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Wednesday, March 15, 2023

JANUARY. 29 , 2022 ADABI SANGAM----MEETING [508-]TOPIC --- SOCH---- "सोच " THOUGHT---THINKING---- TIME -- 6 PM-- VENUE --VIRTUAL

"सोच "अपनी अपनी 
JANUARY. 29, 2022 
ADABI SANGAM----MEETING [508-]
TOPIC --- SOCH---- THOUGHT---THINKING----
 TIME -- 6 PM-- VENUE --VIRTUAL 





सोच एक दिमागी प्रिक्रिया है , वक्त की तरह  बदल जाती है ,
जो थी कल सोच 
 हमारी?  कहाँ मेल खाती है आज की सोच से?

दिलो दिमाग पे हावी है , रस्ते बनते है सोच से वरना ,
चाल ही बदल जाती है जरा सी पाँव की मोच से।


बात उनकी भी ठीक है , हम दकियानूस ही तो थे
जो सब के लिए सम्मान वाली, सोच रखा करते थे ?
धन दौलत से अधिक इंसानो की कदर किया करते थे
किसी की सोच को काटे बिना ही उसकी सीढ़ी बना कर ,
अपनी सोच बना लिया करते थे।


नारे लगे सोच बदलो , देश को बदलो ,
लोगो की सोच बदली दौलत की भूख जगी ,पेट की भूक फिर भी न मिटी
न ही देश बदल पाए ,न ही अपनी इंसानी फितरत ,
आपसी प्यार नफरत में बदल गया सो अलग ,

सोच क्या बदली , सारा जहाँ ही बदल गया
सोच सीमित है सिर्फ दौलत और शौरत तक ,
इज़्ज़त और प्यार देने का पैमाना भी बदल गया ,
फिर भी कहते हो ,सोच बदलो

हाँ अब तो ,
सोच भी बदलने लगी मौसम की तरह ,
वक्त बदला,हमारी सोच भी बदली
जो कल ठीक था वोह आज नहीं ,

जो आज ठीक लग रहा है कल फिर बदल जाएगा ,
यही दस्तूर है बदलते ज़माने का ,
खुद बखुद ही सबकुछ बदलने लगा है ,
फिर भी कहते हो सोच बदलो ?

हाँ सोच पॉजिटिव है तो क्या बात है ?
अगर सोच नेगेटिव यानी के उलट तो ,
समझ लो मुसीबत सामने खड़ी है।
आपको लपेटने के लिए ,

बात सोच की चली तो, बड़ी देर तक सोचता रहा, फिर थोड़ा सोचा उठा , चलो पता करते है हमारे आस पास लोगों की सोच कैसे चल रही है , उनकी सोच हमसे कितना मेल खाती है ?

बड़ी ही प्यारी सोच थी उनकी बोले " सोचना छोड़ दिया है आजकल , कोरोना ने हमारे दिमाग का दही बना छोड़ा है जिसे हम खा भी नहीं सकते ,सोचें क्या ख़ाक ? ऑन लाइन शॉपिंग ने दिवाला निकाल दिया है हमारा पूरा परिवार इसी सोच में लगा है के कल क्या खरीदना है ?

लडकियां 300 की सैंडल खरीद के लाती है पूरे घर को फक्र से दिखाती है ऑन लाइन शॉपिंग करके आई हूँ, दूकान पे जाती तो तीन हज़ार में मिलती असली चीनी माल है "मजबूर है अपनी सोच से ,
और लड़के बेचारे मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक , 1000 रुपए की दारु की बोतल पी कर आते है और चुपचाप सो जाते है बिना कुछ कहे ,की बड़े स्टोर से खरीदता तो पांच हज़ार की मिलती , इसे कहते है ऊंची सोच लेकर शराफत का जीवन जीना ?



सोच अपनी अपनी,ऊंचे विचार ऊंची सोच ही इंसान को ऊँचा ले जा सकती है , ऐसा अक्सर कहा जाता है पर लोग उसपे अमल कितना करते है यह मत पूछो आज के इंसानो से ?

गालिब ने भी क्या खूब सोच के लिखा है...

दोस्तों के साथ जी लेने का
मौका दे दे ऐ खुदा...
तेरे साथ तो मरने के बाद भी
रह लेंगें ।..
यही सोच आज हम सबकी भी है ,क्योंकि कोरोना जो रास्ता रोके खड़ा है

डॉक्टर्स भी बोलने लगे ज्यादा मत सोचा करो ,
दिल और दिमाग पे असर पड़ता है।
मौजूदा हालात में कभी किसी से बहस भी न करें ,

उसकी सोच को दुरुस्त करने के लिए ,
आपको किसीने ठेका दिया है क्या ?

