Sunday, December 29, 2019

.ADABI SANGAM ..[ 481 ] ................. _ DOSTI PART {-3 } AT FLAMES [ .. मित्रता ..............FRIENDSHIP ...............................[DECEMBER.. 28 --2019 ]

DOSTI PART -3 ADABI SANGAM AT FLAMES ON 28TH DECEMBER 2019

TOPIC NO 481





दोस्ती नज़ारों से हो...

दोस्ती नज़ारों से कर लो तो आप प्रकृति के दोस्त हैं

चाँद-सितारों से हो दोस्ती तो जन्नत का नजारा आपका

हसीनों से गर हो दोस्ती तो मोहब्बत का नाम देदो

और कोई ऐसा दोस्त मिले जिससे दिल बाँट सको

तो वह आपके लिए तोफाये नसीब होता है


रहना हमेशा साथ हमारे...

रूठी जो जिदंगी तो मना लेंगे हम,

मिले जो गम वो भी सह लेंगे हम,

बस रहना हमेशा साथ हमारे मेरे दोस्त ,

बहते आंसुओं में डुबकी लगा कर भी ,

अपने दर्दे -गमो को छुपा लेंगे हम


मुलाकात हो तुझसे...

तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ,

ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ,

मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,

सारी उम्र बस एक मुलाकाते इंतज़ार में ,

---------हँसते --हँसते गुजार लूँ।



दोस्ती कोई रिश्ता नहीं एक एहसास होता है,

जो जिंदगी में एक साथ का आभास होता है

जो हर पल साथ दे दाएं बाएं हाथ की तरह

वही फक्त हम साया ,जिगरी दोस्त होता है,

वरना आज कल तो , खुद का साया भी दगाबाज़ होता है

सच्चा दोस्त वही है जो हमे कभी गिरने न दे,
किसी की नज़रो से ,न ही किसी के क़दमों में

ज़िन्दगी के कुछ उलझे सवालो से डर लगता है,

कभी कभी दिल की तन्हाइयो से डर लगता है,


ज़िन्दगी में अवल तो सच्चा दोस्त मिलता नहीं ,
किस्मत से मिल भी जाए तो ,उसके बेवफा होने का ,

कहीं खो जाने का डर ,हमेशा दिल में रहता है


तेरी दोस्ती में ज़िन्दगी में तूफान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िन्दगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।

अगर बात दिल से कही गई हो तो वो दिल को छू लेती है,
और कुछ बिन कही बात भी कुछ कह देती है,
कुछ लोग तो दोस्ती का मतलब ही बदल देते है,
और कुछ की तो दोस्ती से ही ज़िन्दगी बदल जाती है।


ज़िन्दगी इतिहास फिर नही दोहराती,
हर पल हर मोड़ पर है दोस्तों की याद आती,
ज़िन्दगी दोस्ती के लम्हो में है गुम हो जाती,
उन लम्हो को सोच कर हमारी आँखे हैं नम हो जाती।

अच्छा और सच्चा दोस्त एक फूल है,

जिसे हम तोड़ भी नही सकते,

और अकेला छोड़ भी नही सकते,

अगर तोड़ लिया तो मुरझा जायेगा,

और छोड़ दिया तो कोई और ले जायेगा


ज़िन्दगी के सारे गम क्यों बाँट लेते हैं दोस्त,
क्यों ज़िन्दगी में साथ देते हैं दोस्त,
रिश्ता तो सिर्फ उनसे दिल का होता है जी,
फिर भी क्यों हमे अपना मान लेते हैं दोस्त।


जब दोस्ती सच्ची और मजबूत होती है,
तो उसे जताने की ज़रूरत नही होती है,
चाहे दोस्त कितना भी दूर चला जाये,
उसे पास लाने की ज़रूरत नही होती है।



दोस्ती वो नही जो मिट जाये,

रास्तो की तरह कट जाये,

दोस्ती तो वो प्यारा एहसास है,

जिसमे सब कुछ पल भर में ही सिमट जाये।



     School ki Dosti

      10th Class Tak


      College Ki Dosti

 Final Year Tak


          oFFice Ki Dosti 

  RetireMent Tak


Lover Ke Dosti 
       Shadi Tak


.....But...

Hamari Dosti
         AAP Se

31  - February Tak

.......Q K......

    Na Kabhi 31 February Ayegi

   Aur Na Humari Dosti Ka End        Hoga*******

     Note:

     Yeh Msg UN Dosto Ko Bhejo Jin Ko Aap Puri Zindgi Nahi khona Chahte..

  Muje Bhi Send kare   Agar Aap Muje Bhi Nahi Khona Chahte..😁

   Yeh Msg Sabko        Send Karo Aur


 Dekho Kitne Log    Aapko Khona Nahi    Chahte..





After checking my heart & pulse,
The doctor smiled and said:

Go sit and enjoy with your old friends,
They are the cure for all your ailments and worries...

