बड़े मायूसी में उसने दोस्त से पुछा
दोस्त बोला , भाई यह तो कुदरत का करिश्मा है ,
ख़ुशी से फूल जाता है , शादी से पहले आशिक का
फूलता है मेहबूबा का ,शादी के बाद
अम्मा कभी सीरियस भी हो जाया करो ,
ओह सॉरी तो बताओ
मतलब पहले का सिंगल पसली ,भाभी जान पहचानती थी ?
फिर क्या हुआ ?पेट ही तो बढ़ा है ,
चेहरे से तो अभी भी मजनू ही लगते हो ,
मेरी मानो तो मसला ही खत्म।
आज से फोटो छाती तक ही खिचवाया कर?
इस दुनिया में ,बहुत ही खास होते हैं वोह दोस्त कमीने ,
जो वक्त आने पर , हमे और हमारी मोहब्बत के लिए
अपना वक्त और मुफीद मशवरा मुफ्त दिया करते है
आज हौसला जुटा कर अपने ही दिल से पूछ बैठा ,
कहाँ है मेरी वह मेहबूबा जिसे मैंने तुझे सौंपा था ,
मेरी एकलौती आखिरी मोहब्बत थी वो ,
कितनी शिद्दत से मनाया था उसे , तूने उसे ऐसे ही भुला दिया
दिल गुस्से में फड़फडाया ,धड़कन बढ़ाते हुए बोला ,
अपनी मोहब्बत के झूठे किस्सों में मुझे न घसीट न शुकरे इंसान
एक इंच भी जमीन खाली नहीं जहां कोई सुई भी टिक पाए.
मैं मनसरूफ़ हूँ ,हर गजल में , यूँ बदनाम , मुझे किया न करो ,
बे सिर पैर की तुकबंदी में हर बार मुझे घसीट लेते हो ,
इस भरी पूरी दुनिया में तुम्हारा कोई मेहबूब नहीं है क्या ,
जो हर बार मुझे ही कोसने लगते हो , जरा ध्यान से सुन
मेरा काम है शरीर को खून सप्लाई करना ,
अपनी शायरी अपने पास ही रख
अगर मैं हड़ताल पे चला गया ,तो तूं और तेरी शायरी
यकीन कर लो दोनों ,सीधे चार कन्धों पे ही जाओगे
मोहब्बत में अक्सर लोग , बहक जाते है , जैसे तुम
बेतुके बेमतलब कसीदे पढ़े चले जाते है ,.......
मैं तेरा दिल हूँ इसकी हर धड़कन में मेरा जवाब है
निकला हर लब्ज जुबान से तेरी एक खुराके दावत है ,
अलग अलग जिसका स्वाद है ,और एक मिज़ाज़ भी ,
बोलने से पहले खुद चख लीजै , जनाब ,
मत करवा बैठना अपनी मिटटी खराब,
मैं तो तेरा दिल था एक पत्थर के माफिक जो सेह गया
अच्छा न लगे तो दूसरों को मत परोसिये ,
वरना मेहबूबा के रुसवा होने में देर न लगेगी
जिंदगी के सफर में बस इतना नही समझ पाए हम ,
वह लैला मजनू और शीरी फरहाद की मोहब्बतें ,
किताबी किस्से थे या कोई हकीकत ?, अगर हकीकत थी ?