अगर कोई कहे के हाथी भी उड़ सकता है,
तो उसे बताएं के आज सुबहः ही हमारे घर की तार पे बैठा था ,

अपनी सोच को अपने लिए मेह्फूस रखिये साहब ,
आप ही के काम आएगी
दुसरे की बदलने के चक्कर में कहीं अपनी ही न खो जाए ,
दुश्मनी होगी मुफ्त में ,सो अलग

सोच चिंता में न बदल जाए ,
चिंतन जरूर कीजिये पर चिंता नहीं ,
ध्यान रखिये चिंता और सोच दोनों अलग है ,
चिंता चिता सामान है तो सोच आत्म चिंतन ,
हमारी हर समस्या का समाधान चिंतन में है चिंता में नहीं

मेरे दोस्त की दूसरी शादी शर्मा जी की लड़की से तय हुई थी सो मैं भी बारात में शामिल था , पुछा अब यह फिर से शादी लेकिन कैसे ? उसने भी ढीठता से बोला , यार same virus hai but with different mutation , मैंने सोचा कब तक यूं अकेले रहूँगा ?

कोरोना कॉल है हर इंसान हर तरफ चिंता और सोच में ही तो है और क्या है ? रंग में भंग तो तब पड़ा जब
कलेक्टर जी ने अचानक शर्मा जी की बेटी की शादी में रेड मारी , के कोरोना नियमों का पालन सही से हो रहा के नहीं ?

कलेक्टर मेहमानो के बीच के फासले और आपसी चुपी से बहुत प्रभावित हुए ,कोई किसी से बात ही नहीं कर रहा बोले शर्मा जी बहुत अच्छे " सोशल डिस्टैन्सिंग मेन्टेन किये हो , बहुत अच्छा लगा देखकर के कोई तो सरकार के नियमों को ध्यान से सुनता है और पालन करता है ,

कलेक्टर साहिब यह सरकारी फरमानो की भाषा हम क्या समझें " अब क्या बताएं हज़ूर "हमने मेहमानो की लिस्ट में लोग ही वही बुलाये थे जिनकी आपस में बिलकुल ही नहीं बनती थी , जनाब बड़ी ही सोच समझ से काम किया है। इसलिए ऐसा माहौल बना है ,

साहब
गुज़र रही है ज़िन्दगी ऐसे ही आजकल , 
सोच सोच कर ऐसे मुकाम से, 
विवाह शादी में क्या बुलाएं किसी को 
अपने भी दूर हो जाते हैं, ज़रा से ज़ुकाम से।

तमाम क़ायनात में एक क़ातिल बीमारी की हवा हो गई,
वक़्त ने कैसा सितम ढा़या कि "दूरियाँ" ही 'दवा' हो गई...
इसलिए आज यह दिल की  दूरियां भी काम आ गई

अधिक सोच भी कितनी घातक होती है यह भी जरा सुनिए :-
मनुष्य को अपनी सोच और अहंकार को हमेशा अपने वश में करना चाहिए?
वरना कितने ही बड़े बड़े दिमाग सोचते सोचते ही अपना संतुलन खो बैठे हैं और हमेशा के लिए बर्बाद हो गए

एक बार अमेरिका में
कैलीफोर्निया की सड़कों के किनारे
पेशाब करते हुए देख एक बुजुर्ग आदमी को ,पुलिसवाले पकड़ कर उनके घर लाए
और उन्हें उनकी पत्नी के हवाले करते हुए
निर्देश दिया कि वो उस शख्स का बेहतरीन ढंग से ख़याल रखें औऱ उन्हें घर से ऐसे
बाहर न निकलने दें ।बहुत गलत हो गए है , शराब तो इन्होने नहीं पी थी फिर भी
यह कौन है हमेशा क्या सोचते रहते है हमें नहीं मालूम इनकी यादाश्त का क्या हुआ ?लेकिन इन्हे सड़क पर चलने के नियम ही भूल गए हैं , किसी गाडी के नीचे आकर कुचले जाएंगे अगर ध्यान नहीं रखा गया इनका