Stay in touch with your friends,  Janaab...
Because they are such healers,
Who can cure you with their sweet and abusive talks..

They don't make you feel your age,
These idiot friends...
They never let you get old and are always by your side to walk...

Children will ask for WILL,
Relatives will ask for BILL,
Only your true friends,
Under whatever circumstances,
Will ask you to "JUST CHILL"....👍👌🥃




बड़ी गजब की रचना हूं, मै तेरी भगवान

बेटी बनके भी पराई हूं, बहू बनके भी पराई हूं......🙂🙂🙂

🙏🙂🙃😊🙃🙂🙏

इंसान की खूबसूरती को परखने की पराकाष्टा तो देखो 

चूहा अगर पत्थर का हो तो
             सब उसे पूजते हैं

      मगर जिन्दा हो तो मारे बिना
              चैन नहीं लेते हैं

         साँप अगर पत्थर का हो
            तो सब उसे पूजते हैं

       मगर जिन्दा हो तो उसी वक़्त
                   मार देते हैं

       माँ बाप अगर "तस्वीरों" में हो
               तो सब पूजते हैं

       मगर जिन्दा है तो कीमत नहीं
                    समझते"

       बस यही समझ नहीं आता के
       ज़िन्दगी से इतनी नफरत क्यों

                       और

        पत्थरों से इतनी मोहब्बत क्यों

          जिस तरह लोग मुर्दे इंसान को
           कंधा देना पुण्य समझते हैं​

       काश" इस तरह' ज़िन्दा" इंसान
       को सहारा देंना पुण्य  समझने
        लगे तो ज़िन्दगी आसान हो
                    जायेगी​

        एक बार जरूर सोचिए सूरत और सीरत में इतना अंतर क्यों ?




मुझे शराब से महोब्बत नही है
महोब्बत तो उन पलो से है
जो शराब के बहाने मैं
दोस्तो के साथ  बिताता हूँ. 




शराब तो ख्वामखाह ही बदनाम है..
नज़र घुमा कर देख लो.. 
इस दुनिया में..
शक्कर से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं!
                                             🥃🥃
तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे, शराब से भी कड़वे होते है...

🥃🥃
कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहब;
सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता !  
                                                                🥃🥃
सबसे कड़वी चीज़ इन्सान की ज़ुबान है, 
दारू और करेला, तो खामखां बदनाम हैं !

🥃🥃🥃🥃🥃🥃🥃

"बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा                                                                     जाम में क्या गिरा... बदनाम हो गया..."

"देता जब तक अपनी सफाई...                                                 वो खुद शराब हो गया....."

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो....
कुछ आदतें बुरी भी सीख ले गालिब,

ऐब न हों तो.....
लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते ....🥃🥃🥃🥃


















ADABI SANGAM ...[.481 ] .........[DOSTI PART {-2 }] .......................................................................................................................[ DECEMBER. 28--2019

दोस्ती  -- PART  -2  
--28 -12 -2019 
ADABI SANGAM 



वोह मेरा जिगरी दोस्त ही  तो था ,
जिसकी दोस्ती पे मुझे नाज़ था ,
रूठ कर वोह आज खुदगर्ज़ी से ,
है दूर मुझ से वो अपनी मर्ज़ी से


खूब लुटाई अपने दिल की दौलत ,
उसके दिल में जगह बनाने को ,
आज न जाने क्यों मिल रहा है अजनबी सा ?
उत्साह की परछाइयों का नाम है जिंदगी,
दुखों की गहराईओं का नाम है जिंदगी,


दुख बहुत होगा जब हम छोड़ के जाएंगे,
तड़पोगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे,

जब साथ बिताया समय याद आता है,
मेरी आंखों में आंसू छोड़ जाता है,

कोई और मिल जाये तो हमें न भूल जाना,
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी भर का होता  है।


दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे,
तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे,

रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा करे या न करे ।


कामयाबी हमेशा हौसलों से मिलती है,
हौसले हमेशा दोस्तों से मिलते हैं,

अच्छे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं,
और आप जैसे दोस्त तो नसीब से मिलते हैं।

पलट के देख लो इतिहास के पन्ने
दोस्ती से बड़े होते हैं इसे  निभाने वाले


तुझे टूटा हुआ देखकर ऐ दोस्त,
मैं खुद भी टूट जाता हूँ,

दिल पे काबू रख  तुझे तो समझाता हूँ,
रात की तन्हाई मैं खुद रोने बैठ जाता हूँ।


दोस्ती का वो पुराना पल याद आता है,
मेरी आँखों को भर के लौट जाता है,

हमारी दोस्ती सदा जिंदा रहे, अगर तुम भी यही चाहते हो 
 यही हमारा दिल भी चाहता है। तो फिर 
दोस्ती में धन दौलत को दूर रखिये





