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Friday, December 30, 2016

"मैं शायर तो नहीं " 01012019---.09112018.................................................................................................................49

"





An excellent poem by Gulzar ..will touch your heart .... if you are humane inside?

ऐ उम्र! कुछ कहा मैंने,
पर शायद तूने सुना नहीँ..
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं..!!


हर बात का कोई जवाब नही होता
हर इश्क का नाम खराब नही होता...
यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले भी
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता...

खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,असल
में उनसे ही गहरे रिश्ते हमारे होते है.


किसी ने खुदा से इक दुआ मांगी,

दुआ में अपनी ही मौत मांग ली ,
खुदा ने हैरान हो के पुछा , मौत तो तुझे दे दु मगर,
उसे क्या दूंगा जिसने दुआ मांगी.है .तेरी जिंदगी की.


हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता
हर एक इन्सान भी बुरा नही होता
बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से.भी ...
हर बार कुसुर हवा का नही होता !!!
- गुलजार🌾


हर रोज की तरह "दिन की रौशनी " उमीदों में गुजर गई
बेशुमार रातें भी बोझिल " आँखों की खुमारी "में खो गई
जिस घर को अपना समझा ,मेरे नाम की विरासत भी न थी
फिर क्यों सारी उम्र मेरी उस घर को सजाने में निकल गई ?


यह मेरा शरीर ही एक नाशवान घर था जिसकी मल्कियत भी मेरी नहीं थी

यह जो शख्स यूँ बेफिक्र मुस्करा रहा है ,

जरूर किसी दर्द ने इसे पाला होगा ,

अपनी मंजिल पे खुद के बल पर पहुंचा है तो ,

जरूर पाऊँ में उसके एक छाला होगा।


संघर्ष बिना, इंसान कभी चमक नहीं सकता ये तो हकीकत है ,

दिया जलेगा तभी तो उजाला होगा

शौक़ है तो जी लेना मायूसी में फिर कभी ,

पूरी उम्र रोने को अभी बाकी है ,

अपनी हंसी को होटों से यूँ बुझने न देना ,

यही तो इक नियामत है जिसे ,

छीनने को दुनिया तुम्हारे पीछे पड़ी है


अँधेरा मिला है , तो रौशनी भी मिलेगी ,
गम मिला है। ..... तो ख़ुशी भी मिलेगी
रहता नहीं है एक ही मौसम हमेशा

आंसू गर मिलें हैं तो हंसी भी मिलेगी

खफा नहीं हूँ तुझसे " ए-गमे जिंदगी"
थोड़ा यकींन तो कर मेरी सचाई पे
जरा ,दिल लगा बैठा हूँ इन उदासियों से.
रोज रोज मिल रही मायूसियों से। ...


किस्मत का हर फुल कभी खिलता ही नही
हर कदम साथ कोई कभी चलता ही नही....!
ये तो दस्तुर है सेहर-ए-मोहब्बत का
जिसे ज्यादा चाहो वो कभी मिलता ही नही....!!


जो चाहा कभी पाया नहीं,
जो पाया कभी सोचा नहीं,

जो सोचा कभी मिला नहीं,
जो मिला ,रास आया नहीं,

जो खोया वो याद आता है पर
जो पाया संभाला जाता नहीं ,

अजीब सी पहेली है ज़िन्दगी
जिसको कोई सुलझा पाता नहीं...

जीवन में कभी समझौता करना पड़े ,
तो कोई बड़ी बात नहीं है,क्योंकि,

झुकता वही है जिसमें जान होती है,
अकड़ तो मुरदे की पहचान होती है।

ज़िन्दगी जीने के दो ही तरीके होते है!
जो पसंद है उसे हासिल करना सीख लो.!
या जो हासिल है उसे पसंद करना सीख लो.!
समझ लो जीना इस दुनिया में आसान नहीं होता;

और बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता.!