दरअसल वो बुजुर्ग सारा दिन किसी न किसी उधेड़ बुन में कुछ सोचते रहते थे और बिना बताए
कहीं भी औऱ किसी भी वक़्त घर से बाहर निकल जाते थे और ख़ुद को भी
नहीं याद रख पाते थे ।

बुजुर्ग की पत्नी ने पुलिस वालों को
शुक्रिया कहा और अपने पति को प्यार से संभालते हुए कमरे के भीतर ले गईं।

पत्नी उन्हें बार बार समझाती रहीं कि
तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए।
ऐसे बिना बताए बाहर नहीं निकल जाना चाहिए।तुम अब पहले से जवान नहीं हो ,बुजुर्ग हो गए हो,

साथ ही तुम्हें अपने गौरवशाली
इतिहास को याद करने की भी
कोशिश करनी चाहिए।
तुम्हें ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए
जिससे हम सबको शर्मिंदगी महसूस हो ।

यह सज्जन कभी देश के बड़े ही प्रतिष्टित नामों में गिने जाते थे ,एक ऊँचे पद से हटने के बाद जब वो अपनी निज़ी जिंदगी में लौटे,तो कुछ दिनों तक सब ठीक रहा। फिर उनको अपनी खोयी गरिमा और प्रसिद्धि का यूँ ख़त्म हो जाने की वजह से ,उनकी जिंदगी की सोच में बहुत अंतर् आ गया था , दिमाग में जरूरत से ज्यादा नेगेटिव सोच व उदासीनता ने घर बना लिया था
और कुछ दिनों बाद उन्हें अल्जाइमर की बड़ी भारी शिकायत हुई और धीरे-धीरे वो
अपनी याददाश्त भी पूरी तरह से खो बैठे।

शरीर था। एक सोच तो थी पर यादें ?
यादें नहीं थीं। कहाँ गई वह सुखद यादें ?
वो भूल गए कि एक समय था जब लोग
उनकी एक झलक को तरसते थे।
वो यह भी भूल गए कि उनकी सुरक्षा दुनिया की
सबसे बड़ी चिंता हुआ करती थी।

रिटायरमेंट के बाद वो सब भूल गए थे ।
पर अमेरिका की घटना थी तो बात
सबके सामने आ गई कि , कैसे एक व्यक्ति को पुलिस ने उसके घर तक पहुंचाया इतनी रात को
कभी दुनिया पर राज करने वाला ये शख्स ,जब यादों से बाहर निकल गया तो न उसकी सोच रही ,न ही वह शख्सियत , जो वह काफी समय तक था

जिस बुजुर्ग को पुलिस बीच सड़क से
पकड़ कर उन्हें उनके घर ले गई थी,
वो किसी ज़माने में अमेरिका के जाने-माने फिल्मी हस्ती थे।
लोग उनकी एक झलक पाने के लिए
तरसते थे।

उनकी लोकप्रियता का आलम ये था कि
उसी के दम पर वो राजनीति में जा पहुंचे
और दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति
बनकर उभरे तथा एकदिन वो अमेरिका के राष्ट्रपति बने।

उनका नाम था रोनाल्ड रीगन।

1980 में रीगन अमेरिका के राष्ट्रपति बने , अपनी सोच और लगन के बल पर
और पूरे आठ साल दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति रहे।
राष्ट्रपति रहते हुए उन पर गोली भी चली। कई दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद जब वो दोबारा व्हाइट हाऊस पहुंचे तो उनकी लोकप्रियता दुगुनी हो चुकी थी।
रीगन अपने समय में अमेरिका के सबसे लोकप्रिय नामों में से एक थे। जो आज सड़क पर यूँ भटकते हुए पाए गए , उनकी सोचने समझने की ताकत उनका साथ छोड़ गई थी

ताकतवर से ताकतवर चीज़ की भी एक एक्सपायरी डेट होती है । बहुत ज्यादा चिंता और सोच से जीवन की रफ़्तार नहीं बदल सकती लेकिन थोड़ी भी पॉजिटिव सोच बुरे से बुरे वक्त का रुख जरूर बदल देती है , यह भी सुनो

एक 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने बिस्तर पर लेटते हुए अपने 83 वर्षीय बुजुर्ग पति से कहा :
"सुनो .. मैंने अभी खिड़की से बाहर देखा और मुझे लगा कि गैरेज की लाइट जल रही है। क्या आप जाकर गैरेज की लाइट बंद कर देंगे?"😁

