Sunday, August 29, 2021

AUGUST 28th , 6.30 PM "ADABI SANGAM MEET -AS=MEETING # 502" ------KHOJ --- तलाश - DR SETHI'S RESIDENCE CONNECTICUT

AUGUST 28 th , 6.30 PM 
"ADABI  SANGAM MEET -AS=MEETING # 502"   ------"KHOJ"  -----------------  
 DR SETHI'S RESIDENCE CONNECTICUT 





बड़े सवाल हैं जिंदगी में जिनके माकूल उत्तर की है तलाश हमे 
जिंदगी का दूसरा नाम ही खोज है , हमारी जरूरत ही हमारी खोज की बुनियाद है 
necessity is the mother of inventions 
रात दिन की हमारी भागदौड़ कुछ न कुछ खोजने में ही तो बीत रही है , किसी ने जमीन से पुराणी सभ्यताएं  पाताल से खोज निकाली , दबे गढ़े शहर और महल खोज निकाले , किसी ने तेल की खोज में समुन्दर के गर्भ को खोद डाला , यहाँ भी जी नहीं भरा तो चल पड़े ब्रह्माण्ड में दुसरे ग्रहों की खोज में के शायद जो वह  पृथिवी लोक में नहीं पा सके आकाश लोक में मिल जाए, कुछ पा लेते हैं और कुछ गवा देते है लेकिन खोज फिर भी जारी रहती है। पृथिवी के ख़ज़ाने लूट कर इंसान अब चला है  आसमान लूटने सिर्फ "खोज के" नाम पर , लेकिन इंसान ने अपनी खुशियां खो कर यह सब पाया है , अब हमें उस खोई ख़ुशी की तलाश भी है। 

 जिंदगी सोज जरूर बने पर साज न होने पाए , ( PASSION )
 दिल तो टूटे मगर आवाज न होने पाए  ( लोगों को पता न चले )
खाज कितनी भी उठे सीने में , खोज फिर भी रुकने न पाए 

                                                 क्योंकि सचाई ही यही है " जिन खोज्या  तीन पाया "


तू कितना भी खुशकिस्मत हो , कितना भी  हो दौलतमंद, 
 यह तेरी मेहनत , हिम्मत, लगन  है या  है तू अकल्मन्द 
तो मालुम होगा तुझे यह भी के , बिना खोज के 
बिना किसी मार्ग दर्शक गुरु की प्रेरणा के 
अपने साथ GPS लगा कर हम हर मंजिल तो खोज लेते हैं । 
परन्तु खुद को अपने अंतर्मन से आज तक नहीं खोज पाए 

खुद की  खुद के भीतर खोज करना है तो कुदरत के नियम भी समझ लो ,  यहाँ कोई इंसानी GPS काम नहीं आता 

1 . दिमाग को हमेशा सद विचारों से सींचो , वरना खाली पड़ी जमीन पे बीज न डाले जाएँ तो घास फूस ही अपने आप उग जाता है यानी खुद की खोज के लिए अच्छे विचारो से दिमाग को भरो वरना खोज को खाज बनने में वक्त नहीं लगता। 

2  प्रकृति का दूसरा नियम है " किसी भी तरह की खोज के लिए ज्ञान का होना , जिसके पास जो होता है गलत या सही वही उसका ज्ञान होता  है , वही दूसरों को भी बांटता रहता है , डरा हुआ इंसान डर बांटता है , सुखी इंसान सुख और दुखी इंसान दुःख , ज्ञानी इंसान अपना ज्ञान , और confused इंसान अपना confusion बांटता  फिरता है , हमे अपने मतलब का मार्ग इसी में से खोजना होता है। 

3 . तीसरा प्रकृति का नियम भी बहुत महत्वपूर्ण है जरा आज के सन्दर्भ में विचार करें 
आपने जीवन में जो भी खोजा या पाया उसे संभालना और पचाना सीखो क्योंकि " भोजन न पचने पर रोगी हो जाओगे , 
कमाई हुई दौलत न पच्ची तो दिखावे में जाया होगी , 
किसी की बात न पचने पर चुगलखोरी की आदत बन जाती है , 
प्रशंसा या तारीफ़ अगर सर चढ़ जाए तो अहंकार बढ़ता है , 
निंदा न पचने पर दुश्मनी बढ़ती है ,
किसी के राज को न पचा पाए तो खतरे , 
दुःख न पचने पर निराशा बढ़ती है , सुख न पचने पर पाप बढ़ने लगता है 