ज़िंदगी में बहुत मुश्किले हैं,

पर हर कोई सहारा अपना नहीं होता,


ज़िंदगी में बहुत दोस्त हैं, पर

हर कोई ख़ास हमारा नहीं होता,


पर जब से आप जैसा दोस्त मिला है,

और किसी को ख़ास बनाना गवारा नही होता।


जुबान पे उल्फत के अफसाने नहीं आते,

जो बीत गए फिर से वो फसाने नहीं आते,


यार ही होते हैं यारो के हमदर्द,

कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।


वोह मेरा जिगरी दोस्त ही तो था ,

जिसकी दोस्ती पे मुझे नाज़ था ,

रूठ कर आज खुदगर्ज़ी में ,

हो गया है दूर मुझ से वो अपनी मर्ज़ी से



न जाने क्यों हमें आंख भिगाना नहीं आता,

न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल समझाना नहीं आता,

क्यों सारे दोस्त बिछड़ गए हमसे,

शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!


हर पल हम आपके साथ हैं,

तनहाइयों में होकर भी हम आपके पास हैं,


आपका हो न हो पर हमें,

आपकी कमी का हर पल अहसास है।


मुकाम मिलने से यारी भुलाई नहीं जाती,

एक साथी मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,


दोस्तों की कमी हर पल रहती है,

तनहाइयों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।


ऐ यार तेरी यारी पर हम गर्व करते हैं,

हर समय मिलने की तलब करते हैं,


ऐसे दोस्त बहुत कम ही मिलते हैं,

जो हमसे मिलने की तलब करते हैं।


तुम बनके यार ऐसे आए ज़िंदगी मे,

के हम ये ज़माना ही भूल गये,


तुम्हे याद आए ना आए हमारी कभी,

पर हम तो तुम्हे भूलाना ही भूल गये!


