Sunday, December 29, 2019

ADABI SANGAM ...[.481 ] .........[DOSTI PART {-2 }] .......................................................................................................................[ DECEMBER. 28--2019

दोस्ती  -- PART  -2  
--28 -12 -2019 
ADABI SANGAM 



वोह मेरा जिगरी दोस्त ही  तो था ,
जिसकी दोस्ती पे मुझे नाज़ था ,
रूठ कर वोह आज खुदगर्ज़ी से ,
है दूर मुझ से वो अपनी मर्ज़ी से


खूब लुटाई अपने दिल की दौलत ,
उसके दिल में जगह बनाने को ,
आज न जाने क्यों मिल रहा है अजनबी सा ?
उत्साह की परछाइयों का नाम है जिंदगी,
दुखों की गहराईओं का नाम है जिंदगी,


दुख बहुत होगा जब हम छोड़ के जाएंगे,
तड़पोगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे,

जब साथ बिताया समय याद आता है,
मेरी आंखों में आंसू छोड़ जाता है,

कोई और मिल जाये तो हमें न भूल जाना,
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी भर का होता  है।


दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे,
तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे,

रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा करे या न करे ।


कामयाबी हमेशा हौसलों से मिलती है,
हौसले हमेशा दोस्तों से मिलते हैं,

अच्छे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं,
और आप जैसे दोस्त तो नसीब से मिलते हैं।

पलट के देख लो इतिहास के पन्ने
दोस्ती से बड़े होते हैं इसे  निभाने वाले


तुझे टूटा हुआ देखकर ऐ दोस्त,
मैं खुद भी टूट जाता हूँ,

दिल पे काबू रख  तुझे तो समझाता हूँ,
रात की तन्हाई मैं खुद रोने बैठ जाता हूँ।


दोस्ती का वो पुराना पल याद आता है,
मेरी आँखों को भर के लौट जाता है,

हमारी दोस्ती सदा जिंदा रहे, अगर तुम भी यही चाहते हो 
 यही हमारा दिल भी चाहता है। तो फिर 
दोस्ती में धन दौलत को दूर रखिये





ज़िंदगी में बहुत मुश्किले हैं,

पर हर कोई सहारा अपना नहीं होता,


ज़िंदगी में बहुत दोस्त हैं, पर

हर कोई ख़ास हमारा नहीं होता,


पर जब से आप जैसा दोस्त मिला है,

और किसी को ख़ास बनाना गवारा नही होता।


जुबान पे उल्फत के अफसाने नहीं आते,

जो बीत गए फिर से वो फसाने नहीं आते,


यार ही होते हैं यारो के हमदर्द,

कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।


वोह मेरा जिगरी दोस्त ही तो था ,

जिसकी दोस्ती पे मुझे नाज़ था ,

रूठ कर आज खुदगर्ज़ी में ,

हो गया है दूर मुझ से वो अपनी मर्ज़ी से



न जाने क्यों हमें आंख भिगाना नहीं आता,

न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल समझाना नहीं आता,

क्यों सारे दोस्त बिछड़ गए हमसे,

शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!


हर पल हम आपके साथ हैं,

तनहाइयों में होकर भी हम आपके पास हैं,


आपका हो न हो पर हमें,

आपकी कमी का हर पल अहसास है।


मुकाम मिलने से यारी भुलाई नहीं जाती,

एक साथी मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,


दोस्तों की कमी हर पल रहती है,

तनहाइयों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।


ऐ यार तेरी यारी पर हम गर्व करते हैं,

हर समय मिलने की तलब करते हैं,


ऐसे दोस्त बहुत कम ही मिलते हैं,

जो हमसे मिलने की तलब करते हैं।


तुम बनके यार ऐसे आए ज़िंदगी मे,

के हम ये ज़माना ही भूल गये,


तुम्हे याद आए ना आए हमारी कभी,

पर हम तो तुम्हे भूलाना ही भूल गये!


