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Saturday, March 6, 2010

अंतिम पड़ाव

जीना था जिस कदर हमें --इस दुनिया में भाई हम तो जी लिये '- सागर ,घाट कई मिले इस लम्बे सफ़र में जितना पी सके हम , --- सभी पी लिये गम भी थे ,कडवी यादें व् खुशियाँ भी बहुत, थोड़ी फिक्र ,कभी बेचैनी ,कभी थौड़ी हैरानी भी जाना है बस , अब तो हमें ,------------- -------------------- आये थे इसी लिये