बुज़ुर्ग बड़ी मुश्किल से बिस्तर से उठे, दरवाज़ा खोला और बाहर आए तो देखा कि पाँच-छह चोर उनके गैरेज का दरवाज़ा तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।😐
.
बुजुर्ग पति ने वहीं से करीबी थाने को फोन किया।
"देखो ... मेरा पता लिखो। हम घर पर केवल दो बुजुर्ग पति-पत्नी हैं। अभी पांच -छह चोर मेरे गैरेज में घुस आये हैं । जल्दी से कोई पुलिस टीम भेजें"🥲
.
दूसरी तरफ से पुलिस की आवाज आई:
"हमने आपका पता लिख ​​दिया है। चिंता न करें। अभी हमारी कोई टीम फ़्री नहीं है। जैसे ही किसी टीम से हमारा संपर्क हो जाता है मैं उन्हें आप के घर भेज दूंगा।"😀
.
ये सुन कर वो बुजुर्ग मानो खून का घूंट पी कर रह गए। उधर चोर अभी भी सारा सामान बाँध कर ले जाने में लगे थे
दो मिनट बाद, उस बुजुर्ग ने कुछ "सोचा " और फिर से पुलिस स्टेशन फोन किया:
"सुनो ... अब किसी को भेजने की जरूरत नहीं है।साले भागने लगे थे , मैंने उन सभी पांचों चोरों को गोली मार दी है..."😎😎
.
दुबारा थाने में बुजुर्ग का फ़ोन आते ही अफरातफरी मच गई। पांच मिनट के भीतर ही पुलिस की एक टीम, एक पैरामेडिक, दो डॉक्टर और दो एंबुलेंस के साथ उन बुजुर्ग के घर पर पहुँच गई। उन चोरों पर जल्द ही काबू पा कर पाँचों चोरों को गिरफ़्तार कर लिया गया। बाद में पुलिस टीम का प्रभारी बुजुर्ग के पास पहुँचा और बोला:
"आपने तो कहा था कि आपने उन पाँचों चोरों को गोली मार दी है, लेकिन हम ने तो उन्हें ज़िंदा गिरफ़्तार किया है?"😳😳
.
बुजुर्ग ने जवाब दिया : "और आपने भी तो कहा कि अभी आपकी कोई भी टीम फ्री नहीं है।"😂😂 वह आपकी सोच थी , जो मैंने किया वह मेरी सोच थी


बुजुर्ग लोगों को हल्के में ना लें उनकी सोच वहां से शुरू होती है जहाँ सब की ख़त्म हो जाती है आखिर जिंदगी का तजुर्बा भी कोई चीज़ होता है ? वही तो उनकी पूरी जिंदगी की कमाई है

इतना भी मत सोच उसकी बदजुबानी पे
देख बहुत उदास है कोई तेरे चुप हो जाने से
क्या रखा है ऐसी सोच में ? हो सके तो
बात कर लो उससे , किसी बहाने से


सोच वही हमारी ,जो वक्त पे काम आये ,
मोह प्यार उतना ही करो जो सकूं दिलाये,

सोच वही ,जो अहंकार न बनने पाए ,
गुजर जाना शमशान के पास से कभी
बेहतरीन सोच के, धनवान मालिक
पड़े है बन के राख यूँ तनहा ,
अपनी अपनी उम्दा सोच लिए हुए

लेकिन मैंने भी खोज निकाला है के
जिंदगी में सपने या तो यकीन से पूरे होते है ,
या व्हिस्की और नमकीन से , 
आपकी दकियानूसी सोच से नहीं ?


****************************************************************

एक प्रोफेसर कक्षा में दाखिल हुए। उनके हाथ में पानी से भरा एक गिलास था। उन्होंने उसे बच्चों को दिखाते हुए पूछा- “यह क्या है?” छात्रों ने उत्तर दिया- “गिलास।” प्रोफेसर ने दोबारा पूछा- “इसका वजन कितना होगा ?” उत्तर मिला- “लगभग 100-150 ग्राम।” उन्होंने फिर पूछा- “अगर मैं इसे थोड़ी देर ऐसे ही पकड़े रहूं तो क्या होगा ?” छात्रों ने जवाब दिया- “कुछ नहीं।” “अगर मैं इसे एक घण्टे पकड़े रहूं तो ?” प्रोफेसर ने दोबारा प्रश्न किया। छात्रों ने उत्तर दिया- “आपके हाथ में दर्द होने लगेगा।”


