What Others Are Doing is None Of My Business, I Am Focusing Only on What Can Be Done To Make My Life Useful And Purpose Full. I wonder if it is possible to always be in good happy mood even if every thing around you is NOT OF YOUR LIKING , except when you are deaf , dumb and blind all at the same time.
Translate
Showing posts with label बेजुबान बेबसी. Show all posts
Showing posts with label बेजुबान बेबसी. Show all posts
Tuesday, November 22, 2011
BEJUBAAN HAIN HUM SABH
Wednesday, November 2, 2011
Dil chahta hai ?
Positive attitude....
.
Hum wo hai jo....haar kr bhi ye
kehte Hai.....
.
.
Wo manzil hi badnasib thi....jo
hume na pa ski....
हम वह हैं जो हार कर भी यह कहते रहते हैं। ...
वह मंजिल ही बदनसीब थी जो हमें पा न सकी ?
ना जाने क्या कहा था उस डूबने वाले ने समुंदर से,?
कि लहरें आज तक साहिल पे अपना सिर पटक रहीं हैं
*************************
पूछा जिंदगी ने एक दिन , मेरी नम आँखों से ,
इतना रोना किस लिये ? क्या कोई अपना ,?
या कोई दोस्त तुम से सदा के लिये बिछड़ा है ?
कितना लम्बा साथ तुम इनका चाहते थे भाई ?
आँखों से मेरी एक आंसू जा गिरा विशाल समुंदर में
व् बोली,सिर्फ उतना ,ही , जब तक
तुम इस आंसू की बूँद को , ढून्ढ कर ला पाते हो !
************** .....
हम भूल जाये तुमेह ऐसी दिल की हसरत कहाँ ,
आप याद करो हमे , इतनी आपको फुर्सत कहाँ ?.
.*********************
.
.
जिनके चारो तरफ अपनों का साथ हो ,
उनको फिर हम जैसों की ज़रूरत कहाँ .?..
....******************
....
....
वादा न करो अगर तुम निभा न सको ,
चाहो न उसको जिसे तुम पा न सको
.दोस्त तो दुनिया में बहुत होते हैं
,पर एक खास रखो
जिसके बिना तुम मुस्कुरा न सको ...
...........**********************........
वो मौत भी तो बड़ी सुहानी होगी
जो आपकी दोस्ती में आनी होगी .
वादा रहा आपसे पहले हम ही जायंगे . .
क्योंकि हमें आपके लिये ,
"जन्नत " भी तो सजानी होगी
.....
सुना था गुजरा वक़्त अपने आप को दोहराता है
मैं आज तक गए वक़्त के इन्तिज़ार में दर पर बैठा हूँ ....
******************************
मेरा भी तकाजा,के वो बुला ले मुझे
इसी तसलसुल में पूरी रात गुजर गई
*******************
Saturday, March 6, 2010
Why we forget "NEMESIS" where every action meets Counter reaction,
हस्ती मेरी मिटाने को....
वोह हमेशा ही मशगूल थे
बाज़ी लगाई थी हम पर
न ,जाने क्या सोच कर ?
उनके रहमो करम पर
टिकी थी
मेरे होटों की हंसी.,.....
दोजख से भी बढकर**
बन गई थी जिंदगी मेरी
पर कोई ख़ुशी हासिल न हु
उनके यूँ बेजार होने पर
हे खुदा उनकी नासमझी पर
आखिर -- हम भी रो पडे
बेबसी पर किसी की कभी .....
.., तुम यूँ न हंस देना,
शुक्र मानों उसकी जिसने ..
तुम्हे बाखुदा बना दिया
वर्ना यकीन करना ,
गर हम न होते.........
हम से ज्यादा तुम्हारी..
आँखों में आंसू तैर रहे होते ..
वोह हमेशा ही मशगूल थे
बाज़ी लगाई थी हम पर
न ,जाने क्या सोच कर ?
उनके रहमो करम पर
टिकी थी
मेरे होटों की हंसी.,.....
दोजख से भी बढकर**
बन गई थी जिंदगी मेरी
पर कोई ख़ुशी हासिल न हु
उनके यूँ बेजार होने पर
हे खुदा उनकी नासमझी पर
आखिर -- हम भी रो पडे
बेबसी पर किसी की कभी .....
.., तुम यूँ न हंस देना,
शुक्र मानों उसकी जिसने ..
तुम्हे बाखुदा बना दिया
वर्ना यकीन करना ,
गर हम न होते.........
हम से ज्यादा तुम्हारी..
आँखों में आंसू तैर रहे होते ..
Subscribe to:
Posts (Atom)