Wednesday, December 13, 2023

ADABI SANGAM --- First Part compering--- Meet Number 525 _ on 30th September 2023 _ topic------- दिल दौलत दुनिया

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "

Moderation ---दिल दौलत दुनिया



आज  525 वे अदबी संगम के समागम पर मुझे एक बार फिर आपसे रूबरू बात चीत का और आपके दिलों की आवाज को सुनने का अवसर प्रदान हुआ है , एक विचार आप सबके लिए पेश है , इसी के बाद हम अपने अदबी सदस्यों के पहले भागीदार से उनके विचार सुनेंगे 

इस पार्ट में हम पोएट्री और दिए गए टॉपिक पे एक दुसरे के अलग अलग  विचार सुनते है और इसमें मैं एक बात जोड़ दू , यह खाली पांच छे मिनट के टॉपिक की बात नहीं है इसके पीछे आप सब की घंटों की मेहनत है जो आपने अपने दिमाग पे जोर डाल के अपने विचारों को एक टॉपिक या पोएट्री के रूप में पिरोया होता है , लेकिन जाने अनजाने आपको जो इसका फायदा हुआ शायद हम में से बहुतों को इसका पता भी न चला होगा ? 

अपनी समरण  शक्ति या  यादाश्त और तजुर्बे के आधार पर हम जब भी दिमाग पर जोर डालते है तब दिमाग के बेकार पड़े कोशिकाओं यानी के सेल्स और उसके कनेक्शंस जिसे हम न्यूरॉन्स कहते है , हरकत में आने लगते है , दिमाग के उस हिस्से में खून दौड़ने लगता है , आज मेडिकल साइंस ने भी इस क्रिया को दिमाग की संजीवनी माना है जिसमे हमारे शरीर में आने वाली बीमारियां जैसे पार्किंसंस ( शरीर की नसों का कमजोर होकर कांपने लगना , एल्ज़िमर ( भूलने की बिमारी ) 

लिखने या टाइप करने में हाथों का दिमाग से कनेक्शन जुड़े रहना , आँखों का एकाग्र होकर अपनी लेखनी या टाइपिंग पे जहां नजर रखना ताकि कोई गलती न हो गई हो , फिर संगीत और गीत का समयोग सोने पे सोहागा , लोगो के आगे बोलना , बोलना भी दिमाग के एक हिस्से को बहुत बड़ा व्ययाम है ,आपके आत्म बल को बढाता है 

 इस सब का हम जैसी उम्र या हमसे बड़े  लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है , इसके लिए अदबी संगम का इसमें बहुत सहयोग मिल रहा है ,लोगो की सोई प्रितभाये तो जाग ही रही हैं और साथ साथ दिल दिमाग को भी बहुत फायदा हो रहा  है, और आप सब जब भी अदबी संगम से किसी भी वजह से गैर हाज़िर हों तो इन फायदों को जरूर याद रख लेना 

जब जब भी अदबी संगम का कहीं भी किसी रूप में आगाज़ होगा  , तब तब इस दुनिया के सवभाव में भी बदलाव होगा 
कहने सुनने को तो यह सब टाइम पास है , पर दोस्तों टाइम तो तब पास होगा न जब आपके पास टाइम होगा ? शरीर ही साथ छोड़ने लगे तो वक्त जितना भी होगा पास किस काम का  होगा ?

अब क्या घडी देखते हो जिंदगी के इस मुकाम पे आके ? खो जाओ खुद में , लिखते रहो , बोलते रहो , गाते रहो सुनते रहो और हँसते रहो , हंसाते रहो ,जो वक्त हमारा है वोह अब है अभी है , इससे ज्यादा  ,और खास क्या होगा ?
इसी के साथ अब हम आज के विषय पर अपने भागीदार सदस्यों को एक एक करके बुलाएंगे 


(१)     डॉ संगीता सेठी 

नारी का महत्व सबसे अधिक सनातन में विभिन प्रकार की देविओं द्वारा स्थापित किया गया है ,आज फिर से नारी पहली कतार में आ खड़ी हुई है , इसी  शक्ति का सबसे पहले अपने इस पार्ट में अभिवादन करेंगे और इस पार्ट की शुरुआत करेंगे उस नारी से जो जीती जागती मिसाल है नारी शक्ति की , हर शारीरिक और मानसिक रूकावट को पार करते हुए और अपने प्रोफेशन को बड़ी लगन और त्याग से जी रही है , अपने परिवार के साथ साथ बहुत से लोगों की पीड़ा को भी कम कर रही है अपने ज्ञान की शक्ति से आइये उनका अभिवादन करते हुए उनके आज के विचार सुने।  जी हाँ मैं डॉ संगीता सेठी का ही नाम ले रहा हूँ 