यारों के बीच मैं कुछ तो सुनाना पड़ता है,

दुःख हटाकर मस्कुराना पड़ता हैं,


कभी उनके हम थे यार,

आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता हैं।


तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,

तुझसे मिले बिना तेरी हर बात बता सकता हूँ,


है मेरी दोस्ती में इतना दम, तेरी पलकों का आँसू

अपनी पलकों से गिरा सकता हूँ।


यार हर मुखड़े की चमकान होती है,

यारी ही सुख-दुःख की पहचान होती है,


कोई रूठ भी जाये तो दिल पे मत लेना,

क्योंकि दोस्ती जरा-सी नादान होती है।


किस्मत लिखने वाले एक उपकार करदे,

मेरे दोस्त की किस्मत में एक ख़ुशी और लिख दे,


न मिले कभी जख्म उसको, तू चाहे तो

उसकी तक़दीर में मेरी जान लिख दे।


मिल जाती है कितनो को मुस्कुराहट,

मिट जाते हैं कितनो के दुःख,


मैसेज इसलिये भेजते हैं हम,

ताकि न मिलने से भी अपनी यारी न हो कम।



दुश्मन को हम प्यार देते है,

प्यार पे मुस्कान को हार देते हैं,


बहुत दिमाग लगाकर हमसे कोई वादा करना.. ऐ-दोस्त

… हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है



लोगों की जरूरत महफिल में होती है,

प्यार की ज़रूरत कलेजे में होती है,


बिना दोस्त के अधूरी है हमारी ये महफ़िल,

क्योंकि दोस्त की ज़रूरत हर हाल में होती है।


साथ अगर दोगे तो हसेंगे जरूर ,

दोस्ती अगर दिल से करोगे तो साथ देंगे ज़रूर,


कितने भी काँटे क्यों ना हों दोस्ती की राहों में,

आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।



जिंदगी में कुछ दोस्त अपने बन जाते हैं,


कुछ दिल में तो कुछ आँखों में बस जाते हैं,


कुछ दोस्त धीरे से अलग भी हो जाते हैं,


पर हम जो हैं सबको दिल से चाहते हैं।



न जाने कुछ दिन बाद कैसा माहौल होगा,


हम सब दोस्तों में से कौन कहाँ होगा,


फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे सपने मे,


जैसे सूखे गुलाब मिलते है पुरानी किताबों मे।



जिंदगी की दौड़ में हम हार गए,

सारे गिले शिकवे हम पीछे छोड़ गए,


हमने हमारे अनमोल दोस्त को खो दिया,

या जिंदगी के सफर में सचमे हम हार गए।


ए दोस्त तू हमसे रुस्वा ना होना,

हमारा वक़्त ही तो है जो खराब है,


वो भी एक ना एक दिन बदल जायेगा,

बस हमेशा तुम हमारे साथ रहना।



समंदर न हो तो कश्ती किस काम की,

हंसी मज़ाक न हो तो, मस्ती किस काम की,


ये जिंदगी कुर्बान है दोस्तो के लिए,

अगर दोस्त न हो तो जिंदगी किस काम की।


न गाड़ी न बुलेट और न ही रखे हम हथियार,

एक है सीने में जिगर और दूसरे हैं जिगनी यार।


हर मर्ज़ का इलाज नही दवाखाने में,

क्योंकि कुछ दर्द चले जाते हैं दोस्तो के साथ मुस्कुराने में।


