BHOOLNEY WALEY SEY - MUNNI BEGUM भूलने वाले से कोई कह दे ज़रा, इस तरह याद आने से क्या फ़ायदा. जब मेरे दिल की दुनिया बसाते नहीं, फिर ख़यालों में आने से क्या फ़ायदा. चार तिनके जलाके क्या मिल गया, मिट सका ना ज़माने से मेरा निशाँ. मुझपे बिजली गिराओ तो जानें सही, आशियाँ पर गिराने से क्या फ़ायदा. पहले दिल को बुराई से कर पाक तू- फिर खलूस-ए-अक़ीदत से कर जूस्तजू ऐसे सजदों से अल्लाह मिलता नहीं हर जगह सर झुकाने से क्या फ़ायदा. तुमने मूसा को नाहक तक़लीफ़ दी- लुत्फ़ आता अगर याद करते हमें जिनकी आँखों में ताब-ए-नज़ारा ना हो उनको जलवा दिखाने से क्या फ़ायदा.
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