यारों के बीच मैं कुछ तो सुनाना पड़ता है,

दुःख हटाकर मस्कुराना पड़ता हैं,


कभी उनके हम थे यार,

आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता हैं।


तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,

तुझसे मिले बिना तेरी हर बात बता सकता हूँ,


है मेरी दोस्ती में इतना दम, तेरी पलकों का आँसू

अपनी पलकों से गिरा सकता हूँ।


यार हर मुखड़े की चमकान होती है,

यारी ही सुख-दुःख की पहचान होती है,


कोई रूठ भी जाये तो दिल पे मत लेना,

क्योंकि दोस्ती जरा-सी नादान होती है।


किस्मत लिखने वाले एक उपकार करदे,

मेरे दोस्त की किस्मत में एक ख़ुशी और लिख दे,


न मिले कभी जख्म उसको, तू चाहे तो

उसकी तक़दीर में मेरी जान लिख दे।


मिल जाती है कितनो को मुस्कुराहट,

मिट जाते हैं कितनो के दुःख,


मैसेज इसलिये भेजते हैं हम,

ताकि न मिलने से भी अपनी यारी न हो कम।



दुश्मन को हम प्यार देते है,

प्यार पे मुस्कान को हार देते हैं,


बहुत दिमाग लगाकर हमसे कोई वादा करना.. ऐ-दोस्त

… हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है



लोगों की जरूरत महफिल में होती है,

प्यार की ज़रूरत कलेजे में होती है,


बिना दोस्त के अधूरी है हमारी ये महफ़िल,

क्योंकि दोस्त की ज़रूरत हर हाल में होती है।


साथ अगर दोगे तो हसेंगे जरूर ,

दोस्ती अगर दिल से करोगे तो साथ देंगे ज़रूर,


कितने भी काँटे क्यों ना हों दोस्ती की राहों में,

आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।



जिंदगी में कुछ दोस्त अपने बन जाते हैं,


कुछ दिल में तो कुछ आँखों में बस जाते हैं,


कुछ दोस्त धीरे से अलग भी हो जाते हैं,


पर हम जो हैं सबको दिल से चाहते हैं।



न जाने कुछ दिन बाद कैसा माहौल होगा,


हम सब दोस्तों में से कौन कहाँ होगा,


फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे सपने मे,


जैसे सूखे गुलाब मिलते है पुरानी किताबों मे।



जिंदगी की दौड़ में हम हार गए,

सारे गिले शिकवे हम पीछे छोड़ गए,


हमने हमारे अनमोल दोस्त को खो दिया,

या जिंदगी के सफर में सचमे हम हार गए।


ए दोस्त तू हमसे रुस्वा ना होना,

हमारा वक़्त ही तो है जो खराब है,


वो भी एक ना एक दिन बदल जायेगा,

बस हमेशा तुम हमारे साथ रहना।



समंदर न हो तो कश्ती किस काम की,

हंसी मज़ाक न हो तो, मस्ती किस काम की,


ये जिंदगी कुर्बान है दोस्तो के लिए,

अगर दोस्त न हो तो जिंदगी किस काम की।


न गाड़ी न बुलेट और न ही रखे हम हथियार,

एक है सीने में जिगर और दूसरे हैं जिगनी यार।


हर मर्ज़ का इलाज नही दवाखाने में,

क्योंकि कुछ दर्द चले जाते हैं दोस्तो के साथ मुस्कुराने में।


एक चाहत होती है दोस्तो के साथ जीने की जनाब,

वरना हमे भी पता मरना अकेले ही है


सोचता हूँ दोस्तो पर मुकदमा कर दूं,

कम से कम इसी बहाने मुलाकात तो होगी।


एक सच्चा दोस्त बारिश की तरह नही होता,

जो आया और चला गया,


सच्चा दोस्त तो एक हवा की तरह है,

जो साथ रहता है पर दिखाई नही देता,

बस उसे महसूस कर सकते हो।



इतिहास में लिखा है, की अच्छी किताबें

और अच्छे दोस्त जल्दी समझ नही आते।


मेरे हँसी के पीछे का दर्द समझ लेते हैं,

कुछ दोस्त ऐसे हैं जो मेरे गम को बड़ी

आसानी से ख़ुशियों में बदल देते हैं।


दीपक मिट्टी का हो या सोने का ये महत्वपूर्ण नही है,

बल्कि ये महत्वपूर्ण है की वो अंधेरे में प्रकाश कितना देता है,

उसी तरह दोस्त अमीर हो या गरीब ये महत्वपूर्ण नही है,

बल्कि ये महत्पूर्ण है की वो मुसीबत में साथ कितना देता है।



खूबसूरत से एक पल का किस्सा बन जाता है,

जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है,


कुछ लोग ज़िन्दगी में मिलते हैं ऐसे,

जिनसे कभी न टूटने वाला रिश्ता बन जाता है।


सच्चे दोस्त हमे कभी गिरने नही देते हैं,

न किसी की नज़रो में ना ही किसी के कदमो में


दोस्ती कोई खोज नही होती,

दोस्ती हर किसी से रोज नही होती,

अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को

बेबजह मत समझना, क्योंकि

पलके कभी आंखों पर बोझ नही होती।


हम दोस्ती में दरख़तों की तरह हैं साहिब,

जहाँ लग जाएं वहाँ मुदत्तो खड़े रहते हैं।


किसी भी दोस्त को अपने सारे राज़ मत बताओ,

क्योंकि जिस दिन वो दुश्मन हो गया, तो

बहुत नुकसान देगा।



दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बन कर,

बस बातें रह जाती हैं कहानी बन कर,


पर दोस्त हमेशा दिल के करीब रहते हैं,

क़भी मुस्कान तो कभी आंखों में पानी बन कर।


वक्त और हालात हमेशा बदलते रहते हैं, पर सच्चे रिश्ते और दोस्त कभी नही बदलते हैं।



मुस्कुराना ही जिंदगी नही होती,

उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नही होती,

खुद से ज़्यादा ख्याल रखना पड़ता है दोस्तो का,

क्योंकि सिर्फ दोस्त कहना ही दोस्ती नही होती।



कहो उसी से जो कहा न हो किसी से,

मांगो उसी से जो देदे खुशी से,

और दोस्ती करो उसी से जो निभाए खुशी से।



दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती है,

दोस्ती से खूबसूरत कोई तस्वीर नही होती है,

दोस्ती यूं तो कच्चा धागा है,

पर इस धागे से मज़बूत कोई ज़ंज़ीर नही होती है।


इतिहास के हर पन्ने पे लिखा है ,

दोस्ती से बड़े उसे निभाने वाले होते हैं


दोस्ती इम्तिहान लेती है








मिलते हैं लाखों इंसान दुनिया में ,

पर दोस्ती हर किसी से नहीं होती '

