Monday, May 19, 2014

EYE OPENERS 01012019 --- 250216

SANGAM OF FRIENDS 

एक छोटे से गाँव की कहानी है की एक बेटा जिसको उसकी माँ ने दिलों जान से पाल पोस कर बड़ा किया था अपना पेट काट काट कर उसकी हर ख्वाइश को वो पूरा करती रही लेकिन जब बेटा बड़ा हुआ तो उसने अपनी माँ को परेशान करना शुरू कर दिया अपनी माँ को दुःख देना जैसे उसकी आदत में शुमार हो गया था बेचारी माँ करे भी तो क्या करे एक ही बेटा था शौहर भी नहीं था की उसका सहारा होता एक बेटा होते हुए भी न के बराबर था।


बेचारी दिन रात उसके ग़म रोती रहेती उसको कुछ सूझता भी न था।अचानक माँ के दिल दिमाग़ में ख्याल आया क्यूँ न हम अपने देश के राजा के पास जाये ? शायद उनकी बात मेरा बेटा मान जाये और सही राह पकड़ ले ये सोच कर उस माँ ने हिम्मत जुटाई और चल पड़ी महल की ओर लेकिन महल के दरबारी ने रोक लिया उसको अन्दर जाने नहीं दिया बोला अभी मिलने का वक़्त ख़त्म हो गया है कल आना।


माँ बोली बेटा बड़ी दूर से आ रही हूँ और फिर घर भी वापस जाना है।लेकिन क़ानून के आगे उस माँ को रात रूकने पर मजबूर कर दिया। उसने रात महल के बाहर सर्दी में पूरी रात गुज़ार दी सुबह जब दरबार लगा तो उस माँ ने अपनी कहाँनी राजा को सुनाई और राजा ने सुन कर कहा की अपने बेटे को मेरे पास भेज दो हम उसको समझा देंगें।

और वो फिर अच्छा बर्ताव आपके साथ करने लगेगा बेटा हाज़िर हुआ उसको बहुत कुछ समझाया गया लेकिन सारी कोशिश बेकार गई फिर राजा ने एक फैसला किया की आज से तुम यही रहोगे और सारा काम करोगे जैसे सब लोग करते है और ये हुक्म के साथ की इस नौजवान के पेट पर एक घड़ा बाँध दिया जाये और पूरे नौ महीने तक बंधा रहेगा इस शर्त के साथ की रोज़ एक मुट्ठी मिट्टी इसके घड़े में डाली जायेगी जब तक ये घड़ा भर नहीं जाता।

सज़ा का सिलसिला शुरू हो गया जैसे जैसे दिन गुज़रते गए उस लड़के को हर बात समझ में आने लगी और फ़िर एक दिन चीख पड़ा की ये मुझसे क्या हो गया इसी तरहा से माँ ने मुझे अपने पेट में पाला होगा उसको अपने गुनाह का एहसास होने लगा और वो फ़ूट फ़ूट कर रोने लगा। राजा ने हुक्म दिया की इसके पेट से घड़ा खोल दिया जाये उस बेटे को राजा का ये तरीका बहुत पसन्द आया। अपने गुनाह की माफ़ी मांगी, राजा ने जवाब दिया तू मेरा गुनाहगार नहीं तू अपनी माँ का गुनहगार है उससे माफ़ी मांग वो तुझको माफ़ कर देगी तो तेरा बेड़ा पार हो जायेगा।माफ़ तू मुझे कर दे बेटा की हमने तुझ पर ज़ुल्म किया। तुझको ऐसी सज़ा सुनाई लेकिन नौजवान लड़का बोला ऐसी हज़ार सज़ा माफ़ है आपको आपने मेरी आखें खोल दी। अल्लाह हम लोगो को हिदायत दे की हम लोग अपने माँ बाप के साथ हुस्न सुलूख करे और अपने सर आखों पर बिठा कर रक्खे और खूब खिदमत करे और अपनी जन्नत पक्की करे आमीन


******************************************************

फिल्म सितारे तो पैसों के लिए एक एड में कोक पीते हुए दिखते हैं , असल में वो अपनी जिंदगी में खुद इसे जहर मानते हैं और बिलकुल नहीं पीते , लेकिन इसी जहर या तेजाबी कॉकटेल को पूरे देश को पिला पिला कर उनहों ने अपनी तिजोरी तो भर ली लेकिन भोली भाली जनता इन सितारों की फैन होती हैं इसे एक अच्छी चीज़ समझ कर उनकी नक़ल कर के पीने लगती है , और बिमारिओं से घिर कर जल्दी मरने लगते हैं , आप इस से बचो और अपने बच्चों को भी बचाओ

******************************************************

विचार करें ....
फ़िल्मी सितारों और क्रिकेटरों की शकल देखकर कोल्डड्रिंक ज़हर
पीने से अच्छा है की आप किसी गरीब की शकल देखकर लस्सी,
जलजीरा, गन्ने का रस, नीम्बू पानी, नारियल पानी,
फलों का रस आदि पीयें ....
माना उस गरीब का चेहरा कोल्ड ड्रिंक वाले सितारे या क्रिकेटर ,

जैसा नहीं होगा पर इस बात की गारंटी है की वो आपको उस ,
सितारे द्वारा बेचे जा रहे उत्पाद जैसे आपके स्वास्थ्य ,
और देश की अर्थव्यवस्था को नुक्सान नहीं करेगा .....

