Tuesday, January 1, 2019

नए साल के पुराने अनुभव [HAPPY NEW YEAR 2019 -31122018]........................................................................43

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "✍



कभी मैं तो कभी वक्त , मुझ से जीत गया
और इसी खेल में एक साल और बीत गया
चारो और कोलाहल मचा है  घर में एक जवां बुजर्ग लाठी सहारे ,

कमर को थामे खड़ा है। पत्नी की आँखों में भी समुन्द्र लहराया है ,
मेहमानो को देख अंदाज़ा है मेरा , शायद कोई त्यौहार आया है। 
दोनों  के जेहन में एक ही ख्याल उबाल ले रहा है , कि

 खतरे  के निशान से ऊपर बह रहा है  ,उम्र का पानी...

वक़्त की मूसलाधार बरसात है कि    ,थमने का नाम नहीं ले  रही...

अकेलापन बढ़ा  इतना कि खुद को खुद का अहसास भी नहीं रहा
 किसी को फुर्सत कहाँ , जो हमारी तरफ  झांक भी सके

शायद 31 दिसंबर का  जश्न सब को मदहोश किये था

आज दिल कर रहा था, बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,
और ..             अहसास करा दूँ अपनी मौजूदगी का

पर फिर सोचा,

उम्र का तकाज़ा है,मनायेगा कौन... हर कोई  नसीयत देने लगता है
आपको पता है घर में नए साल की पार्टी है , बड़े बड़े मेहमान आये हैं
आप सो जाओ दरवाज़ा बंद करके , कुछ चाहिये तो बेल्ल बजा देना


अब हमारे रिश्तों के बीच भी एक कॉल बेल्ल ही बची है , संवाद के लिए

भाई रखा करो नजदीकियां,   ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं...

फिर मत कहना  ,चले भी गए और बताया भी नहीं...

तुम्हारी कॉल बेल्ल हमारी दिल की हालत न बता पायेगी ,
उठने की हिम्मत न होगी तो , बेल्ल को दबाएगा कौन ?
यह भी तो बता के जाते मुझे

चाहे जिधर से गुज़रिये, मीठी सी हलचल मचा दीजिये...


उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है, आज जहाँ तुम हो

कल हम वहां के ठेकेदार थे , आज  हम हैं जहाँ
कल होओगे  तुम भी वहां , फर्क सिर्फ इतना है , हम परिवार के साथ थे
और यहाँ परिवार आपके साथ है ,  जाएये सब कुछ नया साल मनाईये
अपनी उम्र का मज़ा लिजिये...



देखी जो नब्ज मेरी,  हँस कर बोला वो हकीम :  "जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ,


तेरे हर मर्ज की दवा वही है   दोस्तो से रिश्ता रखा करो जनाब...  ये वो हक़ीम हैं


जो अल्फ़ाज़ से इलाज कर दिया करते हैं।  खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर,


ये ही हैं वोह कम्बख्त दोस्त..  जो कभी बूढ़ा  होने नहीं  देते।

ताने मार मार कर कभी रुला कर , कभी शिक़वाए इजहार करके ,
कुछ भी हो इनको खोना नहीं , इस उम्र में नए दोस्त नहीं बना करते ,

बच्चे वसीयत पूछते हैं   रिश्ते हैसियत पूछते हैं,

लेकिन वो दोस्त ही हैं जो  आपकी टांग भी खींचते हैं ,
जरूरत में आपकी खैरियत भी  पूछते हैं....





     ""सदा मुस्कुराते रहिये""