यही तीन नियम हमने जीवन में खोज लिए है जो बिलकुल सच हैं  जिसे आज हम अपने अदबी संगम में आप से बाँट रहे है 


खुद की खोज में निकल, हिम्मत कर ,है किस लिए तू  हताश ,? 
तू बढ़ा चल तेरे वजूद की, खुद वक्त को भी है तलाश ,


एक  छोटी  सी  बात  .... हम सब जानते है 

 हर उस खोज में हर कोई  पूरी पूरी रात जगा है 

कोलंबस खोजने चला था इंडिया को पहुंच गया अमेरिका 

लेकिन वास्कोडिगामा चला खोजने अमेरिका को पहुँच गया भारत के गोवा में ? खोज तो लिया खतरों से खेल कर भी इन दोनों खोजिओ ने अपनी जान की बाजी लगा कर ,क्योंकि उन्हें तलाश थी भारत की  धनदौलत की , सभ्यता की , नाना प्रकार के मसालों और औषधिओं की , वह खुद तो नहीं रहे पर उनकी वह खोज आज भी हमारे साथ है 

एक दरिद्र------ पेट की आग बुझाने के लिए धन  खोजता है ,

 और भरपेट खाने वाला अमीर , हाजमे की गोली 

एक थका हारा इंसान नींद में सकूँन  खोजता है ,

एक अमीर  पैसे खर्च करके  नींद  की गोली    (खोजता है )

एक डाकू दुसरे के धन को  लूटने के बहाने खोजता है

और एक साध इंसान अपने धन को गरीबो को लुटाने के तरीके खोजता है 

सरकारें जनता पर टैक्स लगाने के बहाने तलाशते है और 

टैक्स देने वाला सरकार  को चकमा देने के तरीके , 

सभी तो लगे हैं खोज में 

परिंदों की खोज जा रुकी कुछ तिनको पर , जिससे खूबसूरत आशियाँ उनका बन गया ,

मगर इंसान ने बनाए अपने लिए तीन आलिशान मकान , रहता वह सिर्फ एक में ही है

 फिर भी। हसरतें जिन्दा हैं तलाश अभी बाकी है ,

चौथे की खोज जारी है  

कहते  हैं ...न की 

अगर  कहीं ,  हमारा  होना   या   ना होना 

एक  बराबर  हो , तो  ना होना  --बहुत  अच्छा  होता  है 


वो अल्फ़ाज़ ही तो होते है 

जो दिल मे उतर जाते है.. साहिब...!

रुतबो का क्या शोहरत मिली और बदल गए...!! 


हमारे एक मित्र को भी थी तलाश ,
एक अदद दूल्हे की ताकि ,अपनी बेटी का घर बसा सके 
तलाश जितनी पुरजोर थी 
पड़ताल उससे भी जबरदस्त 
लड़के की तलाश है या  X -ray रिपोर्ट 

खुद का मकान है कि नही?
अगर है तो फर्नीचर कैसा है?
घर में कमरे कितने हैं?

गाडी है की नही?
है तो कौनसी है?
लड़का करता  क्या है , क्या उम्र है कितना पढ़ा है 
जहाँ रहता है वह मकान कितना बड़ा है ? 
अपनी औकात से बढ़कर की गई तलाश को हमेशा 
अंत में कुंडली हताश करती है 
गोया रिश्ता होने से पहले ही बिखर गया 
लेकिन  तलाश फिर भी जारी है 

कितनी भीड़ रहती है उसके घर में रिश्तेदारों की 
एक बड़ी फ़ौज भी हो नौकर ,चौकीदार सेवादारों की 
गोया दूल्हा नहीं कोई प्रिंस चार्ल्स चाहिए ?
कहाँ होती है पूरी मुरादे यूँ सोचने से ?
लेकिन तलाश फिर भी जारी है 

बड़ी अजीब से त्रास से ,प्यासी है आज की पीढ़ी 
सीधी दौलत की लिफ्ट हो , नहीं चाहेए सीढ़ी 
इसी रस्साकशी में उम्र गुजरी जाती है ,
थोड़ा इंकार थोड़ा इंतज़ार, 
रिश्ते जुड़ नहीं पाते मन सवभाव संस्कार मिल नहीं पाते ,