तो फिर आज कोई वैसी किताबे मोहब्बत क्यों नहीं छपती
मोहब्बते पहले भी नाकाम रहती थी , तब वजह थी कोई और
आज भी परवान नहीं चढ़ती है तो वजह है कोई और ,
क्योंकि मोहब्बत का दिल्लों पे नहीं रहा आज कोई जोर ,
दिन रात की है हलचल वहां ,दौलत ही के किस्से है ,
वह तो आज भी है वीरान ,जहाँ कभी मेहबूब होता था ,
कभी इश्क तो कभी नफरत वो हमसे करते रहे ,
तजुर्बा तो था नहीं , हर नादानी हम एक पे एक करते रहे ,
ग़मे मोहब्बत में कभी ,घबरा के पी गए ,
शादी बिहाह में किसी की नाचते नाचते पी गए ,
यूँ तो पीने की कभी आदत न थी अपनी ,
बोतल को यूँ तनहा पड़े देखा तो ,
तरस खा के ,साथ देने को पी गए ,
लोगो ने पुछा जब उम्र थी , जवानी थी
तब तो , नजरें मिला न पाए , अपने मेहबूब से
अब तो बाल भी नहीं बचे चाँद पे तुम्हारे ,
एक सेंडल भी पड़ा तो ,नजर आएंगे तारे
लेकिन दोस्त हमने तो सुना था ,
मोहब्बत हम उम्र से हो यह जरूरी नहीं ,
कितने ही बेमेल रिश्तों को जवान होते देखा है
इश्क खुद हर उम्र को हम उम्र बना लेता है
यूँ तो मोहब्बत में ,
किसी का, मेहबूबा बन जाने का
कोई पैमाना नहीं ,
फिर भी दिमाग नहीं ,दिल से ही समझना
जो तुमको अपने दुःख दर्द खुल के बता दे
तुम्हारे भले के लिए वो तुम पर हक जता दे ,
और कहे सब बुरी आदते छोड़ने को ,
तुम्हारी फ़िक्र में खुद ही दुबली भी होने लगे
तो समझ लेना वही तुम्हारी मेहबूबा है।
मोहब्बत और व्यपार वही करे जिसमें ,
नुक्सान सहने की ताकत हो ,
बिना नुक्सान उठाये मुनाफा नहीं होता ,
चाहे हो व्यपार या हो मोहब्बत
कदर किया करो ,पसंदे मेहबूबा की ,
जो अपने एक मैचिंग सूट के दुप्पट्टे के लिए ,
पूरी दुकान उलट पुलट कर डालती थी ,
और आपको बिना , न नुकर ही अपना लिया
ज्यादा मीन मेख ना निकाल अब
उसके हाथों से बनी रोटी का ,
मत भूल वोह तेरी बीवी बनने से पहले
तेरे दिलकी मालकिन ,तेरी मेहबूबा थी
उम्र के उस पड़ाव पर आ गए हैं कि
रोज डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे, वैलेंटाइन डे
किसी डे से कोई फर्क नहीं पड़ता
अगर फर्क पड़ता है तो सिर्फ
ड्राई डे से...
अल्फाज तो जमाने के लिए हैं ,
तुम तो मेरे अपने हो मेरे मेहबूब , चले आना कभी भी दिल मे
तुम्हे खुद से मिलवाएंगे , इसकी धड़कनो का संगीत सुनाएंगे
मेहबूब की मोहब्बत ने चिता की आग से पुछा ,हम दोनों में बड़ा कौन बता तो ? तू इंसान को मरने पर एक ही बार जला पाती है और मैं तो जीते जी इंसान को पल पल जलाती हूँ, तू तो एक ही बार मे खत्म कर देती है ,मेरी जकड़ में आने के बाद तो बड़े बड़े छटपटाते ही रहते है निकल नहीं पाते।तेरा नाता तो मृत्यु से है मेरा नाता हर उस इंसान से है जो जिंदा है ।तूँ अंतिम सत्य और जिंदगी का मैं प्रथम सत्य ।
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मेरे दोस्तों की भी बड़ी अजीब दुनिया है पढ़े लिखे तो हैं पर समझना नही चाहते , कहते है ऐसा कोई सब्जेक्ट ही नही था कॉलेज में ,इस लिए interpretation ऑफ statues तो पढ़ लिया पर interpreting intelligenc /friends नहीं पढ़ पाए क्यों कि ?
ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं। यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में जीवी गुलाब। किसी को दो रातों के बीच एक दिन नजर आता है तो किसी को दो सुनहरे दिनों के बीच एक काली रात। किसी को भगवान में पत्थर नजर आता है और किसी को पत्थर में भगवान।
किसी को साधु में भिखारी नजर आता है और किसी को भिखारी में भी भी साधु। किसी को मित्र में भी शत्रु नजर आता है और किसी को शत्रु में भी मित्र। किसी को अपने भी पराये नजर आते हैं तो किसी को पराये भी अपने।
किसी को कमल में कीचड़ नजर आता है तो किसी को कीचड़ में कमल। अगर आप चाहते हैं कि हर वस्तु आपके पसन्द की हो तो इसके लिए आपको अपनी दृष्टि बदलनी पड़ेगी क्योंकि प्रकृति के दृश्यों को चाहकर भी नहीं बदला जा सकता।
!!!...मनचाहा बोलने के लिए..अनचाहा सुनने की ताकत होनी चाहिए...!!!
