Wednesday, October 1, 2014

MEDIA BLUNDERS - 250216 .......... मीडिया का घालमेल ..........................................................................................55

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "

प्रसिद्ध हास्य   कलाकार चार्ली चैपलिन 

मीडिया का घालमेल 
हर घटना कुछ कहती है , यह जो राजदीप सरदेसाई और सागरिका घोष का पति पत्नी से लेकर आज तक के घटना क्रम तक, सिर्फ घोटाला और भ्रस्टाचार ही है इन दोनों ने देश को कितना बेवकूफ बनाया है अब धीरे धीरे सामने आने लगा है , यह कांग्रेस के ही कुत्ते हैं और उन्ही की बदौलत भारत में अपनी इतनी गहरी जडे सिर्फ और सिर्फ भ्रष्ट चार कर के ही पहुंचे हैं , जो यह लोग अमेरिका में करने जा रहे थे सब कांग्रेस का ही प्लान था , क्यों की कांग्रेस पार्टी के बहुत आर्थिक जुड्डाव हैं इन चैनल्स के साथ और कुछ छुपे हुए स्लीपिंग पार्टनर्स भी

दोस्तों , जानिये राजदीप सरदेसाई और उसकी पत्नी सागरिका घोष की सच्चाई...
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टाइम्स ऑफ इंडिया के मालिक समीर जैन के उपर एक ताकतवर नौकरशाह प्रसार भारती के महानिदेशक भाष्कर घोष का बार बार दबाव आता था की मेरी बेटी सागरिका घोष और मेरे दामाद राजदीप सरदेसाई को टाइम्स ऑफ़ इंडिया का सम्पादक बनाओ ..बदले में सरकारी फायदा लो .. अपने सम्पादक को बुलाया और कहा- ‘‘पडगांवकर जी, अब आपकी छुट्टी की जाती है .... क्योकि मुझे भी अपना बिजनस चलाना है .. एक नौकरशाह की बेटी और उसके बेरोजगार पति जिससे उसने प्रेम विवाह किया है उसे नौकरी देनी है वरना सरकारी विज्ञापन मिलने बंद हो जायेंगे ....


भाष्कर घोष का एक और सगा रिश्तेदार था प्रणव रॉय ... ये प्रणव रॉय अपने अंकल भाष्कर घोष की मेहरबानी से दूरदर्शन पर हर रविवार "इंडिया दिस वीक" नामक कार्यक्रम करते थे .... उसकी पत्नी घोर वामपंथी नेता वृंदा करात की सगी बहन थी ...

उस समय दूरदर्शन के लिए खूब सारे नये नये उपकरण और साजोसमान खरीदे जा रहे थे ..उस समय विपक्ष के नाम पर सिर्फ वामपथी पार्टी ही थी बीजेपी के सिर्फ दो सांसद थे ..
प्रणव रॉय ने अपने अंकल भाष्कर घोष के कहने पर न्यू देहली टेलीविजन कम्पनी लिमिटेड [एनडीटीवी] नामक कम्पनी बनाई और दूरदर्शन के लिए खरीदे जा रहे तमाम उपकरण धीरे धीरे एनडीटीवी के दफ्तर में लगने लगे ... और एक दिन अचानक एनडीटीवी नामक चैनेल बन गया ... बाद में भाष्कर घोष पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे जिससे उन्हें पद छोड़ना पड़ा लेकिन जाते जाते उन्होंने अपनी बेटी सागरिका और उसके बेरोजगार नालायक प्रेमी से पति बने राजदीप सरदेसाई की जिन्दगी बना दी थी ...

फिर कुछ दिन दोनों मियां बीबी एनडीटीवी में रहे .. बाद में राघव बहल नामक एक कारोबारी ने "चैनेल-सेवेन" जो बाद में आईबीएन सेवेन बना उसे लांच किया और ये दोनों मियां बीबी आईबीएन सेवेन में आ गये ... इन दोनों बंटी और बबली की जोड़ी ने अपने पारिवारिक रसूख का खूब फायदा उठाया ...आईबीएन में सागरिका घोष की मर्जी के बिना पत्ता भी नही हिलता था क्योकि सागरिका घोष की सगी आंटी अरुंधती घोष हैं -अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि थी -CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है। -GBN टर्नर इंटरनेशनल और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है। भारत में सीएनएन के पीछे अरुंधती घोष की ही लाबिंग थी जिसका फायदा राजदीप और सागरिका ने खूब उठाया |

सागरिका घोष की बड़ी आंटी रुमा पाल थी जिनके रसूख का फायदा भी इन दोनों बंटी और बबली की जोड़ी ने कांग्रेसी नेताओ के बीच पैठ जमाकर उठाया ... रुमा पाल भले ही सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ जज थी लेकिन उनके फैसले के पीछे सागरिका घोष और राजदीप की दलाली होती थी ...

बाद में वक्त का पहिया घुमा ... देश में मोदीवाद उभरा .. आईबीएन को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया .. और इन दोनों दलालों बंटी राजदीप और बबली सागरिका को लात मारकर भगा दिया ... कुछ दिनों तक दोनों गायब रहे फिर बाद में अरुण पूरी के चैनेल आजतक पर नजर आने लगे ....

यही है इस न्यूयॉर्क के खलनायक की सच्ची कहानी .