*****************************************************

बंता को दूसरे शेहर में नौकरी लगी ,वहां पहुँच के उसने पत्नी को Email kiya.

गलती से इ मेल किसी और के अड्रेस पे पहुँच गया,
जिस के पास वह इ मेल गया था वह अभी अभी
अपने पति का अंतिम संस्कार कर के घर लौटी थी
इ मेल पढ़ते ही वह बेहोश हो के गिर गई
इ मेल का मजमून था :-
बेगम मैं यहाँ खैरियत से ठीक ठाक पहुँच गया हूँ
यहाँ सब सुविधाएँ हैं , और इंटरनेट भी है , सब सेट कर
के दो तीन दिनों में तुम्हें भी यहाँ बुला लूंगा

*****************************************************

History: was written by the same kind of writers on those days, as we have writers who write impressive film scripts these days the world over. The irony is that who so ever rules, gets the history written in a manner which glorifies him the most? An account mostly false, of events mostly unimportant, just to fill the book? which are brought about by rulers mostly knaves, and soldiers mostly fools! if you compare the recent history of China, India, Pakistan or even Russia? you will Know how will it be read after 1000 yrs or so? all distortions!


Obstacles are those frighting things which, you see when you take your eyes off your goal. start worrying about your surroundings!

******************************************************

Be civil to all; sociable to many, familiar with few; friend to one' enemy to none.
" I Know About the only thing that comes to us without invitation & effort is old age.? welcome it if you can, ELSE bear with it, It carries respect in any way! A "Moment" of Patience in A "Moment" of Anger Can Help us to Avoid A Thousand "Moments" of Sorrow......! Have a Great day Ahead!!!!!
कुछ लोग मेरी दुनिया में खुशबू की तरह है ं?
वह महसूस तो होते हैं पर दिखाई क्यों नहीं देते


*****************************************************

The person who gives you another chance to lies actually is giving you another chance, to tell the truth ...........it depends on you ..how you avail that chance ........?????*****************************************************


वो आसान निर्णय, कैसे आसानी से लेता रहा?
दूसरों के जज्बातों पर, अपनी नाव खेता रहा
कुछ करने की बारी आई तो चुपचाप लेटा रहा
वह अपना होकर भी , गैरों का साथ ऐसा निभाया उसने
की अपनों को भी कैसा दगा देता रहा आँख मूँद कर ?
आज कैसा होगा उसका सवेरा ?
जो यूं ही पड़ा रहा अँधेरा मान कर ?
कौन था वह खुश नसीब ? अरे अपना मौनी बाबा और कौन ?

******************************************************

बंता :- यार तेरी पत्नी ने एक कार मांगी थी ,

और तूने उसके जनम दिन पर उसे इतनी बड़ी डायमंड रिंग दे दी ?
संता :- वीरे तून केहन्दा ते ठीक हैं , पर तुम ही बताओ यार

इतनी बड़ी नकली कार कौन से बाजार में मिलेगी ? हहहहह


Banta: If your wife wanted a car why did you buy your wife a huge diamond ring for her Birthday?

Santa: She did, but where in the world would I find a fake car??????

******************************************************

ज़मीन पे जो चल न पाया था , अब आसमान से भी गया
कटा के अपने पर अब तो , परिंदा उड़ने से भी गया ?
भुला दो उसकी हर नादानी को , अब तो वह शख्स मेरे जेहन से भी गया
उसका हर तीर निशाना तो चूका ही , अब तो वह कमान से भी गया ?

*****************************************************

Your deeds determine your place in the world"No one can make you feel inferior unless you choose to be one !"By working faithfully eight hours a day for any organization? you may
eventually, get promoted to be boss and work twelve hours a day.! what a deal?


******************************************************
आप चाकलेट खा रहे हैं या निर्दोष बछड़ों का मांस?
__________________________________________________
चाकलेट का नाम सुनते ही बच्चों में गुदगुदी न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। बच्चों को खुश करने का एक आम प्रचलित साधन है चाकलेट। विशेष स्वाद की वजह से अपने बच्चों में ही नहीं, वरन् किशोरों तथा युवा वर्ग में भी चाकलेट ने अपना विशेष स्थान बना रखा है। पिछले कुछ समय से टॉफियों तथा चाकलेटों का निर्माण करने वाली अनेक कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों में आपत्तिजनक अखाद्य पदार्थ मिलाये जाने की खबरे सामने आ रही हैं। कई कंपनियों के उत्पादों में तो हानिकारक रसायनों के साथ-साथ गायों की चर्बी मिलाने तक की बात का रहस्योदघाटन हुआ है।परन्तु सरकारी मशीनरी सिर्फ अपनी आमदनी देखती है चाहे जितनी जहरीली वास्तु ही क्यों न हो पैकेट्स में /