भीड़ में नजरें मिलें या धक्का ,

एक सॉरी भी दोस्त बना देती है


प्यार की मस्ती किसी दूकान में नहीं मिलती

अच्छे दोस्तों की दोस्ती भी हर वक्त नहीं मिलती ,

रखना दोस्ती की अहमियत दिल में सजा कर

क्योंकि यारों की यारी कभी गैरों से नहीं मिलती


लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो

की दोस्ती दिल पर सवार हो जाए ,

हम कहते हैं की दोस्ती खुल के करो इतनी ,

के दुश्मन भी यार हो जाए


तेरी मुस्कराहट मेरी पहचान थी ऐ दोस्त

तेरी ख़ुशी में ही मेरी भी शान थी ,

कुछ भी तो नहीं बचा तेरे बिना जिंदगी में

इतना तो समझ के तेरी दोस्ती ही मेरी जान थी


मैं कहूं और आप समझ जाओ वो है अच्छी दोस्ती

आप कहो और मैं सुनूँ , वो उससे भी अच्छी दोस्ती

पर मैं कुछ भी न कहूं और आप समझ जाओ

यह तो सबसे सच्ची है दोस्ती


घडी की सुईओं माफिक रिश्ता हैं मेरे दोस्तों का ,

कभी मिलते हैं कभी नहीं , पर जुड़े रहते है


ऐ दोस्त तुम पे लिखना कहाँ से शरू करू

तेरी अदा से या तेरी हया से करू ,


दोस्ती तुम्हारी इतनी खूबसूरत है मेरे लिए ,

पता नहीं तारीफ जुबान से करू या दुआ से


दुनिया दारी में हम थोड़े कच्चे हैं ,

पर दोस्ती की मामले में सच्चे हैं ,

हमारी सच्चाई की बुनियाद

सिर्फ इसी बात पर तो टिकी है ,

की हमारे दोस्त हम से भी अच्छे हैं







यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त

रह रह के बेवक़ूफ़ बनाते है दोस्त

शर्बत बोल के दारु पिला देते हैं दोस्त

पर कुछ भी कहो बहुत याद आते हैं दोस्त

प्यार करने वाले अक्सर मायूस हो जाते है


प्यार के इम्तिहान में अक्सर फ़ैल हो जाते हैं

दोस्ती के किस्से लेकिन बहुत मशहूर हो जाते हैं






वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं


विश्वास की एक महीन सी डोरी है दोस्ती ,

विश्वास बिन कोरे कागज़ सी है दोस्ती '

कभी थैंक्स कभी सॉरी पे टिकी है दोस्ती ,

न मानो तो कुछ भी नहीं , मानो तो

भगवान कृष्ण और सुदामा सी है दोस्ती


क्या फर्क हैं दोस्ती और मोहब्बत में ,

रहते तो दोनों दिल में हैं ?

लेकिन फर्क तो फिर भी है

बरसों बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है ,

और मोहब्बत नज़र चुरा लेती है





क्या फर्क दिखा तुमेह दोस्ती और मोहबत में मेरे दोस्त ?

रहते तो दोनों दिल में ही हैं , फिर भी फर्क तो हैं ,

मुद्दत बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है ,

और मोहबत नज़र चुरा मुहं फेर लेती है


ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का

हमने खुद को खुशनसीब पाया ,

तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त को पाने की

खुदा खुद ही तुम्हारी शक्ल में उत्तर आया








आँखों से आँसू क्यों छलक जाते है।

तन्हाइयों में गम क्यों याद आते है।


आँसू पोछ कर कोई ये बता दे हमसे।

दूर रहने वाले अक्सर क्यों याद आते है।


तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो 'फ़राज़'

दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला


अहमद फ़राज़


मेरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए

तू दोस्त है तो नसीहत न कर ख़ुदा के लिए


वसीम बरेलवी

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त

सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया


साहिर लुधियानवी

ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद

महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी



नासिर काज़मी

दुश्मनों से प्यार होता जाएगा

दोस्तों को आज़माते जाइए


दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं

दोस्तों की मेहरबानी चाहिए


दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब

मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं


आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं

जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं


इसी शहर में कई साल से मिरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं

उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं



ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है


हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो


इज़हार-ए-इश्क़ उस से न करना था 'शेफ़्ता'

ये क्या किया कि दोस्त को दुश्मन बना दिया


लोग दौलत देखते हैं,


हम इज़्ज़त देखते हैं,


लोग मंज़िल देखते हैं,


हम सफ़र देखते हैं,


लोग दोस्ती बनाते हैं,


हम उसे निभाते हैं.



चलो अब इस ….. ताल्लुकात को कुछ और नाम दें,

ये दोस्ती का नाम तो बदनाम हो गया..


हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नही रखते,

दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त रखते है.


लोग रूप देखते है ,


हम दिल देखते है ,


लोग सपने देखते है


हम हक़ीकत देखते है,


लोग दुनिया मे दोस्त देखते है,


हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.



मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,

कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!


दुआ करते हैं हम उस खुदा से , ऐ दोस्त ,

तू अपनी मंजिल हमसे जल्दी पा जाए


कोन कहेता है की दोस्ती बराबरी वालो में होती है..

सच तो ये है की दोस्ती में ही सब बराबरी होती है.


अच्छा दोस्त ज़िन्दगी को जन्नत बनाता है,

इसलिए मेरी कदर किया करो, वरना फिर कहते फिरोगे,

बहती हवा सा था वो यार हमारा था वो कहाँ गया उसे ढूढो.



ऐ दोस्त मै तेरी खुशीयां बाटने शायद न आ सकुं,


पर ये वादा रहा, जब गम आऐ तो खबर कर देना,


सारे के सारे ले जाउंगा.



लोग दौलत देखते हैं, हम इज़्ज़त देखते हैं,

लोग मंज़िल देखते हैं, हम सफ़र देखते हैं,

लोग दोस्ती बनाते हैं, हम उसे निभाते हैं.


जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो,

हारना तो है एक दिन मौत से,

फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!