बाबा नागपाल जिसकी दुनिया तो क्या उसके मित्र ही नही सुनते
बेचारा रिटायर्ड पति😂 😂😂😂क्या करे ?आँखें भी दिखाए तो किसे? न वोह दफ्तर रहा न वोह अधिकारी वो तो इज़्ज़त थी सरकारी अब न कुर्सी न वोह अदब से बोलने वाले , रिटायर क्या हुए जैसे गाड़ी के टायर ही नहीं रहे रॉब चले भी तो किसपे ,न घर के रहे न घाट के🤪
👉रिटायर पति अगर देर तक सोया रहे तो....
बीवी : अब उठ भी जाइये ! आपके जैसा भी कोई सोता है क्या ? रिटायर हो गये तो इसका मतलब यह नहीं कि सोते ही रहियेगा....!
😐😐😐😐😐
👉रिटायर पति अगर जल्दी उठ जाये तो....
बीवी: आपको तो बुढापे में नींद पड़ती नहीं, एक दिन भी किसी को चैन से सोने नही देते हो, 5:30 बजे उठ कर बड़ बड़ करने लगते हो। अब तो आफिस भी नहीं जाना है, चुपचाप सो जाइये और सबको सोने दीजिए.....!
😢😢😢
👉रिटायर पति अगर घर पर ही रहे तो....दिल लगाने को उसके पास एक मोबाइल ही तो है जिसमे अपने राज गर्ग की अप्सराएं हमेशा हमारा इंतेज़ार करती है लेकिन पत्नी जी को हमारा मोबाइल पे यू गाना बजाना लडकिया ताड़ना कहाँ गवारा ह्योगा दोस्तो 🤪
बीवी: सबेरा होते ही मोबाइल लेकर बैठ जाते हो और चाय पर चाय के लिए चिल्लाते रहते हो, कुछ काम अपने से भी कर लिया कीजिए । सब लोगों को कुछ न कुछ काम रहता है, कौन दिनभर पचास बार चाय बना कर देता रहे। यह नहीं होता है कि जल्दी से उठकर नहा धोकर नाश्ता पानी कर लें, अब इनके लिए सब लोग बैठे रहें....!
😢😢😢
👉रिटायर पति अगर घर से देर तक बाहर रहे तो....
बीवी : कहाँ थे आप आज पूरा दिन ? अब नौकरी भी नही है, कभी मुँह से भगवान का नाम भी ले लिया कीजिए...!
😢😢😢
👉रिटायर पति अगर पूजा करे तो...
बीवी : ये घन्टी बजाते रहने से कुछ नहीं होने वाला। अगर ऐसा होता तो इस दुनिया के रईसों में टाटा या बिल गेट्स का नाम नहीं होता, बल्कि किसी पुजारी का नाम होता...!
😢😢😢
👉रिटायर पति अगर पत्नी को घुमाने के लिए ले जाए तो...
बीवी : देखिये, सक्सेना जी अपनी बीबी को हर महीने घुमाने ले जाते हैं और वो भी स्विट्जरलैंड और दार्जिलिंग जैसी जगहों पर, आपकी तरह "हरिद्वार" नहाने नहीं जाते....!
😢😢😢
👉रिटायर पति अगर अपनी ऐसी-तैसी करा कर नैनीताल, मसूरी, गोवा, माउन्ट आबू, ऊटी जैसी जगहों पर घुमाने ले भी जाए तो....!
बीवी : अपना घर ही सबसे अच्छा, बेकार ही पैसे लुटाते फिरते है। इधर उधर बंजारों की तरह घूमते फिरो। क्या रखा है घूमने में ? इतने पैसे से अगर घर पर ही रहते तो पूरे 2 साल के लिए कपड़े खरीद सकते थे...!
