हस्ती मेरी मिटाने को....
वोह हमेशा ही मशगूल थे
बाज़ी लगाई थी हम पर
न ,जाने क्या सोच कर ?
उनके रहमो करम पर
टिकी थी
मेरे होटों की हंसी.,.....
दोजख से भी बढकर**
बन गई थी जिंदगी मेरी
पर कोई ख़ुशी हासिल न हु
उनके यूँ बेजार होने पर
हे खुदा उनकी नासमझी पर
आखिर -- हम भी रो पडे
बेबसी पर किसी की कभी .....
.., तुम यूँ न हंस देना,
शुक्र मानों उसकी जिसने ..
तुम्हे बाखुदा बना दिया
वर्ना यकीन करना ,
गर हम न होते.........
हम से ज्यादा तुम्हारी..
आँखों में आंसू तैर रहे होते ..
वोह हमेशा ही मशगूल थे
बाज़ी लगाई थी हम पर
न ,जाने क्या सोच कर ?
उनके रहमो करम पर
टिकी थी
मेरे होटों की हंसी.,.....
दोजख से भी बढकर**
बन गई थी जिंदगी मेरी
पर कोई ख़ुशी हासिल न हु
उनके यूँ बेजार होने पर
हे खुदा उनकी नासमझी पर
आखिर -- हम भी रो पडे
बेबसी पर किसी की कभी .....
.., तुम यूँ न हंस देना,
शुक्र मानों उसकी जिसने ..
तुम्हे बाखुदा बना दिया
वर्ना यकीन करना ,
गर हम न होते.........
हम से ज्यादा तुम्हारी..
आँखों में आंसू तैर रहे होते ..
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