यह महंगाई मार डालेगी
YEH MEHNGAI MAAR GAI .
हर साल की तरह हम सब फिर से देवी मई हो गए हैं चार्रों और मंदिरों में माँ की पूजा के पंडाल सज चुके है लेकिन इन सबसे बेखबर महंगाई डायन की तरह मुहं खोले खड़ी है सब कुछ निगल जाने को ,नवरात्रों के मौके पर इस बार केला पचास तो शिमला मिर्च 60 के पार कैसे कोई खुश रह पायेगा ?
नवरात्रों के मौके पर इस बार सब्जियां फलों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। टमाटर समेत अन्य सब्जियां आम लोगों की पहुंच से दूर हो रही हैं। महंगाई से रसोई घरों से सब्जियों की महक भी गायब होने लगी है। कांगड़ा तथा इसके साथ सटे क्षेत्र के बाजारों में नवरात्रों के दौरान जहां केले पचास रुपए दर्जन बिक रहे हैं तो दूसरी ओर शिमला मिर्च का भाव प्रति किलोग्राम साठ रुपए पहुंच गया है।यह वोह इलाके हैं जहाँ सब कुछ पैदा होता है फिर इतनी महंगाई क्यों ? शायद इस मोबाइल फ़ोन के युग में सब भाव सांठगांठ से तय किये जा रहे हैं ? सारे देश के सब्जी विक्रेता एक ही रेट निकाल देते हैं .
भिंडी जहां साठ रुपए किलो बिक रही है तो अंगूर भी साठ रुपए प्रति किलो की दर के चलते पहुंच से दूर होने लगे हैं।पर अंगूर की सुब्जी तो नहीं बनाई जा सकती न ? गरीब क्या खाए ? टमाटर की लाली भी अब रसोई घरों से छिटकने लगी है। चालीस रुपए प्रति किलो से भाव नीचे नहीं उतर रहा है। दूसरी तरफ अमरूद पचास, तो अनार डेढ़ सौ के पार पहुंच गया है। सेब 60 से 80 रुपए किलो, संतरे 50 रुपए दर्जन के हिसाब से बिक रहे हैं। बैंगन और हरे मटर भी स्थानीय सब्जी मंडियों में चालीस के पार हैं। ऐसे में गृहणियों का बजट गड़बड़ा गया है। देश के नेता अपना घर भरने में लगे हों तो चोर बाजारी को कोंन रोकेगा , आखिर इन्ही चोर नेताओं की वजेह से ही हर जगह भ्रष्टाचार का बोल बाला हो गया है , गवर्नमेंट नाम की कोई संस्था ही नहीं दिख रही .
धर्मशाला की वीना,टीना, लीना , रश्मि, प्रियंका, रेशमा, अंकिता, निर्मला, साक्षी, वनिता, राधा और भावना का सब का बुरा हाल है , उनका कहना है कि रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले टमाटर से लेकर हर कोई चीज आम आदमी की पहुंच से दूर हो रही है। उन्होंने कहा कि कई सब्जियां तो बाजार में फलों से महंगी बिक रही हैं। सब्जियों और फलों की कीमतों में उछाल से उनका महीने भर का बजट गड़बड़ा गया है।अब सिवाय कुदरत के कोई भी इसका इलाज़ नहीं कर सकता है , प्रकृति ही कुछ करिश्मा करे तो करे , इंसान तो लूटने से बाज़ आने वाला नहीं .