*👉रिटायर्ड पतियो की मनोदशा का संकलन...!!!! 🌹🌹🙏चाहे कोई जज रहा हो या बड़े से बड़ा सुप्रीम कोर्ट का वकील या हो commissoner अंत मे उसकी अपील या certificate ऑफ appreciation Home ministry ही खारिज़ कर देती है। दोस्तो बुरा मत मान लेना यह किसी पे कटाक्ष नही एक हकीकत है।
वकील होना भी कहाँ आसान है दोस्तों..?
ना किसी के ख्वाबो मे मिलेंगे,
ना किसी के अरमान मे मिलेंगे,
हम हमेशा ऑफिस या कोर्ट मे मिलेंगे,
गर्मी, सर्दी, बरसात यूँ ही गुजर जाती है,
नींद भी पूरी होती नही की रात गुजर जाती है,
होली, दिवाली, नवरात्री, 31st पर भी हम काम मे मिलेंगे,
तुम आ जाना दोस्त
हम हमेशा ऑफिस या कोर्ट मे मिलेंगे,
जमाने भर की खुशियों से अलग है हम,
लोगो को लगता है गलत है हम,
बीमार होकर भी ठीक रहती है तबियत हमारी,
कोई आजकल पूछता भी नही खैरियत हमारी,
कभी क्लाइंट को मुश्किलों से छुड़ाने में तो कभी क्लाइंटसे डिस्कशन में तो कभी कोर्ट के काम बिज़ी मिलेंगे,
तुम हमेशा आ जाना ऐ दोस्त हम हमेशा ऑफिस या कोर्ट मे मिलेंगे।।।
*सभी सम्मानित अधिवक्ताओं को समर्पित
तारीफ़ और ख़ुशामद में एक बड़ा फ़र्क़ है....साहेब
तारीफ़
आदमी के "काम"की होती है, और
ख़ुशामद
"काम" के आदमी की !
चिन्ता ने चिता से आंखों ही आंखों मुस्कुराते हुए बताया , हम दोनों में बड़ा कौन बता ? तू इंसान को मरने पर एक ही बार जला पाती है और मैं तो जीते जी इंसान को पल पल जलाती हूँ, तू तो एक ही बार मे खत्म कर देती है ,मेरी जकड़ में आने के बाद तो बड़े बड़े छटपटाते ही रहते है निकल नहीं पाते।तेरा नाता तो मृत्यु से है मेरा नाता हर उस इंसान से है जो जिंदा है ।तूँ अंतिम सत्य और जिंदगी का मैं प्रथम सत्य ।
सुबह का टहलना बहुत मजेदार और सेहत के लिये फायदेमंद है ।
माॅर्निंग वाक के प्रकार-
1.डाक्टर के कहने से पहले जो टहलते हैं,उसे माॅर्निंग वाक कहते है ।
2.डाक्टर के कहने के बाद जो टहलते है,उसे वार्निंग वाक कहते हैं ।
3.जो अपनी पति,पत्नी के कहने पर टहलने जाते हैं,उसे डार्लिंग वाक कहते हैं ।
4.जो दुसरों की सेहत से जलन महसूस कर टहलने जाते हैं,उसे बर्निंग वाक कहते हैं ।
5.जो अपनी पत्नी के साथ टहलने के बावजूद दुसरे महिलाओं को मुड़-मुड़ कर देखते-देखते टहलते हैं,उसे टर्निंग वाक कहते हैं ।
*टहलने की प्रेरणा चाहे जैसे मिले टहलते रहिये,स्वस्थ रहिये ।
कुछ लोगो को लगता है की उनकी चालाकियां मुझे समझ नहीं आती,
मैं बड़ी ख़ामोशी से देखता हूँ उनको अपनी नजरों से गिरते हुए
बहुत सी गलतियां हुई जिंदगी में,
लेकिन जो गलतियां लोगों को पहचानने में हुई,
उसका दुख सबसे ज्यादा है।
हर इक इंसान हवा में उड़ता फिरता है ..
फिर ना जाने क्यूं धरती पे इतनी भीड़ है
थोडी मोहब्बत और आदर से स्पर्श
करके तो देखिये..
