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Sunday, September 12, 2010

Alone in the end

, हजार्रों तरहi के ये होते है आंसू , कभी मिलने पे और,
  कभी  बिछडने ,के       ,     गम  पे   रोते हैं आंसू 
 अगर  दिल  हो  घायल ,  तो  भी   रोते हैं  आंसू ,
 ख़ुशी में भी आंखे              , भिगोते  है  आंसू .
 जिनेह  जान  सकता,        नहीं  यह  जमाना 
 मैं  खुश   हूँ  मेरे  आंसूं औं  पे  न  जाना ,
  वोह तो  कहते  है ,  मुझको .
  दीवाना      ,दीवाना            ,दीवाना 

Thursday, March 4, 2010

वक़्त की डोर

वक़्त बदलेगा ,यह खिजां भी बदल जायेगी 1 मेरी हो या तेरी शराफत ,सब यहीं दफन हो जाएँगी, कल तो गुजर चुका,आज भी काल बनने को है, मेरी हस्ती का कुछ तो यकीन कर------ कल तो यह भी सुपेर्दे खाक हो जायेगी .