, हजार्रों तरहi के ये होते है आंसू , कभी मिलने पे और,
कभी बिछडने ,के , गम पे रोते हैं आंसू
अगर दिल हो घायल , तो भी रोते हैं आंसू ,
ख़ुशी में भी आंखे , भिगोते है आंसू .
जिनेह जान सकता, नहीं यह जमाना
मैं खुश हूँ मेरे आंसूं औं पे न जाना ,
वोह तो कहते है , मुझको .
दीवाना ,दीवाना ,दीवाना
What Others Are Doing is None Of My Business, I Am Focusing Only on What Can Be Done To Make My Life Useful And Purpose Full. I wonder if it is possible to always be in good happy mood even if every thing around you is NOT OF YOUR LIKING , except when you are deaf , dumb and blind all at the same time.
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Sunday, September 12, 2010
Alone in the end
Thursday, March 4, 2010
वक़्त की डोर
वक़्त बदलेगा ,यह खिजां भी बदल जायेगी 1
मेरी हो या तेरी शराफत ,सब यहीं दफन हो जाएँगी,
कल तो गुजर चुका,आज भी काल बनने को है,
मेरी हस्ती का कुछ तो यकीन कर------
कल तो यह भी सुपेर्दे खाक हो जायेगी .
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