शराब और शबाब में कोई फर्क नहीं होता ,
शराब कभी अपनी नहीं बनती .........
और शबाब दगा दे जाता है
आदमी और शराब में भी दुश्मनी पुरानी है
पहले ख़ुशी में वह उसे पीता है .......
फिर गमी में वह उसे पी जाती है ?
What Others Are Doing is None Of My Business, I Am Focusing Only on What Can Be Done To Make My Life Useful And Purpose Full. I wonder if it is possible to always be in good happy mood even if every thing around you is NOT OF YOUR LIKING , except when you are deaf , dumb and blind all at the same time.
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Monday, August 9, 2010
sharab and shabab
Thursday, March 4, 2010
जाने भी दो यारों
हर रात के बाद नए दिन की सहरआयेगी
दिन नहीं बदलेगा पर तारीख बदल जायेगी
मेरी शराफत को ग़ुरबत का अभी नाम न दो ,
वक़्त बदलेगा तो तेरी रायभी बदल जायेगी
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