एक चाहत होती है दोस्तो के साथ जीने की जनाब,

वरना हमे भी पता मरना अकेले ही है


सोचता हूँ दोस्तो पर मुकदमा कर दूं,

कम से कम इसी बहाने मुलाकात तो होगी।


एक सच्चा दोस्त बारिश की तरह नही होता,

जो आया और चला गया,


सच्चा दोस्त तो एक हवा की तरह है,

जो साथ रहता है पर दिखाई नही देता,

बस उसे महसूस कर सकते हो।



इतिहास में लिखा है, की अच्छी किताबें

और अच्छे दोस्त जल्दी समझ नही आते।


मेरे हँसी के पीछे का दर्द समझ लेते हैं,

कुछ दोस्त ऐसे हैं जो मेरे गम को बड़ी

आसानी से ख़ुशियों में बदल देते हैं।


दीपक मिट्टी का हो या सोने का ये महत्वपूर्ण नही है,

बल्कि ये महत्वपूर्ण है की वो अंधेरे में प्रकाश कितना देता है,

उसी तरह दोस्त अमीर हो या गरीब ये महत्वपूर्ण नही है,

बल्कि ये महत्पूर्ण है की वो मुसीबत में साथ कितना देता है।



खूबसूरत से एक पल का किस्सा बन जाता है,

जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है,


कुछ लोग ज़िन्दगी में मिलते हैं ऐसे,

जिनसे कभी न टूटने वाला रिश्ता बन जाता है।


सच्चे दोस्त हमे कभी गिरने नही देते हैं,

न किसी की नज़रो में ना ही किसी के कदमो में


दोस्ती कोई खोज नही होती,

दोस्ती हर किसी से रोज नही होती,

अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को

बेबजह मत समझना, क्योंकि

पलके कभी आंखों पर बोझ नही होती।


हम दोस्ती में दरख़तों की तरह हैं साहिब,

जहाँ लग जाएं वहाँ मुदत्तो खड़े रहते हैं।


किसी भी दोस्त को अपने सारे राज़ मत बताओ,

क्योंकि जिस दिन वो दुश्मन हो गया, तो

बहुत नुकसान देगा।



दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बन कर,

बस बातें रह जाती हैं कहानी बन कर,


पर दोस्त हमेशा दिल के करीब रहते हैं,

क़भी मुस्कान तो कभी आंखों में पानी बन कर।


वक्त और हालात हमेशा बदलते रहते हैं, पर सच्चे रिश्ते और दोस्त कभी नही बदलते हैं।



मुस्कुराना ही जिंदगी नही होती,

उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नही होती,

खुद से ज़्यादा ख्याल रखना पड़ता है दोस्तो का,

क्योंकि सिर्फ दोस्त कहना ही दोस्ती नही होती।



कहो उसी से जो कहा न हो किसी से,

मांगो उसी से जो देदे खुशी से,

और दोस्ती करो उसी से जो निभाए खुशी से।



दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती है,

दोस्ती से खूबसूरत कोई तस्वीर नही होती है,

दोस्ती यूं तो कच्चा धागा है,

पर इस धागे से मज़बूत कोई ज़ंज़ीर नही होती है।


इतिहास के हर पन्ने पे लिखा है ,

दोस्ती से बड़े उसे निभाने वाले होते हैं


दोस्ती इम्तिहान लेती है








मिलते हैं लाखों इंसान दुनिया में ,

पर दोस्ती हर किसी से नहीं होती '