(२) विनीता जी - 
      
     स्त्रियों की परिभाषा से इत्र कुछ महिलायें करती सब कुछ हैं पर अपने आप में खोई रहती है अपने काम से काम रखना भी अपने आप में एक अलंकार है।  कभी कभी उन्हें सुनने में हमें बहुत इंतज़ार भी रहता है , इसी कड़ी में मुझे विनीता जी का नाम याद आ रहा है , विनीता जी से सप्रेम अनुरोध है के अपने विचारों से हमें अभिभूत करें 


(३) अन्नू जी - 

जीवन में उस पड़ाव पे जब एक स्त्री पर जिम्मेवारी सबसे अधिक होती है , पूरे परिवार की नीव उस के कंधो पे टिकी होती है , बच्चों की परवरिश के साथ साथ उन्हें अच्छी शिक्षा संस्कार देना , काम और कर्तव्य में सामजस्य बनाते हुए जिंदगी को अकेले अपने हौसले से जीने का दृढ़ संकल्प प्रस्तुत करना , और इसके साथ साथ एक अच्छी पोएट्री भी लिख लेना , यह खासियत हमारी अन्नू जी में कूट के भरी हुई है , अन्नू जी आप आये और हमें अपनी कोई नई कविता सुनाएँ 


( ४)      रजनी 
    
    जब जब त्याग कर्मठता , जुझारू शख्सियत का जिक्र आएगा उनका भी उस स्त्री शक्ति में ऊँचा नाम आएगा , कैसा लगता है जब आपका अपने वतन से सालों पुराना रिश्ता उस देश की अव्यवस्था , मार काट , भय के साये में अपनी जवानी के कीमती साल , खानदानी जमा जमाया कारोबार आप को छोड़ना पड़े और अच्छे बुरे सपनो की तरह उन्हें भूल कर फिर से जिंदगी से लड़ना और हर तरह की कश्मकश को जीतते हुए खुद को फिर से स्थापित कर लेना वो भी अपने मुल्क से हज़ारो मील दूर अपनी लगन और हिम्मत से तो उसमे रजनी जी खरी उतरती हैं , रजनी जी प्लीज आप आईये और अपनी लेखनी हमें सुनाईये 

 (5 )    मुकेश सेठी :-

     कहते है हर कामयाब परिवार में त्याग , प्यार , लगन ,दूसरों को इज़्ज़त देना , सबसे ऊपर माँ बाप का पूरा ध्यान और साथ देना ही उस परिवार की मजबूत नीवं होती है , उतार चढाव आते रहते है , लेकिन स्त्री पुरुष की सांझी गाडी अगर कभी स्मूथ और कभी धचकोलों के बावजूद पटरी पे चले जा रही है तो वो यात्रा बड़ी सुखद और याद गार रहती है , उस गाडी में पहिया चाहे आगे वाला हो या पीछे वाला , गाड़ी को धकेलने में दोनों का बराबर का योगदान होता है , ड्राइवर अपना काम , गार्ड अपना और इंजन अपना काम करता है , यात्री तो सिर्फ यात्रा करते है और अपने अपने स्टॉप पर उतर जाते है , पर  गाडी तो  मंजिल पे पहुँच की ही रूकती है , यह मेरे अनुभव और अपने  विचार हैं ,  कोई इसे अन्यथा न ले ,लेकिन ऐसा कहते हुए मुझे मुकेश सेठी जी की प्रेरणा आ रही है इसी लिए मुकेश जी आप प्लीज आएं और अपने विचार सबको सुनाएँ 

( 6 )      रानी नगेंदर 
       
स्त्री शक्ति से परिपूर्ण वीरांगनाओं की फ़ेहरिस्त कभी ख़त्म नहीं होती , अपने गृहस्थ और पारिवारिक कर्तव्य को निभाते हुए उस वक्त भी लोगों की सेवा करना जब इंसान इंसान से मिलते हुए डरने लगा था , सब लोग मुहं पे  मास्क लगाए ,या यूँ कहिये मुहं छुपाये घर में दुबके रहे ,  जी हाँ ऐसा ही कुछ खौफनाक मंजर था कोरोना काल में ,तब भी अगर कुछ लोगो ने अपना प्रोफेशनल कर्तव्य और मजबूरी दोनों को बखूबी निभाया साथ में अपने लिखने पढ़ने और अपनी कहानियों को दूसरो को किताब के रूप में प्रस्तुत करने की लगन दिखाई , ऐसी एक स्त्री शक्ति हमने रानी नगेंदर जी में भी देखि है , रानी नगेंदर जी को इस मंच पे सादर आमत्रण है आप आईये और अपनी किसी नई रचना से हमें सराबोर करें 