उन्होंने फिर प्रश्न किया- “अगर मैं इसे सारा दिन पकड़े रहूं तो क्या होगा” ? तब छात्रों ने कहा- “आपकी नसों में तनाव हो जाएगा। नसें संवेदनशून्य हो सकती हैं। जिससे आपको लकवा हो सकता है।” प्रोफेसर ने कहा- “बिल्कुल ठीक। अब यह बताओ क्या इस दौरान इस गिलास के वजन में कोई फर्क आएगा ?” जवाब था कि नहीं। तब प्रोफेसर बोले- “यही नियम हमारे जीवन पर भी लागू होता है। यदि हम किसी समस्या को थोड़े समय के लिए अपने दिमाग में रखते हैंउसके बारे में सोचते हैं । तो कोई फर्क नहीं पड़ता।


लेकिन अगर हम देर तक उसके बारे में सोचेंगे तो वह हमारे दैनिक जीवन पर असर डालने लगेगी। हमारा काम और पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होने लगेगा। इसलिए सुखी जीवन के लिए आवश्यक है कि समस्याओं का बोझ अपने सिर पर हमेशा नहीं लादे रखना चाहिए। समस्याएं सोचने से नहीं हल होतीं। सोने से पहले सारे समस्यायुक्त विचारों को बाहर रख देना चाहिए। इससे आपको अच्छी नींद आएगी और आप सुबह तरोताजा रहेंगें।
समस्याओं को लेकर अधिक परेशान नहीं होना चाहिए। उन्हें सोच या चिंता से नहीं बल्कि चिंतन और कर्म करने से ही दूर किया जा सकता है





























क्या हम आज़ाद है तो कैसे और किस से ? ----- FEBRUARY 5th ,2022 , for republic day in asamai Temple

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "


Though we became a free country from British rule, by transfer of power by the Britishers to their favorite set of people belonging to a particular party, which became a republic on 26 Th January 1950, 

This was the day when our own written constitution By Baba Bheem Rao Ambedkar came into force, 

Interestingly the country called Great Britain had ruled us for almost 200 years they themselves had no written constitution but had various criminal and civil and common laws in place but no codified written document to be called a constitution like we have in India  Their supreme law-making body is parliament which protects the rights of citizens.

 or we are happily celebrating it with full enthusiasm and vigor just ritually as we do other festivals of our Indian culture for the last several centuries. 

This year is very special as being a landmark, of 75 years of our freedom/transfer of power in 1947, with a wonderful display of our progress in industry, agriculture, and military by exhibiting our latest fighting equipment on public displays.

 we exhibit numerous Jhaankis/  without giving them a serious thought for even a moment to understand what we gained and lost after our independence, and what this republic day means for us?

 In These 75 years? Don't take it otherwise, I am as patriotic and nationalist as you all are, but have a little more curiosity than usual 

we are all Indians here so I take the liberty of giving you my mind in Hindi today 



आज हम फिरसे मना  रहे गौरव का वही   दिन ,
दर्ज हैं जिसके हर  किस्से, भारत के इतिहास में। 
 हर इबारत जो दफन थी , फिर से उभरने लगी है 
उन गुलामी की दिनों के यादे भी अब चुभने लगी है 
पूछने लगी है आज की युवा पीढ़ी   ,
तो क्या इससे पहले हम कभी आजाद नहीं थे ?

किसी ने कभी  पुछा नहीं, न ही किसी ने बताया 
जश्ने आजादी के पर्व हर साल आते रहे जाते रहे ,
75 सालों से लगातार इसे दिल से मनाते  भी रहे
लेकिन इससे पहले के सालों को हम कैसे  भूल गए ? 

भूल गए या भुलाने को विवश किये गए ?
क्या हम सिर्फ आज से 75 साल पहले गुलाम थे ?
एक हज़ार वर्षो की नींद से हमें जगाता है 
उससे  पहले का इतिहास ,आज भी हमें रुलाता है। 

बड़ा अच्छा लगता है आजादी के तराने सुनकर, गा कर 
हम नाचने गाने लगे इतिहास के उन पन्नो को भुला कर 
इस आनन्दो उल्हास में भी है एक अजीब सा कोलाहल 
मन ही मन डर जाता हूँ  , भविष्य की एक  भयानक तस्वीर बुनकर 