गुजरात के समाचार पत्र गुजरात समाचार में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार , दुनिया की जानी मानी कंपनी ,नेस्ले यू.के.लिमिटेड द्वारा निर्मित किटकेट नामक चाकलेट में कोमल बछड़ों के रेनेट (मांस) का उपयोग किया जाता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि किटकेट बच्चों में खूब लोकप्रिय है।इसके बारे में अधिक जानकारी न होने से अधिकतर शाकाहारी परिवारों में भी इसे खाया जाता है। नेस्ले यू.के.लिमिटेड की न्यूट्रिशन आफिसर श्रीमति वाल एन्डर्सन ने अपने एक पत्र में बतायाः “ किटकेट के निर्माण में कोमल बछड़ों के रेनेट का उपयोग किया जाता है। फलतः किटकेट शाकाहारियों के खाने योग्य नहीं है।

“ इस पत्र को अन्तर्राष्टीय पत्रिका यंग जैन्स में प्रकाशित किया गया था। सावधान रहो, ऐसी कंपनियों के कुचक्रों से! टेलिविज़न पर अपने उत्पादों को शुद्ध दूध से बनते हुए दिखाने वाली नेस्ले लिमिटेड के इस उत्पाद में दूध तो नहीं परन्तु दूध पीने वाले अनेक कोमल बछड़ों के मांस की प्रचुर मात्रा अवश्य होती है। हमारे धन को अपने देशों में ले जाने वाली ऐसी अनेक विदेशी कंपनियाँ हमारे सिद्धान्तों तथा परम्पराओं को तोड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। व्यापार तथा उदारीकरण की आड़ में भारतवासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

हालैण्ड की एक कंपनी वैनेमैली पूरे देश में धड़ल्ले से फ्रूटेला टॉफी बेच रही। इस टॉफी में गाय की हड्डियों का चूरा मिला होता है, जो कि इस टॉफी के डिब्बे पर स्पष्ट रूप से अंकित होता है। इस टॉफी में हड्डियों के चूर्ण के अलावा डालडा, गोंद, एसिटिक एसिड तथा चीनी का मिश्रण है, ऐसा डिब्बे पर फार्मूले (सूत्र) के रूप में अंकित है। फ्रूटेला टॉफी ब्राजील में बनाई जा रही है तथा इस कंपनी का मुख्यालय हालैण्ड के जुडिआई शहर में है। आपत्तिजनक पदार्थों से निर्मित यह टॉफी भारत सहित संसार के अनेक अन्य देशों में भी धड़ल्ले से बेची जा रही है।

चीनी की अधिक मात्रा होने के कारण इन टॉफियों को खाने से बचपन में ही दाँतों का सड़ना प्रारंभ हो जाता है तथा डायबिटीज़ एवं गले की अन्य बीमारियों के पैदा होने की संभावना रहती है। हड्डियों के मिश्रण एवं एसिटिक एसिड से कैंसर जैसे भयानक रोग भी हो सकते हैं।


सन् 1847 में अंग्रजों ने कारतूसों में गायों की चर्बी का प्रयोग करके सनातन संस्कृति को खण्डित करने की साजिश की थी, परन्तु मंगल पाण्डेय जैसे वीरों ने अपनी जान पर खेलकर उनकी इस चाल को असफल कर दिया। अभी फिर यह नेस्ले कंपनी चालें चल रही है। अभी मंगल पाण्डेय जैसे वीरों की ज़रूरत है। ऐसे वीरों को आगे आना चाहिए। लेखकों, पत्रकारों को सामने आना चाहिए। देशभक्तों को सामने आना चाहिए। देश को खण्ड-खण्ड करने के मलिन मुरादेवालों और हमारी संस्कृति पर कुठाराघात करने वालों को सबक सिखाना चाहिए। देव संस्कृति भारतीय समाज की सेवा में सज्जनों को साहसी बनना चाहिए। इस ओर सरकार का भी ध्यान खिंचना चाहिए।

ऐसे हानिकारक उत्पादों के उपभोग को बंद करके ही हम अपनी संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं। इसलिए हमारी संस्कृति को तोड़नेवाली ऐसी कंपनियों के उत्पादों के बहिष्कार का संकल्प लेकर आज और अभी से भारतीय संस्कृति की रक्षा में हम सबको कंधे-से-कंधा मिलाकर आगे आना चाहिए।


सब मिल कर सिर्फ विरोध ही न करे बल्कि अपने बच्चों को भी यह सच्चाई बता कर उन्हें इस जहर से दूर ले जाएँ , तभी हमारा समाज शुद्ध हो सकेगा









No comments:

Post a Comment