शाम को परिंदों की तरह , वो घर को लौट आता ?
मुन्तज़र कोई अगर हमारा भी होता ..........
सारी कायनात का भी मैं क्या करती ?
,मेरा आसमान में फ़क्त इक सितारा होता
मुन्तजिर अगर कोई हमारा होता
चाँद तारों की ख्वाइश भी किसको थी ?
थी तो बस रौशनी के लिए एक सितारा होता ,
होता तो ?हम ने चाहा था बस इतना के ,
मुन्तजिर अगर कोई हमारा होता
चाँद तारों की ख्वाइश भी किसको थी ?
थी तो बस रौशनी के लिए एक सितारा होता ,
होता तो ?हम ने चाहा था बस इतना के ,
वो शख्स सिर्फ हमारा होता ??
हम में शायद रह गई कोई कमी होगी ?
वरना इस भरी दुनिया में अब तलक ,
हम में शायद रह गई कोई कमी होगी ?
वरना इस भरी दुनिया में अब तलक ,
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