इंसान का ह्रदय भी टच
स्क्रीन से कम नही...
मायके गई हुई पत्नी ने
अपने पति को फोन किया
और कहा कि अब तो मुझे ले जाओ ...और कितना तरसाओगे?
पति: कुछ दिन और रह लो !!!! ऐसी भी क्या आफत है मायका ही तो है तुम्हारा कोई ससुराल थोड़ा ही है ?
पत्नी: नहीं जी।आप सुनो तो
भाई, भाभी, बहन, मम्मी, पापा सब से 2-3 बार झगड़ा कर लिया
लेकिन तुम्हारे जैसा मज़ा नहीं आता ...।
देखो, शादीशुदा व्यक्ति पत्नी से सब्जी की तारीफ़ जैसा कुछ कर रहा है, या अपना ये लोक सुधार रहा है:
"क्या कमाल की सब्जी बनाई है, लव यू, बस थोड़ा नमक ज्यादा है,
मुझे लगता है मार्केट में नमक ही ठीक नहीं आ रहा, इस बार कोई खास मेहमान आए तो यही सब्जी बनाना और थोड़ा जयादा करारी कर देना,
और हां इतना लहसुन अदरक मत डालना,
मेहमान कौन सा बिल देकर जाएगा।
तड़का तो एकदम टॉप है पर लगता है कड़ाही का पेंदा बेकार है इस कारण जलने की स्मैल आ रही है।
कल ही नई कड़ाही लाएंगे।
ये तुमने बहुत बढ़िया किया जो आलू नहीं छीले,मैंने आज ही नेट में पढ़ा है , आलू के सारे गुण छिलके में होते हैं,
और हां ऐसा करो ये सब्जी अभी फ्रिज में रख दो परसों खाएंगे जब आलू और तड़का और मिक्स हो जाएंगे तो बहुत स्वाद आयेगा,
ये सब्जी तुम बनाया ही ना करो, ख्वामखाह किसी की नजर लग जाएगी।
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#अद्भुत_संयोग
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फास्ट फूड रेस्टोरेंट में एक आदमी आया और उसने हरियाली कबाब के साथ चिली सॉस का आर्डर दिया।पास बैठी एक सुंदर महिला ने भी वही ऑर्डर किया और बोली- "कैसा अद्भुत संयोग है!आपके और मेरे खाने की पसंद एक जैसी है।हरियाली कबाब और चिली सॉस।बाई द वे मेरा नाम रत्ना है।आपका ?"
"रतन।"
"कैसा अद्भुत संयोग है!हम दोनों के नाम भी एक जैसे हैं।दोनों का अर्थ भी एक ही है।आप क्या यहाँ अक्सर आते हैं?"
"नहीं।आज मैं सेलिब्रेट करने आया हूँ।"
"अद्भुत संयोग है। मैं भी सेलिब्रेट करने आई हूँ। जान सकती हूँ,आप क्या सेलिब्रेट कर रहे हैं?"
"मेरे पोल्ट्री फार्म की मुर्गियाँ करीब 4 साल से अंडे नहीं दे रही थीं।आज सुबह उन्होंने अंडे दिए। तो उसी खुशी को सेलिब्रेट करने आ गया।"
"कैसा अद्भुत संयोग है!मेरी शादी के 4 वर्ष हो गए। संतान नहीं होती थी।आज ही प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव हुआ।बाई द वे,मुर्गियों ने कैसेअंडे दिए?"
" मैंने मुर्गा बदल दिया।और आप?"
महिला मुस्कुराई और धीरे से बोली --"कैसा अद्भुत संयोग है!"
पत्नी: "अगर आप लॉटरी से 1 करोड़ जीत गए लेकिन मुझे 1 करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया, तो आप क्या करेंगे?"
पति: "अच्छा सवाल है, लेकिन मुझे शक है कि एक ही दिन में मेरी दो बार लॉटरी कैसे लग सकती है "...
ताऊ ने इकसठ नम्बर पर सट्टा लगाया। नम्बर आ गया। ताऊ करोड़ पति।
एक पत्रकार इंटर्व्यू लेने आ गया।
“ताऊ तुमने इकसठ पर ही सट्टा क्यूँ लगाया?”
