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Monday, August 9, 2010

sharab and shabab

शराब और शबाब में कोई फर्क नहीं होता ,
शराब कभी अपनी नहीं बनती .........
और शबाब दगा दे  जाता है 

आदमी और शराब में भी दुश्मनी पुरानी है  
पहले ख़ुशी में  वह उसे  पीता  है .......
फिर गमी में  वह  उसे पी जाती है ? 

Thursday, March 4, 2010

जाने भी दो यारों

हर रात के बाद नए दिन की सहरआयेगी दिन नहीं बदलेगा पर तारीख बदल जायेगी मेरी शराफत को ग़ुरबत का अभी नाम न दो , वक़्त बदलेगा तो तेरी रायभी बदल जायेगी