 लेकिन तलाश फिर भी जारी है 

अब इस वहम  का इलाज भी  तो खोजना चाहिये हमें के नहीं ?
आप सोचिए जिनके साथ कुंडली मिलती है 
लेकिन वहां घर और लड़का अच्छा नहीं 
और जहाँ लड़के में सभी गुण हैं
 वहां कुण्डली नहीं मिलती 
और हम सब कुछ अच्छा होने के बावजूद भी कुण्डली की वजह से रिश्ता छोड़ देते हैं,

आप सोच के देखें 
जिन लोगो के 36 में से 20 या फिर 36 /36 गुण भी मिल गए फिर भी उनके जीवन मे क्या तकलीफें नहीं आती ? बहुत आती है जनाब , फिर भी इस वैज्ञानिक युग के लोग इस रूढ़ि वादी परम्परा का इलाज नहीं खोज पा  रहे 


ऐसी ही हमने भी बड़ी खोज की थी अपने व्यपार को बढ़ाने  की
दूकान तो चल निकली पर शरीर रुक गया ,लेकिन हमने 
भी कुछ डॉक्टर खोज निकाले जो हमें फिरसे चलता फिरता करदे 
 

बीमार पड़ोगे तो दवाइयां ढूंढ़ने में भी काफी कष्ट है जनाब , 
कोई भी दवाई आज तक बनी नहीं जो तुम्हे हमेशा जिन्दा रख सके , 
दवा अगर जहर भी है तो पी ले ख़ुशी ख़ुशी 
यही  तो एक करार है बीमार और तीमारदार का, 
खोजते रहिये जिंदगी ,
जब तक मौत खुद ही आप को न खोज ले 😐😕😟

**************

पेशेंट : "डॉक्टर साहब, 

इस प्रिस्कीप्शन में आपने जो दवाइयाँ लिखी हैं, उनमे से सबसे ऊपर की नही मिल रही हैं.   

डॉक्टर: " वो दवाई नही है, मैं तो पेन चलाकर देख रहा था,चल रहा है कि नहीं ...!!!

पेशेंट: अबे कमीने...

मैं सारे शहर के 70 मेडिकल स्टोर्स  घूम के आया हूँ तेरी हैंडराइटिंग और पेन को टेस्टिंग के चक्कर में।   😡साला एक मेडिकल वाले ने तो ये भी कहा! कल मंगा दूँगा....🙏

दूसरा कह रहा था....ये कंपनी बंद हो गयी....दूसरी कंपनी की दे दूँ क्या?? 🥺

तीसरा कह रहा था....इसकी बहूत डिमाण्ड चल रही है.....ये तो ब्लेक में ही मिल पायेगी!  😫

साला चौथा तो बहूत ही एडवांस था..

.बोला ये तो Corona third wave DELTA VARIENT  की  एडवांस दवाई है... किसको हो गया है तुम्हारे घर में ?जो अभी से ही जमा करने में लगे हो ???,

इतनी खोज दवाई की कर ली मैंने 

काश इसका आधा वक्त भी 

अपनी सेहत और खानपान पे ध्यान देता तो जीवन की तलाश आसान हो जाती 

जिंदगी में हमारी खोज कितनी ऊंचाई तक पहुंचेगी यह हमारी अंदर छुपी आत्म शक्ति पर निर्भर है , जैसे एक गुब्बारा जब आकाश को छूने लगता है वह अपनी वजह से नहीं बल्कि उसके भीतर भरी हुई गैस जो उसे ऊंचाई दिलाती है 



हर एक शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया हमें..साहिब..!
किसी ने हमें खोज निकाला और तलाशते रहे किसी को  हम उम्र भर ,
एक खुशफहमी पाले  रहे हमेशा के ,लोग हमें पसंद करते हैं...!!

बस हमें ही नहीँ रहा अब शौक ऐ मोहब्बत की तलाश का 
वर्ना साहिब...! गुजरते हैं जब भी उन गलिओं से 
उसके  शहर की खिड़कियां तो ,इशारा आज भी करती हैं..!!

प्यार तलाश न कर पाए 
बेवजह दीवार पर..  लगा ,इलज़ाम है बटवारे का
 वरना कुछ लोग तो एक कमरे में भी ,अलग अलग रहते हैं..


