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Sunday, March 25, 2012

"WILDEST THOUGHTS UNCONTROLLED"


वो आये थे मेरे दर पर , मोहब्बत की गुफ्तुगू शायद लम्बी लगी ;
छोड़ कर मुझे मेरे हाल पर , उठ के  चुपचाप वहां से चल दिए 
Just Think, Why there is so much stress in life? May be Because'" We focus too much on improving our " MATERIALISTIC LIFESTYLE" rather than our " OWN LIFE"!! We should  always work hard to improve our Life by disciplining our Mind ,Body& Soul first. Good  Lifestyle  is desirable but not by torturing ourselves! It can be achieved by  adopting those thoughts & actions that lead to happiness & blessed life ; our LIFESTYLE will start shining Automatically with Reduced  Stress!levels!
पड़ा  न कोई  फर्क  उनके, अनोखी  जुबान  लिखने  से 
ज़मीन  ज़मीन  ही  रही , उसे  आसमान  लिखने  से .
रहा  जिस  से ता उम्र  तालुक हमेशा हर  घडी  मेरा 
वोह भी  बन  सका  नाः मेरी  जान , जान  लिखने  से 
पनाह  मिल  न  सकी  इक  पल के लिए  भी  मुझ  को 
किसी खंडहर को  अपना  आशिअना  लिखने  से
कड़ी  तपश  से  झुलसता  रहा ,तन मन मेरा  ,
के तपते सूरज को भी कोई फर्क न पड़ा , उसे चाँद लिखने से !
Life is full of pain, but does it ever get better?
Will people ever care about each other,
and make time for those who are in need?
Each of us has a part to play in this great show of life.
Each of us has a duty to mankind to tell our friends we love them.
If you do not care about your friends you will not be punished.
You will simply be ignored... forgotten... as you have done to others

Friday, September 17, 2010


पुजने से  पत्थर  कभी  खुदा  नहीं  बनते ...
वफाओं  के  सिले  लाजिम -ऐ-वफ़ा  नहीं बनते ..
वोह  मुझ  से  मेरी  मोहब्बत  की  गहरायी  पुछता है ..
वोह इतने नादान है ? इतना भी नहीं  समझते  की ........
चश्मे कितने   भी  गहरे क्यों न  हों , दरया फिर भी  नहीं  होते ..


हर  किसी  के  जलने  का , अपना एक  अंदाज़  होता  है ..
परवाने  जितना  भी  जलें , मगर कभी  दिया  नहीं  होते ..
तुम  जब  भी  चलना , अपने  पैरों  पर  ही  चलना मेरे दोस्त ..
आज  कल  के  लौग़ , किसी  का बे मतलब  , आसरा  नहीं  होते ...
वोह  मुझे  काँटा  समझ  के , गिरा  गया  इन  राहों  में  कातिल,,
उसे  क्या  खबर  की ,  फूल  कभी  काँटों  से  जुदा  नहीं  होते .......


Tuesday, August 31, 2010

KASAUTI JINDAGI KI ,DAGAR RISHTON KI !

 Rishtey Aur Raaste ke Beech ek ajeeb  sa Rishta hai,

 Kabhi Rishtey Nibhate Nibhate, RAASTE  Badal jatey hai,

 Aur Kabhi Raaston pe chalte chalte, NAYEY RISHTEY ban jate hain.?
there is no doubt about that:
.If we become too sentimental and attached with someone living or non living willingly or inadvertantly

  IT  becomes  too hard to Lead a Life & If we become too Practical, or self centric? even then we are sarcastically blamed upon ?


  IT Becomes really tough to Respect Relations. If everyone is happy with us then,we may be praised for a while for our conduct,
But who knows our plight ,in making others happy at the cost of our
own happiness??????
                "  surely we have made many many compromises "

       &       If we are happy with everyone, surely we have ignore d          many faults of others !    
 

Thursday, August 19, 2010

Alone in the end

उनकी भी थी  .,         कुछ  हसरतें !
तो वह मेरे      ,        दोस्त बन गए ,
  न चाहते ,न जानते ,लया में उनकी ,
हम भी बेबस ...यूँ  ही उसमे  बह गए .
भीड़ इतनी बढ़ी,   हमारे दोस्तों की ,
महफिले भी सजी,  हमारी दोस्ती की 
फिर एक मोड़ ऐसा ,आया जिंदगी में 
न महफिले थी न दोस्त ही,रहे जिंदगानी  में 
उनेह कुछ भी तो हासिल न था ,हमारी गरीबी से ,
वह जाते रहे .., अपना दमन वह हमसे बचाते रहे ,
कारवां निकल चुका था , उस उठते  धुल के गुबार में 
की हम फिर से तनहा .....          रह गए 
  इस मतलबी  संसार  में .

Tuesday, April 13, 2010

Hum Bhi Kabhi Arj Kiya karte thei

कोई सुने या न सुने , तारीफ करे या न करे 
हम फिर भी कभी अर्ज किया करते थे ?


जब तुम्हारी बातों को सुना करते थे

,मशालें लेकर तुम्हारे गम की .
हम अंधेरों में भी निकला करते थे.

अब कहाँ तुझ सी फितरत वाले .
चोट खाकर भी जो दुआ किया करते थे

जब तुम्हारी बातों को सुना करते थे ,
म़ोका देख बीच में हम भी कभी ,
अर्ज किया करते थे

अब तो वोह मेह्फ़लें भी हवा हुई
सुनने वाले दोस्त भी कहीं खो गए ,

हमारी हर बात पे जो , फ़िदा रहते थे
याद आता है आज भी वोह मंजर ,

जब तुम्हारी बातों को सुना करते थे
बीच में कभी हम भी , अर्ज किया करते थे 1