जिंदगी विचारों की भटकन के सिवा कुछ भी नहीं
आपस में एक जुट रहें,
ताकत है- तो इसी में है
देखो न ऐब उनके ,
मुहब्बत है --तो इसी में है ,
सेहत भी हो ,
रोटी कपडा और मकान भी हो ?
और हमारे दिल को भी हो तस्कीन मुक्कमल ।
दुनिया में जीने को नेमतें हैं-
तो बस इसी में हैं
शिकायत कौन करे ? कैसे करे ? किस से करें ?
जो दर्द मिला है अपनों से , गैरों से शिकायत कौन करे,
ऐ दिल बता किस मुहँ से कहें , क्योंकर क्या हम पे यह गुजरी है ,
आपस में एक जुट रहें,
ताकत है- तो इसी में है
देखो न ऐब उनके ,
मुहब्बत है --तो इसी में है ,
सेहत भी हो ,
रोटी कपडा और मकान भी हो ?
और हमारे दिल को भी हो तस्कीन मुक्कमल ।
दुनिया में जीने को नेमतें हैं-
तो बस इसी में हैं
शिकायत कौन करे ? कैसे करे ? किस से करें ?
जो दर्द मिला है अपनों से , गैरों से शिकायत कौन करे,
ऐ दिल बता किस मुहँ से कहें , क्योंकर क्या हम पे यह गुजरी है ,
अब चुपी ही एक रास्ता है , रुसवाई और जगहंसाई से बचने का
कुछ अपनों का नाम भी जो शामिल है इन दर्द ख़ारों में
जो जख्म दिया फूलों ने , अब काँटों से शिकायत कौन करे ?
इन आँखों ने जो देखा है , पग पग पर दुनिया का मंजर !
चाहत में जिसकी डूबे थे , घुपा है पीठ में उन्ही का खंजर
,
बेहतर है खामोश रहें यह जुबान ,
जब कर न सके अपनों से गिला..........
.. गैरों से शिकायत कौन करे ???
"FOR MAKING TRUE FRIENDS WE DON'T NEED TO SHARE CUPS OF TEA BUT OUR HONEST VIEWS"
एक बच्चा जन्म लेने जा रहा था। उसने भगवान से पूछा, आप मुझे कल नीचे पृथ्वी पर भेज रहे हैं, मैं इतना छोटा और असहाय हूं, वहां जाकर कैसे रहूंगा?
भगवान बोले, बहुत सारी परियों में से एक परी मैंने तुम्हारे लिए चुनी है। वही तुम्हारी देखभाल करेगी। पर मुझे बताइए, मेरे साथ वहां क्या होगा, मैं वहां क्या क्या करुंगा? यहां स्वर्ग में मैं कुछ नहीं करता, हंसने और गाने के सिवाय, इसी से मुझे खुशी मिलती है।तो फिर पृथिवी पर इससे अलग क्या होने वाला है ?
वहां एक परी तुम्हारे लिए हर दिन गाएगी व मुसकराएगी, तुम्हारी हर खुशी का खयाल रखेगी और धीरे-धीरे तुम्हें नया भी बहुत कुछ सिखाएगी
वहां के लोगों की भाषा व बात मैं कैसे समझूंगा?
वह परी तुम्हें मधुर शब्दों में सब समझाएगी और तुम्हें बोलना भी सिखाएगी। और जब मैं आपसे बात करना चाहूंगा तो क्या करूंगा? वह परी तुम्हें हाथ जोड कर ,मेरी याद में मेरी प्रार्थना करना सिखाएगी, जिससे सीधे न सही, पर भावनात्मक स्तर पर हमारी-तुम्हारी बातचीत होगी जरूर।
मैंने सुना है कि पृथ्वी बुरे आदमियों से भरी पडी है, मेरी रक्षा कौन करेगा?
वह परी अपनी जान पर खेल कर भी तुम्हारी रक्षा करेगी। आपको देख न पाने के कारण, आपके बारे में जान न पाने के कारण मैं उदास हुआ तो..।
वह ही मेरे बारे में तुम्हें सब बताएंगी। सब तरफ से हार जाने पर बच्चा समझ गया कि उसका नीचे जाना तय है। हार कर उसने पूछा कि भगवन, मैं जा रहा हूं, पर जिसके पास जा रहा हूं, आप मुझे उस परी का नाम तो बता दीजिए।
उसका नाम बहुत मायने नहीं रखता, पर तुम उसे मां बुला सकते हो। यह है मां बच्चे के बीच की असली कहानी। यह सच है कि एक बच्चे के नजरिए से देखें तो सदियों पहले का बच्चा हो या आधुनिक बेबी, भारत में जन्म लिया हो या अमेरिका जैसे हाई-फाई शहर में
या पिछडे हुए किसी गांव में , माँ सब की एक ही तरह की होती है