   
(7 )   डॉ चंद्रा दत्ता ---
      
      ज्ञान अर्जित करना और फिर उसे आगे बाँटना एक बहुत टाइम consuming कार्यकर्म होता है , एक टीचर गुरु को अपनी निजी समस्याओं से हमेशा ऊपर उठ कर अपना कर्तव् निभाना होता है , बहुत राजनीती ,टकराव , दबाव और कभी कभी न ख़त्म होने वाली पढाई और आत्म चिंतन और सबसे ऊपर बच्चों के भविष्य का निर्माण एक अच्छी शिक्षा देकर , इन्ही लोगों के कन्धों पे होता है , बिना इनकी लगन के आप समाज को दिशा नहीं प्रदान कर सकते , हर उस स्त्री शक्ति को सलाम जिन्होंने इस साक्षरता आंदोलन को बढ़ चढ़ कर अपना प्रोफेशन बनाया , और पुरषों से भी आगे जाकर न केवल शिक्षा बल्कि हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया , आज जिन्हे मैं आमत्रित करने जा रहा हूँ उनकी लेखनी में वो सब झलक दिखती है जो उन्होंने अपने पूरे जीवन में ग्रहण किया और फिर दूसरो को अपना ज्ञान बांटा , जी बिलकुल डॉ चंद्रा दत्ता जी भी कुछ ऐसी ही शख्सियत की मालकिन है , आइये आज वह हमारे लिए क्या लाइ है उन्ही के शब्दों में सुनते है , डॉ चंद्रा जी 
          



(8 )डॉ सेठी -
अगर इस पूरी दुनिया को एक सागर मान ले तो इस सागर में कई जहाज अगर चलते है तो उसके पीछे भी एक टीम वर्क और एक शीट एंकर का किरदार बहुत दमदार होता है उसके बिना कुछ भी संभव नहीं , ऐसे ही अदबी संगम हमारा उन  लोगों का एक छोटा सा जहाज़ है जिसे पिछले ४५ सालों से अधिक अगर कोई दिशा और दर्शन दे रहा है तो ही तो यह जहाज़ निर्बाध आगे आगे बढ़ता जा रहा है , इसमें कप्तान और उनकी पूरी टीम इसे हमेशा एक उत्सव की तरह हर महीने निसंकोच चलाती जा रही है , जहाज़ इधर उधर न भटक जाए उसे एक लाइट हाउस की तरह दिशा निर्देश देना और शीट एंकर की तरह सबको अपने अपने काम में लगे हुए देखना और उनका हौसला बढ़ाना , यह काम हमारे पूजनीय डॉ सेठी बड़ी लगन से कर्तव्य समझ किये जा रहे है और हम जैसे कितने ही यात्री उनकी देख रेख में अपने जीवन के अध्भुत अनुभव सबसे मिलकर आदान प्रदान किये जा रहे है , हमेशा की तरह डॉ साहिब सबसे आखिर में अपने अनुभवों से हम सबको ज्ञान प्रदान करते है और अपने जीवन के अनमोल पल हमसे साझा करते है , आदर सहित डॉ सेठी जी को आमंत्रण है के वह भी आज के अपने विचार साझा करें 






     ANNU .K
1- Mohinder and Meena gulati -------------------
2-sushma loomba -----------------------------------
3- saroj & subhash Arora --------------------------
4 chandra dutta & sanjay -------------------------- shruti
5-Rajni &Ashok --------------------------------------
6-Rupa &Ashok Awal --------------------------------
7- Parvesh Chopra & Geeta Chopra ----------------

8-Mukesh & Sangeeta ---------------------------------
9- Dr. Sethi -----------------------------------------------
10- Vinita ji & Vijay -----------------------------------
11-Usha & Vinod Kapoor------------------------------
12- Subhash Arora
13-Chetan Sodhi
14 - Usha sethi -- Prerna sethi
 15 -Rita Kohli
  16 -Rani Nagender