सच्चाई कहने, सुनने  से, फिर भी हम बचते रहे 
 बुरा न मान जाए कहीं कोई , इसी सोच में डरते रहे।
खोई थी अपनी आजाद संस्कृति जिनके आक्रमणों से 
उनके बीज अभी भी जिन्दा है , फिर से हमें कब्जाने में 

अपनी अपनी मस्त दुनिया में जीने वाले, क्या करेंगे इसे जानकर  ?
पूछिए उस लुप्त होती पीढ़ी से , जान कैसे बची थी  , उनकी ,?
 सब कुछ लुटाकर , घर बार छोड़ा , अपनों ही को गवां कर 
और अपने ही देश ,अपने ही घर से , खाली हाथ भाग कर 

एक मानव सभ्यता को कुचलने की वीभत्स कोशिश हुई इतिहास में । 
जब जला डाले , गौरव के वोह निशान जिनमे बसी थी पहचान हमारी 

इतनी प्राचीन सभ्यता , राम और  कृष्ण की करम भूमि 
प्रचार प्रसार था पूरी दुनिया में , भारतीय सनातन का 
तो क्या तब हम आजाद नहीं थे ? 

आज उसी पावन  धरती को इंतज़ार है ,फिर से अपने सपूतों का ,
 बादल खतरों के फिर से मंडराने लगे है , नफरत की आग फिर से जलाने  लगे है 
आज़ादी की  मशाल , जलती रहे हमेशा जिसमे खून मिला है पुरखों का 
उसी मशाल को बुझाने में लगे है 

जनता की उदासीनता , नेताओं की दुष्टता , 
लालच , देश से गद्दारी , जयचंदो की है भरमार यहाँ भारी 
उठो देश प्रेमियों , हवाओं को समझो ,
 गफलत छोड़ो ,
मत भूल जाना अपने गौरवशाली इतिहास को 
अशोका , मौर्या , पृथिवीराज ,और  मरहटों ने भी ,
संभाला था कभी इसकी आन और शान को 
इसी आजादी को संजोने को , वही बीड़ा उठाने को, 
जागना होगा ,हर छोटे बड़े इंसान को 

जय भारत 


क्या हम आज़ाद है तो कैसे और किस से ? क्या इस्लाम और विदेशी ताकतों ने हमें जीने दिया है आज तक ? गजवाये हिन्द भी चालू है ा और विदेशी ताकतें भी लगी है हमारी हस्ती मिटाने में और हम लगे है 
नाचने और गाने में ? 
धिक्कार है हमारी मासूमियत और हमारी आराम पसंद युवा पीढ़ी पर जो है तो भारत माँ की संतान परन्तु सिर्फ पैसे को खुदा मानती हैऔर विदेशों को अपनी करम भूमि , उसके लिए देश और उस पे आये खतरों की कोई चिंता ही नहीं है , लव जिहाद है जमीन जेहाद है और हम कहाँ है अपने देश को नोच के खाने वालों की जी हज़ूरी में लगे है सिर्फ ढोंग सेकुलरिज्म के नाम पर ?पैसा कमाने के नाम पर > भूल गए कभी हमें ऐसे ही बांग्लादेश , पाकिस्तान , कश्मीर से उगांडा से , ईरान से अफ़ग़ानिस्तान से खदेड़ा गया और हमें भूखा नंगा देश से निकाल दिया और हमारी बहु बेटियां , जमीन जायदाद सब वहीँ छोड़ कर खाली हाथ भागना पड़ा ?
वही खतरे अभी टले नहीं ,
सकूं के पल अभी हमें मिले नहीं 



















Februay 26th , 2022 ----- ADABI SANGAM --- Mohabbat----Prem ---LOVE ----ISHQ----मोहब्बत

अदबी संगम --ZOOM MEETING --FEBRUARY 26 ,2022 
मोहब्बत --- TIME -6 PM 
मंजिलें अपनी जगह है रस्ते अपनी जगह , 
मोहब्बत की झूटी कहानी पे रोय ,


एक बार तो -----एक बार तो ------
आ जाओ हमारे शहर
सदा बरसात रहती है वहां----
कभी बादल बरसते हैं ,
और ,कभीआँखे , हमारी
सिर्फ उनकी -मोहब्बत में





बड़ा ही सोच समझ के मैंने ,
लिखा था दिल के दरवाजे पर ,

अंदर आना सख्त मना है
न जाने कब दाखिल हो गया  यह इश्क
 
मुस्कुराते हुए बोला
माफ़ करना दोस्त , मैं तो अँधा हूँ
न मैं  देख सकता हूँ , न ही पढ़  

मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता I
ये वो घर है, जिसका कोई दरवाजा नहीं होता II

एक ही शर्त है मोहब्बत में ,
नजरें टकराती है , झुक जाती हैं, 

दिल का दरवाजा खुल जाता है 
सिम सिम जादू की तरह 


इश्क एक चिंगारी है ,दोस्तों ने कहा 
ख़ाक हो जाओगे 

इसका क्यों खौफ दिखाते हो हमें ?
हम तो पहले से ही दिल में

मोहब्बत की आग का दरिया ,
चुपचाप बसाये बैठे हैं ,

राख हो चुकते हम इसआग में ,कब के
 आँखों में हमारे अगर ,छलकता ,समुन्दर न होता

मोहब्बत मिली तो नींद भी न रही  अपनी !
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितना सकून था !!

लोग हर बार यही पूछते हैं ,तुमने उसमें देखा क्या  !
बेवजह गिरफ्तार होकर रह गए उनकी नज़रों में ?

मेरा जवाब हर वक्त वही होता है ,
यह दो नजरों का आपसी मामला है, 
उन्ही की भाषा है ,आप नहीं समझोगे 

मोहब्बत क्या है चलो दो लब्ज़ों में बताते है !
उनका मजबूर करना ,और हमारा मजबूर हो जाना !!

एक भोली सी सूरत ही थी ,चुप चाप से दिल में उतर गई 
मिलने को तो दुनियाँ मे कई चेहरे मिले

पर उस जैसी मोहब्बत तो, 
हम खुद से भी ना कर पाये

जहाँ है कशिश, दो अजनबी, वहीँ है प्यार
वहीँ तो है ,मोहब्बत का इज़हार

ऐ मोहब्बत, तूझसे पार पाने की कोई राह नही !
तू तो उसे ही मिलेगी ,जिसे तेरी परवाह नही !!

यही तो हम ने उनसे भी कहा था पहली ही मुलाक़ात में
गुरुर तो नहीं करते पर इतना खुद पे यकीन जरुर है !

अगर याद नहीं करोगे तो भुला भी नहीं पाओगे !!

उतर जाते है दिल मे कुछ लोग इस कदर
उनको निकालो तो जान निकल जाती है, 

कितने संगदिल होते हैं कुछ लोग  मगर 
दिल में छिपा लेते  है मुहब्बतें, काले धन की तरह !
खुलासा नही करते कभी ,
कहीं ,छापा न पड जाए ,

कुछ कमाल की मोहब्बत ,भी करते हैं कुछ लोग 
अचानक ही शुरू होती है ,और बिन बतायें ही ख़त्म

अच्छा ही  करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते !
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते !!

मैंने भी कहा ,हाँ लेकिन मेरी मोहब्बत की वफ़ा भी तो देख !
अब से मैं उसके नाम वालो से भी मोहब्बत से पेश आता हूं !!

मोहब्बत में , जुबान नहीं बोलती 
आँखों से सब बय्याँ  हो जाता है 
मोहब्बत सच्ची है तो मुँह से निकला झूठ भी .
आँखों से पकड़ा जाता है  !!

मुहब्बत तो दिल देकर, की जाती है मेरे दोस्त !
चेहरा देखकर तो लोग,सिर्फ सौदा करते हैँ !!

देख के एक अनजान चेहरे को ,
कोशिश जितनी भी कर लो
मोहब्बत की नहीं जाती ,
दिल चाहेगा तो हो जाती है 

दुःख में ख़ुशी की वजह बनती है मोहब्बत
दर्द में यादों की वजह बनती है मोहब्बत

जब कुछ भी अच्छा ना लगे हमें दुनिया में
तब हमारे जीने की वजह बनती है मोहब्बत

मोहब्बत करने वालों की कमी नहीं है दुनिया में,
अकाल तो निभाने वालों का पडा है साहब!!!

मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं,
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है 
चाँद की मोहब्बत में !!



अपनापन छलके जिसकी बातों में 
लाखों में कुछेक ही होते है 
आँखों में छलक  जाते है आँसू 
जब वो हमसे दूर होते है 
!
ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है 
जिस से करते है !उन्ही से छुपाते भी है 

मेरे दिल से निकलने का रास्ता न ढूंढ सके !वोह
जो  कहते थे तुम्हारी रग रग से वाकिफ है हम !!