खुद को खोजना है तो 



 खोज तो हमेशा की तरह आज भी अभी भी जारी है 
नदी से  -  पानी नहीं , रेत खोज रहे हैं हम 
पहाड़ से - औषधि नहीं , पत्थर खोज रहे हैं  हम 
पहाड़ो से सुरक्षा नहीं सुरंगे खोद रहे हैं हम 
पेड़ से  - छाया नहीं , लकड़ी खोज रहे हैं हम 
खेत से - अन्न नहीं , 
जमीन  बेच धन खोज रहे हैं हम 

उलीच ली रेत, खोद लिए पत्थर,
काट लिए पेड़, तोड़ दी मेड़

रेत से पक्की सड़क , 
पत्थर से महल नुमा मकान बनाकर
 लकड़ी के नक्काशीदार दरवाजे सजाकर,
अब भटक रहे हैं.....दर दर !! 
खोज रहे है उस जीवन दाई पानी को 
जिसे हमने अपनी खोजों के नशें में चूर होकर 
पाताल से भी गहरे गर्त में  दफना दिया 

सूखे कुओं में झाँकते, 
वीरान रीती नदियाँ ताकते, 
कुछ झाड़ियां खोजते हैं लू के थपेड़ों में,
बिना छाया के ही हो जाती अब तो सुबह से शाम....!!!
और गली-गली ढूंढ़ रहे हैं हम आक्सीजन के बाम 



जुदाईयां ही जब मुकद्दर हैं,
तो वफ़ा की तलाश क्यों 
 
इश्क तो आखिर इश्क है जनाब , जोड़ियां तो ऊपर बनती है न ?
कम कैसा और ज्यादा कैसा...?
खुद बखुद हो जाता है तो  फिर इसकी तलाश क्यों ?


लेकिन आधुनिक युग के GPS के बिना हमारी पुरानी जिंदगी में रास्तों की खोज कुछ यूँ हुआ करती थी 



 एक बार एक अँग्रेज रोहतक मेँ रास्ता भूल गया। उसने वहाँ पुलिस वालोँ से पूछा

"Will you please guide me the way to the bus stand?"

पुलिस वाला : के कहवै है ?

अँग्रेज ने फिर दूसरे पुलिस वाले से पूछा
"Will you please tell me the way to reach the bus stand?"

पुलिस वाला : के कह रहा है भाई?
"
अँग्रेज वहाँ से चुपचाप चला गया बुदबुदाते हुए you dont know english 
"
पहले पुलिस वाले ने दूसरे को कहा -
 रामबिलास भाई, जिंदगी में कोई किसी ते रास्ता बूझना हो तो आदमी नै अँग्रेजी जरूर आणी चाहिए, किम्मै एमरजैँसी मैँ काम आ जा है
"
दूसरा पुलिस वाला : उस अँग्रेज नै तो अँग्रेजी आवै थी,  उसके काम आयी कै???
***
स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो,

     गति धीमी करने से  झटका   नहीं   लगता ।                 

उसी तरह
    मुसीबत कितनी भी बड़ी हो
          
शांति से विचार करने पर
   जीवन  में  झटके  नही  लगते    


आज भी हम खोज रहे है उन बीते हुए सुनहरी पलों को ऐसे विचारों को सिर्फ गीतों में 

"ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी❤️❤️😍"


न मैं बोलूँ ,न कुछ  लिखूँ ...दोस्तों 
तो ये मत समझना कि भूल गए हैं हम ..
.हम भी खुद को खोजने में ,बरसों से किसी खोज में लगें है








FINAL----- LAC 
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खामोशियों ने भी तो...
कुछ जिम्मेदारी ले रखी है ...
सुखी होने के चक्कर में जो
पूरी जिंदगी दुखी रहता हैं......
"उसी का नाम इंसान है"...!!
इंसान इतना डरपोक है कि 
सपने में भी डर जाता है...! 
और इतना निडर है कि,
जब जागता है तो...
भगवान से भी नहीं डरता...!!
अपना अंदाज कुछ अलग है सोचने का , 
सब को मंजिल की तलाश है और मुझे सही रास्तों की ,
लोगो ने समझाया पैसा संभाल के रखो बुरे वक्त में काम आएगा ,
हमने कहा अच्छे लोगों को साथ रखो , बुरा वक्त ही नहीं आएगा 


चलने की कोशिश तो करो
दिशायें बहुत हैं
रास्तो पे बिखरे काँटों से न डरो,
तुम्हारे साथ दुआएँ बहुत हैँ
ये ज़िन्दगी तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो है
कुछ महकती है, कुछ मुरझाती है
और कुछ चुभ जाती है...
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते
पर आप अपनी आदतें बदल सकते है 
और निशचित रूप से आपकी आदतें
आपका भविष्य बदल देगी