जिंदगी सिखाती तो है बहुत ;हर पल में
कभी हंसाती है तो कभी रुलाती भी है;
जो हर हाल मेंखुश रहना जानते हैं; यारो

उनके आगे ही सर झुकाती है।यह जिंदगी


चेहरे की हंसी से सबके गम चुराओ; तो जाने
बहुत कुछ बोलो पर सब छुपा जाओ तो जाने,

तुम्हारी ख़ुशी सब को भा जाये यह जरूरी नहीं

खुद रूठ कर भी सबको मना लो ;तो जाने


राज़ यही है जिंदगी का बस जीते चले जाओ।
"गुजरी जिंदगी को पलट कर न देखो तो जाने
तकदीर मे जो लिखा है , वह तुम्हें मिलके रहेगा।,


गर मिलने में देर है तो उसकी फर्याद न कर...

देरी की वजह को पहचान सको. तो ही जाने
जो होगा वो होकर रहेगा,तु कल की फिकर मे
आज अपनी हंसी बरकरार रख सके , तो जाने ..

जिंदगी में रोना हंसना लगा रहता है
दोस्तों ,हंस मरते हुये भी गाता है ,
मयूर नाचते हुये भी रोने लगता है....


ये जिंदगी का फंडा है बड़ा ही अजीब
दुखो वाली रात जरा भी नींद नही आती,
और खुशी वाली रात कोई सोने नहीं देता ?


जो तेरे कर्मो का फल है वह मिल रहा है
उस ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता;
जो हर बार टूट जाये वो संकल्प नहीं होता;

मन की हार को लक्ष्य से दूर ही रखना;
क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता।


"सांस और साथ"जिंदगी में टूट ही जाते हैं
एक के टूटने से तो इंसान मर ही जाता है;
दूसरा टूटने से जीने को भी तरस जाता है ।

🌿
जीवन का सबसे बड़ा तुम्हारा कसूर '
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना।

औरजीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि -
किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।


जिंदगी जीना आसान नहीं होता;
बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता;

जब तक न पड़े चोट हथोड़े की ;
पत्थर से भी कभी भगवान नहीं बनता

जरुरत के मुताबिक जिंदगी जीना सीखो -
ख्वाहिशों के आधीन हो कर नहीं।

जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है;
ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।

जिंदगी में गर मांगना ही पड़े तो। ……
अपने परवरदिगार से मांगो;

जो सब को देता है गर वो दे दे

तो उसकी रहमत समझना ,
न कुछ भी मिले तो किस्मत;समझना


दुनिया से हरगिज़ मत माँगना;दोस्तों
गर दे देंगे तो एहसान करेंगे, न दे तो शर्मिंदगी

समझना कौन देगा तुमेह , जीवन भर का सहारा।
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं।


कभी भी 'कामयाबी' को दिमाग में और
'नकामी' को दिल में जगह न दे देना
कामयाबी से दिमाग अकड़ जायेगा
नाकामी में दिल पूरा ही , डूब जायेगा ।


पानी में प्रतिबिम्ब होने से , तस्वीर कहाँ बनती है,
ख्वाबों के जाल बुनने से तकदीर भी कहाँ बनती है,?
किसी रिश्ते को निभाना तो सच्चे दिल से निभाना ,
ये जिंदगी बेशकीमती है सिर्फ एक बार मिलती है!


कौन किस से जान कर ,कभी दूर होता है,
शायद वोह खुद हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस इतना समझते है ,इस दुनिया के मंजर को
यहाँ हर रिश्ता "मोती"और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।

ज़िंदगी किताबों मे नही होती, ज़िंदगी ख्वाबों में नही होती
कांटे भी सहने पडते हैं सबको, ज़िंदगी गुलाबों में नही होती

सरेआम खिलती है ज़िंदगी, ज़िंदगी नकाबों में नही होती
मयकदों में भटकने वालों, ज़िंदगी शराबों में नही होती


ज़िंदगी को बेहिसाब रहने दे, ज़िंदगी हिसाबों में नही होती
ज़िंदगी को ज़िंदगी में ही ढूंढ, ज़िंदगी खिताबों में नही होती

ज़िंदगी तो खुद इक सवाल है, ज़िंदगी जवाबों में नही होती
खुली बिखरी पडी है हर जगह, ज़िंदगी नकाबों में नही होती ...