उसकी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है
बेशक उसे मेरी मोहब्बत पर ,शक आज भी है

जिस नाव में बैठ कर धोये थे,हाथ उसने कभी
पूरे तालाब में वहां मेहंदी की महक आज भी है

हर बार फिर भी पूछते हैं,हमारी चाहत का सबब
बदस्तूर इम्तिहान, इश्क का , जारी आज भी है

क्या कमाल का था ,मंसूबा उनकी मोहब्बत का ?
अपना हमें बना न सके ,किसी का हमें होने न दिया


पर इस दिल का क्या करें ?
समझाने में लगा रहता है हमेशा 
मोहब्बत को ,एक हद  से, गुजरने तो दो,
वो भी रोयेंगे जरूर , थोड़ा हमे बिखर जाने ,तो दो,

अभी ज़िंदा हैं तो, एहसास नहीं है उनको हमारा ,
रो रो कर पुकारेंगे हमे, एक दफा ,मर तो जाने दो।

कमाल की मोहब्बत थी उनको हमसे
अचानक सुरू हुई अचानक ख़त्म भी हो गई

ख़ामोशी हमारी वो समझ न सके 
 अलफ़ाज़ कोई , थे नहीं  ,हमारी जुबान पे 

मोहब्बत भी क्या , अजीब चीज ,बनायीं खुदा तूने,
तेरे ही मंदिर में,तेरी ही मस्जिद ,गिरजे , तेरे ही गुरूद्वारे में 
तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हैं ,फूट फूट कर ,
तुझे नहीं, किसी अपनी खोई मोहब्बत  को पाने के लिए.?

भीग जाती हैं आँखें ,बात बात पर जिनकी
वो दिल से कमजोर नहीं , मोहब्बत के सच्चे होते हैं

वो शख्स जो कभी हारा ही नहीं किसी जंग में I
मोहब्बत में सर कटवाने को तैयार बैठा है II

कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है

मुझें छोड़कर वो खुश हैं तो शिकायत कैसी !
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी !!

सौ बार कहा दिल से ,,चल भूल भी जा उसको !
उतनी ही बार जवाब दिया दिल ने भी ,
यह बात तुम भी तो ,दिल से नहीं कह रहे !


मेहबूब और मोहब्बत अपनी पहचान खुद हैं
जो दिल के आईने में हो ,
वही तो है प्यार के काबिल ,
वरना दिवार के काबिल तो हर तस्वीर होती है

अगर मोहब्बत उससे न मिले जिससे आप करते हो !
तो मोहब्बत उसे ज़रूर देना जो आपसे प्यार करते हैं !!

कोई ठुकरा दे चाहत को तो हंसकर सह लेना !
मुहब्बत की , तबियत में ज़बरदस्ती नहीं होती !!

बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं !!


मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा.
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे.जो मौत तक वफा करे.


रात को जब किसी की याद सताये।
तेज हवाएं बालों को उड़ाती चली जाएँ ,

करलो आँखें बंद चुपचाप सो जाओ ,
यह जो तूफ़ान सब कुछ उड़ाए जा रहा है ,
इसी का ही नाम है कटरीना 
जिसे तुम ,अपनी  हेरोइन समझ बैठे थे?

वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने
अब से जल्दी सोया करेंगे , मोहब्बत छोड दी मैँने

जमीर जागता जरूर है , मान जाईये इस हकीकत को जनाब
कभी गुनाह करने से पहले , और कभी गुनाह करने के बाद


एक मोहब्बत और भी है जिंदगी में इस माशूक की मोहब्बत के सिवा ,
जो हमें लोगों से भी जोड़ती है  जिंदगी के बैंक में जब प्यार का बैलेंस कम हो जाता है !
तब हंसी खुशी " के चेक बाउंस होने लगते है !लोग एक दुसरे से दूर होने लगते हैं 
अकाउंट में बैलेंस कम होना ,या चेक पर दस्तखत का न मिलना
अक्सर चेक लौट आते हैं, ऐसे ही रिश्ते भी लौट जाते हैं, जहाँ भी कोई कमी रह जाए 
इसलिए हमेशा अपनों के साथ दिली नज़दीकियां !
बनाए रखिए और एक दुसरे के हृदय पर प्यार के हस्ताक्षर करते रहे !!