भीड़ में नजरें मिलें या धक्का ,

एक सॉरी भी दोस्त बना देती है


प्यार की मस्ती किसी दूकान में नहीं मिलती

अच्छे दोस्तों की दोस्ती भी हर वक्त नहीं मिलती ,

रखना दोस्ती की अहमियत दिल में सजा कर

क्योंकि यारों की यारी कभी गैरों से नहीं मिलती


लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो

की दोस्ती दिल पर सवार हो जाए ,

हम कहते हैं की दोस्ती खुल के करो इतनी ,

के दुश्मन भी यार हो जाए


तेरी मुस्कराहट मेरी पहचान थी ऐ दोस्त

तेरी ख़ुशी में ही मेरी भी शान थी ,

कुछ भी तो नहीं बचा तेरे बिना जिंदगी में

इतना तो समझ के तेरी दोस्ती ही मेरी जान थी


मैं कहूं और आप समझ जाओ वो है अच्छी दोस्ती

आप कहो और मैं सुनूँ , वो उससे भी अच्छी दोस्ती

पर मैं कुछ भी न कहूं और आप समझ जाओ

यह तो सबसे सच्ची है दोस्ती


घडी की सुईओं माफिक रिश्ता हैं मेरे दोस्तों का ,

कभी मिलते हैं कभी नहीं , पर जुड़े रहते है


ऐ दोस्त तुम पे लिखना कहाँ से शरू करू

तेरी अदा से या तेरी हया से करू ,


दोस्ती तुम्हारी इतनी खूबसूरत है मेरे लिए ,

पता नहीं तारीफ जुबान से करू या दुआ से


दुनिया दारी में हम थोड़े कच्चे हैं ,

पर दोस्ती की मामले में सच्चे हैं ,

हमारी सच्चाई की बुनियाद

सिर्फ इसी बात पर तो टिकी है ,

की हमारे दोस्त हम से भी अच्छे हैं







यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त

रह रह के बेवक़ूफ़ बनाते है दोस्त

शर्बत बोल के दारु पिला देते हैं दोस्त

पर कुछ भी कहो बहुत याद आते हैं दोस्त

प्यार करने वाले अक्सर मायूस हो जाते है


प्यार के इम्तिहान में अक्सर फ़ैल हो जाते हैं

दोस्ती के किस्से लेकिन बहुत मशहूर हो जाते हैं






वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं


विश्वास की एक महीन सी डोरी है दोस्ती ,

विश्वास बिन कोरे कागज़ सी है दोस्ती '

कभी थैंक्स कभी सॉरी पे टिकी है दोस्ती ,

न मानो तो कुछ भी नहीं , मानो तो

भगवान कृष्ण और सुदामा सी है दोस्ती


क्या फर्क हैं दोस्ती और मोहब्बत में ,

रहते तो दोनों दिल में हैं ?

लेकिन फर्क तो फिर भी है

बरसों बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है ,

और मोहब्बत नज़र चुरा लेती है





क्या फर्क दिखा तुमेह दोस्ती और मोहबत में मेरे दोस्त ?

रहते तो दोनों दिल में ही हैं , फिर भी फर्क तो हैं ,

मुद्दत बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है ,

और मोहबत नज़र चुरा मुहं फेर लेती है


ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का

हमने खुद को खुशनसीब पाया ,

तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त को पाने की

खुदा खुद ही तुम्हारी शक्ल में उत्तर आया








आँखों से आँसू क्यों छलक जाते है।

तन्हाइयों में गम क्यों याद आते है।


आँसू पोछ कर कोई ये बता दे हमसे।

दूर रहने वाले अक्सर क्यों याद आते है।


तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो 'फ़राज़'

दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला


अहमद फ़राज़


मेरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए

तू दोस्त है तो नसीहत न कर ख़ुदा के लिए


वसीम बरेलवी

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त

सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया


साहिर लुधियानवी

ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद

महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी



नासिर काज़मी

दुश्मनों से प्यार होता जाएगा

दोस्तों को आज़माते जाइए


दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं

दोस्तों की मेहरबानी चाहिए


दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब

मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं


आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं

जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं


इसी शहर में कई साल से मिरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं

उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं



ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है


हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो


इज़हार-ए-इश्क़ उस से न करना था 'शेफ़्ता'

ये क्या किया कि दोस्त को दुश्मन बना दिया


लोग दौलत देखते हैं,


हम इज़्ज़त देखते हैं,


लोग मंज़िल देखते हैं,


हम सफ़र देखते हैं,


लोग दोस्ती बनाते हैं,


हम उसे निभाते हैं.



चलो अब इस ….. ताल्लुकात को कुछ और नाम दें,

ये दोस्ती का नाम तो बदनाम हो गया..


हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नही रखते,

दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त रखते है.


लोग रूप देखते है ,


हम दिल देखते है ,


लोग सपने देखते है


हम हक़ीकत देखते है,


लोग दुनिया मे दोस्त देखते है,


हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.



मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,

कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!


दुआ करते हैं हम उस खुदा से , ऐ दोस्त ,

तू अपनी मंजिल हमसे जल्दी पा जाए


कोन कहेता है की दोस्ती बराबरी वालो में होती है..