दोस्त तो दोस्त होता है, उसकी कोई जात या धर्म नही होता,

वो ख़ुशी के टाइम पे भी गालियाँ सुनता है और बुरे टाइम पे भी।


वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं



बड़े अजीब हैं जिंदगी के यह रास्ते ,

अनजाने मोड़ों पर कुछ लोग दोस्त बन जातें हैं ,

मिलने की ख़ुशी से ज्यादा बिछड़ने का गम जरूर दे जाते हैं





दोस्ती करो तो हमेशा मुस्करा के ,

किसी को धोका न देना अपना बना के ,

मिल लो जितना भी मिलना है जब तक हम जिन्दा हैं ,

फिर न कहना चले गए दिल में यादें बसा के



प्यार और दोस्ती में इतना फर्क पाया है

प्यार ने सहारा दिया और दोस्त ने निभाया है

किस रिश्ते को बड़ा कहूं ?

एक ने जिंदगी दी और दुसरे ने जीना सिखाया है


जिंदगी बड़ी छोटी है दोस्ती निभाने को

इसको न गंवाना रूठने और मनाने में ,

दोस्ती तो कर ली है हमने आपसे

बस थोड़ा सा साथ तो दे दो इसे चलाने में


कितने अज़ीज़ हो तुम ये बताएं कैसे ,

अपनी सच्चाई आपको दिखाएँ कैसे

आपकी दोस्ती है अनमोल हमारे लिए ,

चंद लब्ज़ो में समझाएं कैसे



“इश्क के सहारे जिया नहीं करते,

गम के प्यालों को पिया नहीं करते,

कुछ नवाब दोस्त भी हैं हमारे,

परेशान न करो तो वो याद ही नहीं करते.”


दोस्ती और प्यार नदिया किनारे घूमने गए ,

प्यार नदी में जा गिरा क्यों की प्यार अँधा होता है

हैरत तो तब हुई जब उसके पीछे चलते हुए दोस्ती भी जा गिरी

क्यों ?क्योंकि दोस्ती किसी का साथ नहीं छोड़ती





क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त

क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त,

न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,

फिर क्यों ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त


वक्त की राहों में तुम भुला दो चाहे हमें,

पर हम तुमको न भूल पाएंगे,


तेरी दोस्ती की कसम ऐ दोस्त तू आवाज दे ख्वाबों में

हम हकीकत में चले आएंगे।


~आलोक अंश र


तेरे हर एक दर्द का एहसास है मुझे,

तेरी मेरी दोस्ती पर बहुत नाज़ है मुझे,


क़यामत तक न बिछड़ेंगे हम दो दोस्त,

कल से भी ज्यादा भरोसा आज है मुझे।





लोग डूबते हैं तो समुंदर को दोष देते हैं,
         मंजिल ना मिले तो किस्मत को दोष देते हैं,
खुद तो सम्भल कर चलते नहीं,
         जब लगती है ठोकर तब पत्थर को दोष देते हैं ।
जमाना क्या कहेगा ये मत सोचो...
         क्योंकि ज़माना बहुत अजीब हैं,
नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं
          और कामयाब लोगो से जलते हैं …













ADABI SANGAM .............[ 481 ] ........DOSTI.......मित्रता ........FRIENDSHIP.... FINALREADOUT.................................................. ..[ December 28 , 2019]

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "मित्रता

ऐ दोस्त तेरी दोस्ती की याद से शुरू होती है..…
मेरी हर सुबह.!!
फिर ये कैसे कह दूँ..कि मेरा दिन खराब है.

मुद्दतें गुज़र गईं, हिसाब नहीं किया ;दोस्तों से 
ना जाने अब किसके कितने रह गए हैं हम.

एक सच्चे दोस्त की फितरत का नाम है , दोस्ती ,
 और दोस्त एक ऐसा चोर  है 
जो  आँखों से आंसू चुरा ले 
चेहरे की परेशानी चुरा ले, 
दिल की मायूसी , जिंदगी के रज्जो गम , 
और 
 बस चले तो आपके हाथों की लकीरों से  मौत चुरा ले। 

पर अफ़सोस ,अरसा हुआ ऐसे दोस्तों से वास्ता पड़े हुए , 
मिल जाते तो क्या उन्हें आपसे  न मिलवाते ?