एक आदमी स्कूटर पर बैठ कर
पिक्चर हाल के सामने सरदार से पूछ बैठा :-
आदमी :- भाईसाहब , स्कूटर स्टैंड कहाँ है ?
सरदार :- भाईसाब , पहले आप अपना नाम बताइये ?
आदमी :- रमेश !

सरदार :- आपके माता पिता क्या करते हैं ?
आदमी :- क्यों ? वैसे भाईसाब मैं , लेट
हो जाऊंगा और पिक्चर शुरू हो जाएगी !
सरदार :- तो जल्दी बताओ ??
आदमी :- मेरी माँ , एक डॉक्टर हैं और मेरे
पिता जी इंजीनियर हैं ! अब बता दीजिये ?
सरदार :- आपके नाम कोई जमीन जायजाद है ?
आदमी :- हाँ , गांव में एक खेत मेरे नाम है ? प्लीज़ भाईसाब
अब बता दीजिये स्कूटर का स्टैंड कहाँ है ?
सरदार :- आखिरी सवाल , तुम पढ़े लिखे हो ?
आदमी :- जी हाँ ! मैं, MBA कर रहा हूँ ! अब बताइये जल्दी से !
सरदार :- भाईसाब , देखिये आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि इतनी अच्छी है ,
आपके माता पिता दोनों उच्च शिक्षित हैं , आप खुद भी इतने पढ़े लिखे हैं ,
पर मुझे अफ़सोस है कि आप इतनी सी बात नहीं जानते कि....
स्कूटर का स्टैंड उसके नीचे लगा होता है ,.....

तेरी बेरुखी को भी, रुतबा दिया हमने

प्यार का हर फ़र्ज़ भी अदा किया हमने


मत सोच की हम भूल गए हैं तुझको

आज भी खुद से पहले, तुझे याद किया हमने


अँधेरा मिला है , तो रौशनी भी मिलेगी ,
गम मिला है। ..... तो ख़ुशी भी मिलेगी

रहता नहीं है एक ही मौसम हमेशा

आंसू गर मिलें हैं तो हंसी भी मिलेगी


A very rich man took his son to a village to show what poverty is all about IN THIS COUNTRY :
After the trip, he asked his son about poverty...

The son replied THINKING :
We have 1 dog ........... ...... They had 4...
We have a small pool....🚿...They have a long river...

We've lamps..... they've stars...
We've a small piece of land.......They've large fields......
We buy food..... They grow their & eat fresh.......🍠🍍🍐🌽🍌

They have friends to play..........We don't have friends, we have to play with Computers PS.....

They have happiness.😀 We have only money......💸💶

Their fathers have time for their children.....👪 Our father doesn't have.......⏰

The boy's dad was speechless.....🙊

Then the boy said ''thanks dad for showing me how poor we are?

Life is all about how we see, interpret & accept things..!


💯 ✅
खफा नहीं हूँ तुझसे " ए-जिंदगी"
थोड़ा यकींन तो कर मेरी सचाई पे जरा ,

दिल लगा बैठा हूँ इन उदासियों से






शराब भी क्या क्या कहानियां बनवा देती है ,
पति जब पी कर आते है तो कोई न कोई बहाना भी खरीद कर ले आतें हैं , यह शराबी कभी सुधरेंगे नहीं , देख लो

सोमवार की रात :-
पत्नी : आज तुम दारु पीके आये हो ! क्यों ?

पति :-: अरे आज न ऑफिस मे फॉरेन क्लाइंट्स के साथ मीटिंग थी तो पीनी पड़ी

मंगलवार की रात;-

पत्नी : आज तुम फिर दारु पीके आये हो ! क्यों ?

पति : अरे आज मेरे एक फ्रेंड की इंगेजमेंट थी तो उसने पार्टी दी थी इसलिए

बुधवार:- रात

पत्नी : आज भी तुम फिर पीके आये हो ?.

पति : अरे आज एक फ्रेंड का ब्रेकअप हो गया था तो ..वो बहुत उदास था तो उसका मूड फ्रेश करने के लिए साथ देना पड़ा ..

बृहस्पतिवार :- Night:

पत्नी :- आज फिर से ..अब किसका ब्रेकअप हो गया ?