ताऊ, ”बात ऐसी है पत्रकार। मैं सुबह उठा। मुझे आसमान में आठ पंछी दिखायी दिए। और तारीख़ थी नौ। बस मैंने आठ निम्मा कर दिया। आठ निम्मा इकसठ। लगा दिया सट्टा।”
पत्रकार, “पर ताऊ आठ निम्मे तै बहत्तर है।”
ताऊ, “बस तेरे चक्कर में रहता तै लग ली लॉटरी”
😂🤣
लाॅकडाउन के कारण 5 दिन से घर पर बैठा हुं ,
पत्नी कई बार आते जाते बोल चुकी है
"पता नहीं यह बीमारी कब जाएगी"
🧐
समझ नहीं आता कि वह कोरोना को
बोल रही है या......??
मैं औऱ मेरी तनहाई,
अक्सर ये बाते करते है..
ज्यादा पीऊं या कम,
व्हिस्की पीऊं या रम।
या फिर तोबा कर लूं..
कुछ तो अच्छा कर लूं।
हर सुबह तोबा हो जाती है,
शाम होते होते फिर याद आती है।
क्या रखा है जीने में, असल मजा है पीने में।
फिर ढक्कन खुल जाता है,
फिर नामुराद जिंदगी का मजा आता है।
रात गहराती है,
मस्ती आती है।
कुछ पीता हूं,
कुछ छलकाता हूं।
कई बार पीते पीते,
लुढ़क जाता हूं।
फिर वही सुबह,
फिर वही सोच।
क्या रखा है पीने में,
ये जीना भी है कोई जीने में!
सुबह कुछ औऱ,
शाम को कुछ औऱ।
थोड़ा गम मिला तो घबरा के पी गए,
थोड़ी ख़ुशी मिली तो मिला के पी गए,
यूँ तो हमें न थी ये पीने की आदत...
शराब को तनहा देखा तो तरस खा के पी गए।
. कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी
कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।
न पूर्ण विराम सुख में,
न पूर्ण विराम दुःख में,
बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी।
प्यार की डोर सजाये रखो,
दिल को दिल से मिलाये रखो,
क्या लेकर जाना है साथ मे इस दुनिया से,
मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से
रिश्तों को बनाए रखो..........
एक प्यार ऐसा भी....
नींद की गोलियों की आदी हो चुकी
बूढ़ी माँ नींद की गोली के लिए ज़िद कर रही थी।
बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी।
बहु डॉक्टर थी।
बहु सास को नींद की
दवा की लत के नुक्सान के बारे में बताते
हुए उन्हें गोली नहीं देने पर अड़ी थी।.
जब बात नहीं बनी तो सास ने गुस्सा
दिखाकर नींद की गोली पाने का
प्रयास किया।
अंत में अपने बेटे को आवाज़ दी।
बेटे ने आते ही कहा,'माँ मुहं खोलो।
पत्नी ने मना करने पर भी बेटे ने जेब से
एक दवा का पत्ता निकाल कर एक छोटी
पीली गोली माँ के मुहं में डाल दी।
पानी भी पिला दिया।गोली लेते ही आशीर्वाद देती हुई
माँ सो गयी।.
पत्नी ने कहा ,
ऐसा नहीं करना चाहिए।'
पति ने दवा का पत्ता अपनी पत्नी को दे दिया।
विटामिन की गोली का पत्ता देखकर पत्नी के
चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी।
धीरे से बोली
आप माँ के साथ चीटिंग करते हो।
''बचपन में माँ ने भी चीटिंग करके
कई चीजें खिलाई है।
पहले वो करती थीं,
अब मैं बदला ले रहा हूँ।
यह कहते हुए बेटा मुस्कुराने लगा।" - एक प्यार ऐसा भी - जरूर पढ़े
ये रचना मेरी नहीं हैं मुझे प्यारी लगी तो आ
कुछ दोस्त ऐसे है जो घर से बीवी की लात खाकर आते है ।
और दोस्तो से कहते फिरते है।
आज तो लेग पीस खाकर आया हूं😡