जब वकील की तरह सोचता हूँ, दोस्तो पर मुकदमा क्यों न कर  दूं,
कम से कम इसी बहाने हर तारिख पर मुलाकातें  तो होंगी ।






भीड़ बहुत थी जहाँ में कदम कदम पे ,
निगाहें भी निगहबान थी कुछ ढूंढ़ती सी ,
धक्का मुक्की में गिरते गिरते जो सम्भले
जिसकी बाहों में , वही तो मेरा दोस्त था।

आज फिर अदबी  दोस्तों की महफ़िल है 
दिए भी जलेंगे इस सर्द तूफ़ान में ,
महफिले भी सजेंगी किसी पैगाम में ,
बड़ी मस्त और रंगीन होगी यह शाम ,
नया साल जो आने को है ?
दोस्तों को मेरे ,जरा सरूर में आने तो दो 

बेजुबान दिल कैसे कहेगा  किस से कहेगा ?
है तो सही जुबान आपके पास ,
दोस्त और दोस्ती का क्या  सबब ?
इसको कुछ बतलाने  तो दो 


यूँ सबसे  नजरें चुरा कर अपनी धुन में चलते रहना ?
क्या मुनासिब है इतनी भीड़ में भी अकेले रहना 
दिल से दिल की झंकार कुछ कहे , 
दोस्ती में ख़ामोशी का क्या काम 
कुछ हम कहें कुछ तुम कहो ,
यह सिलसिला कुछ दूर तक चलने तो दो 


संग रहते यूँ ही, मुश्किल वक्त निकल जायेगा,
तन्हाईआं  भी आएँगी तुम्हारी जिंदगी में ,
बुरे वक्त का इतना खौफ न कर ?
एक सच्चे दोस्त की दोस्ती , 
एक रिश्ता है रिश्तों से भी बढ़ कर 
ऐसा न मुराद वक्त जिंदगी में आने तो दो 


कौन किसके बारे में सोचेगा कौन याद आयेगा,
जी लो इस पल को जब तक हम सब दोस्त  साथ हैं
यारों, कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जाये।
 छोड़ भी दो  वक्त के आने जाने का इंतज़ार। 
अब इस इंतज़ार को ,
इसी पल में ,सिमट जाने तो दो 

 सलाह है हमारी ,दिल खोल सबसे मिला कीजिये ,
जिस से मिलो , तो कुछ तमीज दिखाया कीजिये ,
न मालूम जिंदगी के किस मोड़ पर , इसी भीड़ में 
इन्हीं में  तुम्हें एक प्यारा सा जिगरी दोस्त मिल जाये, 
तुम्हारी तमीज देख कर 
 इस कोशिश को निर्बाध , लगातार , चलने  तो दो 




यूँ दोस्त तो हमारे लाखों हैं इस जहाँ में,, फेस बुक हो या हो ट्विटर ,
मिलने जुलने वाले कितने  भी हो , पर दोस्ती हर एक से नहीं होती ,
दोस्ती तो एक अहसास एक कसक सी दिल में  हरदम चुभती है 
दोस्ती होने की वजह कोई खास नहीं, यह  तो दुश्मनी में होती है 
सिर्फ दिल मिलना चाहिए 
दिल दोस्तों से मिले या दुश्मनो से। .
दोस्ती के नाम पे . मिलने तो दो 



दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो जान लेती है,
दोस्तों, सच्ची दोस्ती तो वो है,
जो पानी में गिरा हुआ दोस्त का
आंसू भी पहचान लेती ही ।


दोस्तों के बिना भी  ज़िन्दगी कटती नहीं,
दोस्ती तो एक झोंका है एक सर्द हवा का,
दोस्ती तो एक नाम है वफा का,
जिसके पास हैं दोस्त उसे किस बात की फ़िक्र 
इन फ़िक्रों को बांटने का जश्न है दोस्ती 
इस जश्न को हमेशा चलने तो दो। ........ 



रिश्तो का जोड़ तोड़ अगर मानो शादी है तो
लड़के लड़की का सहमत होना भी दोस्ती है
घर की चार दीवारी के बाहर गर कोई चाहने लगे
वही भी तो दोस्ती है ,
दोस्ती जब रिश्तों में बदल जाए , ( प्रेमी प्रेमिका - पति पत्नी गर हो जाएँ तो )
वही से शुरू है  आपकी कश्मकश और इस दोस्ती को  बचाने  की लड़ाई। 

पत्नी से दोस्ती तो निभा भी लोगे आप , 
गर गलती से उसकी सहेली से दोस्ती की तो ?
सोचो कितना बवाल होगा ?
इस लिए ऐसी दोस्ती से दूर ही रहिये 

*अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे*
*या तो “दूर” से देख रहे हो*
*या अपने “गुरुर” से देख रहे हैं!!


दोस्ती में नजर दरुस्त रखिये 
चश्मे का नंबर भले ही बदलो , 
पर दोस्ती का नजरिया मत बदलो 


प्रॉमिस न करो अगर तुम पूरा कर न सको,
चाहो न उसको जिसे तुम पा ना सको,
दोस्त तो दुनिया में बहुत होते हैं,
पर एक खास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा ना सको।


बिगड़ी हुई ज़िन्दगी की बस इतनी सी कहानी है,
की कुछ तो मैं पहले से ही था कमीना, 
और कुछ मेरे दोस्तो की  मेहरबानी है।


गुनगुनाना तो तकदीर में लिख कर लाये थे,
मगर खिलखिलाना दोस्तो ने तोहफे में दे दिया।