पति : ब्रेकअप नहीं ...आज ऑफिस मैं वर्क लोड बहुत था ...बहुत टेंशन थी ....इसलिए

फ्राइडे : Night:

पत्नी : आज क्यों ?

पति : अरे जिस फ्रेंड की इंगेजमेंट थी न ट्यूसडे को , आज उसकी शादी थी ...तो ख़ुशी के मौके पे तो पीनी ही पड़ती है ....समझ गयी न

शनिवार : Night:

पत्नी : हम्म्म ..अब ?

पति : आज पुराने स्कूल फ्रेंड्स मिल गए थे बोले ३१ दिसंबर है नया साल मनाते हैं , तो वो डिस्को ले गए और ज़बरदस्ती पिला दी ..मैंने बहुत मना भी किया पर माने ही नहीं ..

रविवार : Night:

पत्नी (गुस्से से ): यह रोज रोज का क्या नाटक है ,अब आज क्या हो गया है बताओ ?.

पति : भागवान इतना काम पूरे सप्ताह करने के बाद इतना शरीर थक जाता है , टूटने लगता है ,दिल करता है न की कुछ हो जाए ?आज मेरा मूड था तो मरता क्या न करता


**************************************************




...A lovely poem from Gulzar...


कुछ हँस के

बोल दिया करो,

कुछ हँस के

टाल दिया करो,

यूँ तो बहुत

परेशानियां है

तुमको भी

मुझको भी,

मगर कुछ फैंसले

वक्त पे डाल दिया करो,

न जाने कल कोई

हंसाने वाला मिले न मिले..

इसलिये आज ही

हसरत निकाल लिया करो !!

समझौता

करना सीखिए..

क्योंकि थोड़ा सा

झुक जाना

किसी रिश्ते को

हमेशा के लिए

तोड़ देने से

बहुत बेहतर है ।।।

किसी के साथ

हँसते-हँसते

उतने ही हक से

रूठना भी आना चाहिए !

अपनो की आँख का

पानी धीरे से

पोंछना आना चाहिए !

रिश्तेदारी और

दोस्ती में

कैसा मान अपमान ?

बस अपनों के

दिल मे रहना

आना चाहिए...!

- गुलज़ार😊




हमारी तो फितरत ही कुछ ऐसी है कि


हम तो रोते हैं उस हवा के झोंके को भी ,

जिसका कसूर सिर्फ इतना ही था

की वोह छूकर हमे निकल गया।इक जब्र है अब एहसास ए वफ़ा ,

यह दिल में बसाना ठीक नहीं ,

अब साज़े दिल ,दिल अफ़सुर्दा पर

इस गीत को गाना ठीक नहीं .


तुम भूल चुके यह सब बेहतर है ,

तुम छोड़ चले यह और भी अच्छा .

ख्वाबों में मगर मजबूरों के ,

यह आना जाना भी ठीक नहीं .


कह दो के नहीं हम मिल सकते।

कह दो के कोई मजबूरी है .

लेकिन यह लबों तक ला ला कर

बातों को छुपाना ठीक नहीं .


ऐय शोक इ जुनुओ अब बाज भी आ,

कुछ मान भी ले तु मेरा कहा .

जो जान के भी अनजान बने ,

जो जान के भी अनजान बने ,

गम उसको सुनाना ठीक नहीं









Tuesday, December 6, 2011



WHAT IS THIS BY THE WAY ?*,THOUGH VERY 

CONFUSING YET SMELLS SOME TRUTH IN IT 

WHAT DO YOU THINK ABOUT ALL THIS ????

Must Watch Video for Indians !!! *** Please 



don't Cry !!! *** Don't miss this video ***



http://www.youtube.com/watch?v=C4FXqU8XY0A

http://external.ak.fbcdn.net/safe_image.php?




d=AQB9DefeHG1U0rTj&url=http%3A%2F%2Fi4.ytimg.


com%2Fvi%2FC4FXqU8XY0A%2Fhqdefault.jpg

Must Watch Video for Proud Indians.!!!!! ******* 
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  1. हाथ  की लकीरें भी बदल जाती है , कड़ी मेहनत करने के बाद 
  2. और  सितारे  भी  चमकते  हैं  अँधेरा  हो  जाने  के  बाद ...
  3. ख्वाब  भी  हकीकत  बनते  हैं  रात  भर  जागने  के  बाद . .. 
  4. और  मंजिल  तक  पहुँचते  हैं , वो दुर्गम  रास्ते  तय करने के बाद        
  5. हाथ  की  लकीरें  बदलती  हैं  सिर्फ  मेहनत करने  के  बाद ... 