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दोस्तों की महफ़िल जमी थी , मैंने पुछा दोस्तों आप सब लगभग 70 साल से काफी ऊपर की उम्र के हैं , आपने अपने जीवन में क्या क्या खोजा  था और क्या पाया है और क्या नहीं मिला ?
उसने जवाब दिया , मैंने सबको प्यार दिया है अपनी पत्नी को ,अपने माता पिता को , परिवार को , बच्चों को भाईओं को , अपने दोस्तों को , अब जिंदगी के इस पड़ाव पर मुझ से किसी को कोई उम्मीद नहीं रही इसलिए अब मैं आज़ाद हो गया हूँ और खुद से प्रेम करने लगा हूँ जो मैं आज तक समय नहीं निकाल पाया था। 

आज मुझे समझ में आ गया है के दुनिया मेरी वजह से नहीं , मेरे उस वक्त की वजह से दुनिया मेरी थी जो आज बीत चूका है 

अब मैंने पाया है के लेने से दे देना मुझे सकून देने लगा है , मैं एक गरीब सब्जी वाले , रिक्शे वाले से ,मोची से कोई मोल भाव नहीं करता हो सकता है मेरे पैसों की मुझ से ज्यादा उस के गरीब परिवार को हो उसकी गरीब बेटी बेटे  की पढाई और शादी की हो 

होटल रेस्टोरेंट में अब मैं पहले से कहीं ज्यादा टिप देने लगा हूँ मुझे अहसास है उनकी सख्त मेहनत का जिसके लिए उन्होंने यह काम पकड़ा होगा उसका पूरा परिवार पैसों के लिए उसकी तरफ देख रहा होगा 

मैं किसी भी मौके पर  अपने जैसे या अपने से बड़े बुजुर्ग को कहीं भी मिलता हूँ तो उसे वक्त जरूर देता हूँ , लोग मुझे सनकी कहते रहे , पर मैं उनकी आप बीती के किस्से जरूर सुनता हूँ और उन्हें बीच में बिलकुल नहीं टोकता चाहे वह किस्सा मुझे कितनी ही बार पहले भी सुना चुके हो , मेरा विश्वास है इस प्रकार हमारे वह बुजुर्ग अपने गोल्डन पास्ट में से कुछ न कुछ सुनहरे पल खोजते रहते है 

अब लोग कुछ भी कहें चाहे गलत ही क्यों न बोल रहे हो , मैं उन्हें दुरुस्त करते करते कुछ हासिल नहीं करने वाला , मुझे अपने मन की शान्ति के लिए यह रास्ता ठीक लगा 



पहले मैं जब लोगों को एक दुसरे को अभिवादन या  तारीफ करते हुए देखता था तो ऐसा लगता था इस तारीफ मस्का  बाजी में किसी को क्या मिलता होगा  , जो सच है वही कह दो उनके मुहं पे , लेकिन अब मैंने देखा तारीफ के दो बोल इस उम्र में क्या कीमत रखते है ,जीवन का जोश लौट आता है लोगों में अपनी तारीफ सुनकर , उनका शुक्रिया अदा करना भी उसी का हिस्सा है 


अब मैं अपने कपड़ो जूतों के लिए किसी को कुछ नहीं कहता न ही उनसे किसी कमेंट की जरूरत , मेरी कमीज पर गर दाग है या प्रेस नहीं है , जूते पोलिश नहीं है तो जितना खुद करलूं उतना ही ठीक समझता हूँ , इंसान भीतर से महान होना चाहिय अपने पहनावे से नहीं 

मुझे अपनी कमाई हुई उम्र और तजुर्बे की कीमत मालूम है , जो मेरी कीमत को नकारते है मैं उनसे दूर ही रहता हूँ 

अब मुझे किसी से कोई इर्षा या जलन नहीं होती , कोई मुझे नीचा दिखाने के लिए गर कोई दाँव पेंच खेलता भी है तो मैं उस मुकाबले से हट जाता हूँ , मेरे पास जो है वही मेरी पूँजी है मुझे और कुछ नहीं चाहिए , जो मुझे हराने में भी लगे है वह भी तो मेरी ही उम्र के हैं वह अपनी दबी इच्छाएं पूरी कर रहे है और कुछ तो वह भी कुछ नहीं कर सकते 