सच तो ये है की दोस्ती में ही सब बराबरी होती है.


अच्छा दोस्त ज़िन्दगी को जन्नत बनाता है,

इसलिए मेरी कदर किया करो, वरना फिर कहते फिरोगे,

बहती हवा सा था वो यार हमारा था वो कहाँ गया उसे ढूढो.



ऐ दोस्त मै तेरी खुशीयां बाटने शायद न आ सकुं,


पर ये वादा रहा, जब गम आऐ तो खबर कर देना,


सारे के सारे ले जाउंगा.



लोग दौलत देखते हैं, हम इज़्ज़त देखते हैं,

लोग मंज़िल देखते हैं, हम सफ़र देखते हैं,

लोग दोस्ती बनाते हैं, हम उसे निभाते हैं.


जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो,

हारना तो है एक दिन मौत से,

फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!



दोस्त तो दोस्त होता है, उसकी कोई जात या धर्म नही होता,

वो ख़ुशी के टाइम पे भी गालियाँ सुनता है और बुरे टाइम पे भी।


वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं



बड़े अजीब हैं जिंदगी के यह रास्ते ,

अनजाने मोड़ों पर कुछ लोग दोस्त बन जातें हैं ,

मिलने की ख़ुशी से ज्यादा बिछड़ने का गम जरूर दे जाते हैं





दोस्ती करो तो हमेशा मुस्करा के ,

किसी को धोका न देना अपना बना के ,

मिल लो जितना भी मिलना है जब तक हम जिन्दा हैं ,

फिर न कहना चले गए दिल में यादें बसा के



प्यार और दोस्ती में इतना फर्क पाया है

प्यार ने सहारा दिया और दोस्त ने निभाया है

किस रिश्ते को बड़ा कहूं ?

एक ने जिंदगी दी और दुसरे ने जीना सिखाया है


जिंदगी बड़ी छोटी है दोस्ती निभाने को

इसको न गंवाना रूठने और मनाने में ,

दोस्ती तो कर ली है हमने आपसे

बस थोड़ा सा साथ तो दे दो इसे चलाने में


कितने अज़ीज़ हो तुम ये बताएं कैसे ,

अपनी सच्चाई आपको दिखाएँ कैसे

आपकी दोस्ती है अनमोल हमारे लिए ,

चंद लब्ज़ो में समझाएं कैसे



“इश्क के सहारे जिया नहीं करते,

गम के प्यालों को पिया नहीं करते,

कुछ नवाब दोस्त भी हैं हमारे,

परेशान न करो तो वो याद ही नहीं करते.”


दोस्ती और प्यार नदिया किनारे घूमने गए ,

प्यार नदी में जा गिरा क्यों की प्यार अँधा होता है

हैरत तो तब हुई जब उसके पीछे चलते हुए दोस्ती भी जा गिरी

क्यों ?क्योंकि दोस्ती किसी का साथ नहीं छोड़ती





क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त

क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त,

न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,

फिर क्यों ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त


वक्त की राहों में तुम भुला दो चाहे हमें,

पर हम तुमको न भूल पाएंगे,


तेरी दोस्ती की कसम ऐ दोस्त तू आवाज दे ख्वाबों में

हम हकीकत में चले आएंगे।


~आलोक अंश र


तेरे हर एक दर्द का एहसास है मुझे,

तेरी मेरी दोस्ती पर बहुत नाज़ है मुझे,


क़यामत तक न बिछड़ेंगे हम दो दोस्त,

कल से भी ज्यादा भरोसा आज है मुझे।





लोग डूबते हैं तो समुंदर को दोष देते हैं,
         मंजिल ना मिले तो किस्मत को दोष देते हैं,
खुद तो सम्भल कर चलते नहीं,
         जब लगती है ठोकर तब पत्थर को दोष देते हैं ।
जमाना क्या कहेगा ये मत सोचो...
         क्योंकि ज़माना बहुत अजीब हैं,
नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं
          और कामयाब लोगो से जलते हैं …