दोस्त बस एक बनाना,
जो तुम्हारे अल्फाज़ो से ज़्यादा,
 तुम्हारी खामोशी समझे।


बुल्ले शाह जी ने फ़रमाया सी 

 उन्हां दे नाल यारी कदी  न रखियो  ,
 जिस नूं  अपने ते गरूर होवे 

माँ बाप नू  कदी बुरा न आखियो , 
चाहे लख उन्हां दा कसूर होवे। 

राह चलदे नू दिल कदी ना दइओ ,
चाहे लख चेहरे ते नूर होवे ,

ओ बुल्लिआ
दोस्ती सिर्फ उत्थे कारिओ , 
जित्थे दोस्ती निभाउँन  दा दस्तूर होवे


एक दोस्त ने दूसरे दोस्त से पूछा,
की दोस्ती का क्या मतलब है,
तो दूसरे दोस्त ने मुस्कुरा कर कहा,
अरे यार, एक दोस्ती ही तो है
जिसमें  कोई मतलब नही होता,

और जहां मतलब होता है वहाँ दोस्ती नही होती।


जिंदगी भी क्या अज़ीब मोड़ लेती है,
एक वक्त ऐसा था जब हम कहते थे,
चलो मिल कर कुछ प्लान बनाते हैं,
और अब कहते हैं, चलो
कुछ मिलने का प्लान बनाते हैं।



पैरों में हवाई चप्पल कंधे पर दोस्त का हाथ,
जेबो में सिर्फ चिल्लर और मुँह पर लाखों की बात,
उन दिनों सिर्फ दौलत का मतलब था,
सिर्फ दोस्त का साथ, 
अब थोड़े बड़े क्या हुए
बदल गए हैं हालात, की अब तो दोस्त हैं 

सब Online 
ऑफ़ लाइन मिलपाना तो जैसे है बड़ी दूर की बात.


ये दोस्ती का बन्धन कितना अज़ीब होता है,
मिल जाएं तो बातें लम्बी, और बिछड़ जाएं तो यादे लम्बी।

नब्ज मेरी देख हकीम ने बीमार लिख दिया ,
मर्ज़ मेरा उसने " दोस्तों से न मिल पाना लिख दिया ,
बड़े शुक्रगुजार हैं उस हकीम  साहिब के ,हम 
जिसने दवा में दोस्तों का साथ लिख दिया


कमजोरियां न ढून्ढ मुझ में तू दोस्त मेरे
एक तू भी तो शामिल हैं उन कमजोरिओं में

दोस्ती तो यकीन पर खड़ी होती है,
पर ये यकीन होता  बड़ी मुश्किल से है,

कभी फुर्सत मिले तो पढ़ना  किताब रिश्तों की,
लिखा है दोस्ती कभी बड़ी नहीं होती ,
इसे निभाने वाले हमेशा बड़े होते हैं 
दोस्ती खून के रिश्तों से भी बड़ी होती है।

हमनें कहा ऐ बारिश ज़रा थम के बरस।
जब मेरा दोस्त आ जाये तो जम के बरस लेना 
पहले ना बरस की वो आ ना सके।
उसके आने के बाद इतना बरस की वो जा ना सके।


वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का
जो पिछली रात से याद आ रहा है


अहमद फ़राज

शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ
कीजे मुझे क़ुबूल हर कमी के साथ

इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ


सुना है खुदा के दरबार से कुछ फरिश्ते फरार हो गए 
कुछ तो शायद वापिस चले गए , बाकि हमारे यार हो गए


ज़िंदगी के उदास लम्हों में
बेवफ़ा दोस्त याद आते हैं

दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से

दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं

ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त (नासेह) advisors
कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार तो होता

ज़िद हर इक बात पर नहीं अच्छी
दोस्त की दोस्त हमेशा मान लेते हैं

हमें भी आ पड़ा है दोस्तों से काम कुछ यानी
हमारे दोस्तों के बेवफ़ा होने का वक़्त आया


दोस्ती मौसम नहीं जो अपनी मुद्दत पूरी करे और रुखसत हो जाए 
दोस्ती वो सावन भी नहीं ,जो टूट कर बरसे और फिर थम जाए ?
दोस्ती आग भी नहीं ,जो सुलगे , भड़के , फिर राख हो जाए ?
दोस्ती आफ़ताब भी नहीं , जो चमके जोर से फिर  डूब जाए 
दोस्ती वोह फूल भी नहीं जो खिले और मुरझा जाए ?
अरे भाई दोस्ती तो सांस है दोस्तों की 
( मैंने सांस बोला है सास नहीं ) सास मायने  मदर इन लॉ 

दोस्ती तो सांस हैं दोस्तों की ,जब तक चले तो सब कुछ है , 
रुके तो समझो सब खत्म। 



जिन्दगी रही तो बार - बार मिलेंगे दोस्त...


कभी इस "बार"  में,
तो कभी उस "बार" में...