किसी की दशा पे अगर मेरी आँखें नम हो भी जाएँ तो मुझे कोई ग्लानि या शर्म नहीं आती , आखिर मैं इंसान ही तो  हूँ तो मैं अपने emotions क्यों छुपाऊं यही तो मेरी इंसानियत का सबूत है 


अहंकार ने आज तक किसी का भला नहीं किया , रिश्तों में अहंकार जहर घोल देता है , और इंसान को अकेला कर देता है , मैंने खोज लिया है इस मन्त्र को के अहंकार से ऊपर है रिश्ते जो हमें लम्बे जीवन तक साथ निभाते हैं 


अब इस 75 साल की उम्र में मुझे लगता है के मेरी जिंदगी का हर दिन आखिरी और बेशकीमती है ,यह तो बोनस की जिंदगी है और न मालूम यह सांस कब रुक जाए 


मेरी ख़ुशी मेरी अपनी वजह से ही होगी , और मुझे बिना झिझक वह सब करना है जो मुझे ख़ुशी देता है इसके लिए मैं किसी पर निर्भर नहीं हूँ , अगर यह सब मुझे खुश रख सकता है तो आप सबको भी रखेगा आपकी उम्र चाहे 40 की हो या 80 की जिंदगी की ख़ुशी तो इन्ही में समहित  है 






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एक बात पूछनी थी जरूर बताना प्लीज
 

अगर किसी को पता है, 
गलतियों पर डालने वाला पर्दा और मिटटी  कहाँ मिलती  है..?
और कपडा कितना लगेगा .?? 
🙄🤔

एक बात बताओ,  धोखा खाने के बाद 
पानी पी सकते हैं क्या ? पानी गर्म हो या ठंडा ?
😜🤪

अगर किसी से चिकनी-चुपड़ी  बात करनी हो तो 
कौन सा घी सही रहेगा ? किसी को पता है ? जरूर बताना 
😋😜

पाप को हमेशा घड़े में ही क्यूँ भरते रहते है ?
ठंडा रहता है क्या ?

ये दिल पर रखने वाला पत्थर कहाँ मिलता है ?
और वो कितने किलो का होता है ?
.
किसी के जख्मों पर नमक छिड़कना है।
कौन सा सही रहेगा?
टाटा या पतंजलि ...?

कोई मुझे बताएगा कि
जो लोग कही के नही रहते, आखिर वो रहते कहां हैं ?

सब लोग "इज्जत" की रोटी कमाना चाहते हैं।
लेकिन कोई "इज्जत" की सब्जी क्यों नहीं कमाता..?
😋😜

Just asking..
भाड़ में जाने के लिए
ऑटो ठीक रहेगा या टैक्सी ?
😉😉

Just asking...
एक बात पूछनी थी, 
ये जो इज्ज़त का सवाल होता है.... 
ये  कितने नम्बर का होता है ?
😳🤔

Just asking...
एक बात पूछनी थी... 
यह जो डिनर सेट होता है, उसमे लंच भी कर सकते हैं क्या..? 😜

"जब ये लड़के-लड़कियाँ मन से लव  मैरिज करते है तब ये कुंडली मिलान का क्या होता हैं तब तो कुंडली की कोई बात ही नहीं होती‌"


रहन-सहन, खान-पान कैसा है?
कितने भाई-बहन हैं?
बंटवारे में माँ-बाप किनके गले पड़े हैं?
बहन कितनी हैं,
उनकी शादी हुई है कि नहीं?
माँ-बाप का स्वभाव कैसा है?

घर वाले, नाते-रिश्तेदार आधुनिक ख्याल के हैं कि नही?
बच्चे का कद क्या है?
रंग-रूप कैसा है?
शिक्षा, कमाई, बैंक बैलेंस कितना है?

लड़का-लड़की सोशल मीडिया पर एक्टिव है कि नहीं?
उसके कितने दोस्त हैं?

सब बातों पर खोजी पूछताछ पूरी होने के बाद भी कुछ प्रश्न पूछने में और सोशल मीडिया पर वार्तालाप करने में और समय व्यतीत हो जाता है।और पानी पहुँच जाता है खतरे के निशान से भी ऊपर , रिश्ते नहीं हो पाते क्योंकि हमारी खोज गलत दिशा में जा रही थी लेकिन जैसी भी थी 
खोज फिर भी चालु है 

हालात को क्या कहे माँ -बाप की नींद ही खुलती है 30 की उम्र पर।