  6. Just do it!!!


  • Haath ki lakeerein badalti hain sirf mehnat karne ke baad... 
  • Aur sitaare bhi chamakte hain andhera ho jaane ke baad...
  • Khwaab bhi haqeekat bante hain raat bhar jaagne ke baad... 
  • Aur manzil tak pahunchte hain wo rasta tay karne ke baad... 
  • Just do it!!! there is no short cut to hard work 









Friday, November 11, 2011

DIL KI AWAAZ NA SUNI ?





आज  जब  मुद्दतों  के  बाद , उनकी  कोई  खबर  आई ...,
लगा  तन्हाई में रहते रहते ...जैसे बज उठी कोई शेहनाई  
फिर से ज़िन्दगी  को  जीने  की , वजह  भी   नज़र  आई ...


‎"जिस दिन भी  मेरे साथ , कोई हादसा नहीं होता..... 
जिंदगी का ,जिन्दा होने का कोई एहसास नहीं होता 
दहशत में  सारी रातें और दिन  मेरे गुजरते हैं,सोच कर      
 कि, कहीं ....ये ..किसी बडे  हादसे कि तेयारी तो नहीं 
                                                                                                                                                                                                                                                         जैसे तूफ़ान के आने से पहले की  ख़ामोशी तो  नहीं?"
 


कैसे कह दूं की तेरी रहमत का  , कोई ठौर ठिक्काना नहीं है ,
तुजेह याद न करने का मेरे पास कोई बहाना भी तो नहीं है !
लोगों क़ी बेवजह  शिकायतों से  मेरा क्या वास्ता ...........

जब भी पुकारा है दिल से ,मैंने तुझे अपने करीब ही पाया है
मौन खड़ा रहता हूँ और  ,देखता रहता हूँ इस असीम सागर में                                                                                                                                       


इन उठने वाली असंख्य लहरों को जो निरंतर खेलती रहती है                                                                 .                        
क्या ये तेरे वजूद  क़ी वजह से भी कम तर है ?.........................
सागर की छाती पर  ,एक के बाद एक


बढती आती हैं , तीव्रवेग से धकेलती


उठती, उभरती, और छलाँगें भरती।


मानो प्रत्येक इसी कोशिश में लगी  है


कि एक दूजे से आगे ही निकलती जाए




ओह यह कैसी आपाधापी छाई है यहाँ ,


यह कैसी प्रतिद्वन्दिता की भावना भरी ,


जहाँ देखो जिधर देखो दूसरों को पीछे छोड़
 

जबर दस्ती स्वयं आगे बढ़ जाने का दौर


युगों युगों से अनन्तकाल से यही होता रहा है
 

हैरत है क़ी  कोई भी रूक कर,किसी क़ी सुध ,


दम लेने की बात  भी नहीं करता


जो भी पीछे से आता है ,धक्का मुक्की से


गिरा के सब को ,आगे बढ़ने की कोशिश करता है


शायद जीवन का रहस्य यही है,जो मैं आज तक ,


अपने संस्कारों के बोझ तले दबा ,समझ ही न पाया ?


जो सबको लूट ता ,रोंद्ता ,दबाता  हुआ आगे बढ़ जाये 


वोही इंसान दुनिया में , काबिल कहलाय, बाकि सब नाकारा ।

Sunday, October 9, 2011

गलत फ़हमी ही सही " SOME THING ELSE WAS BEHIND OUR APATHY'"





‎"तुम ग़लत या हम ग़लत,
तुम सही या हम सही........,
इस बात का राज न जाने कब खुले !
छोड़ो इन बातों में अब  क्या रखा है ?
गर मिले फुर्सत कभी ,तो सोचेंगे यही की ,.
ये ज़ालिम ज़माने कि साजिश ही  रही
असल में थे तुम भी सही, और  हम भी सही.?