Sunday, September 26, 2021

NOBLE LAUREAT ------ BRAZILIAN POETESS----MARTHA MERIDOSE -----THIS IS HER VERY MEANINGFUL POEM

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "
NOBEL PRIZE 
*नोबेल पुरस्कार विजेता ब्राजीली कवियत्री  मार्था मेरिडोस की

इसी कविता के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ
 ....
नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अन्तर्मन, 

तब सुख के मिले समन्दर का
रह जाता कोई अर्थ नहीं ।।

जब फसल सूख कर जल के बिन 
तिनका -तिनका बन गिर जाये,

फिर होने वाली वर्षा का
रह जाता कोई अर्थ नहीं ।।

सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन 
यदि दुःख में साथ न दें अपना, 

फिर सुख में उन सम्बन्धों का
रह जाता कोई अर्थ नहीं ।।

छोटी-छोटी खुशियों के क्षण 
निकले जाते हैं रोज़ जहां, 

फिर सुख की नित्य प्रतीक्षा का
रह जाता कोई अर्थ नहीं ।।

मन कटुवाणी से आहत हो 
भीतर तक छलनी हो जाये, 

फिर बाद कहे प्रिय वचनों का 
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।

सुख-साधन चाहे जितने हों
पर काया रोगों का घर हो, 

फिर उन अगनित सुविधाओं का 
रह जाता कोई अर्थ नहीं।। ...!!

How I came to Teaching ? IALI KIDS FORUM ----BY SHVETA NAGPAL

"LIFE BEGINS HERE AGAIN " IALI KIDS FORUM 

How I came to Teaching?----BY SHVETA NAGPAL 
*******************************************************************



As I have been part of this kids forum for quite some time now and my IT background and job profile is already known to my friends here in this forum. 

Teaching kids did not come to me suddenly, During my school and college days, I always wanted to generate my own pocket expenses, to become independent in my life, During My vacations or spare times I used to get flyers printed and distributed through newspapers, 

For that, I had to get up early morning at 4 o'clock to deliver flyers to newspaper vendors  I started getting students who wanted my tuition and me getting my pocket money. The Kids used to come to my house where I taught them in my own ambience and convenience.

 This boosted my Knowledge about the subjects as well as my morale. Even after completing My master in computers applications (MCA) where I topped  My university, which offered me a lecturership at the same campus, but I tried My hands with  Multinational IT companies like Wipro, IBM and came to the USA. 

Despite my over occupation with my job demands, I still nurse my passion of imparting and passing my knowledge to the kids to carve out their careers in life. Students have also gained tremendously through my practical approach while teaching them. This gives me immense satisfaction and monetary rewards too. This is how I am always comfortable in being an educator.











ADABI SANGAM ----- AS MEETING -- 504 - SEPTEMBER 25Th -2021------ TOPIC --- UMEED- उम्मीद - EXPECTATIONS-

"LIFE BEGINS HERE AGAIN " उम्मीद - आस 


Logistics: AS meeting 504 Hostess: Rita Kohli Ji
Venue: Santoor, 257-05 Union Turnpike, Glen Oak, NY 11004
Date & Time: September 25 at 5:30 PM
Topic: UMMEED
Part 1: Dr Mahtab Ji
Part 2: Rita Ji
Story: Jessi Ji

ना पूछना ,कैसे गुज़रता है एक
पल भी अपने अदबी मित्रों के बिना

कभी देखने की हसरत में
कभी मिलने की ख़ुशी में!!

कैसे एक महीना यूँ गुजर जाता है ,
एक नई मिठास लिए , पुनर्मिलन की आस में ,

आज का दिन भी कुछ ऐसा ही अवसर है ,
पर उतना खुश ग्वार नहीं,
एक अदबी मित्र लूम्बा जी ने ,हमसे अचानक जो मुहं फेर लिया ,
नासाज जरूर थी उनकी तबियत पर इतनी भी नहीं के।
अच्चानक हमें यूँ तनहा कर जाते ........

कई मौके आये पहले भी पर ,
दिल ने एक उम्मीद बरकरार रखी थी ,

जब भी वोह बीमार पड़ते थे , नियति से लड़ कर फिर खड़े हो जाते थे
ऐ दोस्तों कही पढ़ लिया था
कि सच्ची दुआएं और सच्ची
मोहब्बत हमेशा लौटकर आती है !!

पर हमेशा को रूठ जाएंगे वो हमसे इस तरह ?
ऐसी बिलकुल हमें , उम्मीद न थी

इसी उम्मीद पे हम ,रोज़ चिराग़ जलाये जाते थे
शायद इक बार फिर इसी महफ़िल में उनका दीदार हो
यक़ीं भले ही कुछ कमजोर था ,पर दिल में उम्मीद तो काफ़ी थी !

ज़िंदगी तो धोके पे धोका !!दे दिया करती है अक्सर ,
जनाब ऐसा हमने बहुतो से सुना था
पर मौत यूँ चुपचाप चली आएगी ,
इसकी बिलकुल उम्मीद न थी

ऐसी ऐसी दुखद घटनाएं , मुझे भी झकजोर रही हैं
इस नश्वर जिस्म का ,आखिरी मेहमान बना बैठा हूँ
एक उम्मीद का उन्वान बना बैठा हूँ
वो कहाँ है कब आ जाए लिवाने ,
ये बदलती फ़िज़ाओं को बेशक मालूम है मगर
एक बस में हूँ जो अनजान बना बैठा हूँ !!

यूँ तो हर शाम उमीदों में
गुज़र जाती थी , अब तो वोह जो टूटी , मेरी उम्मीद आखिरी थी
कुछ यादें उनकी , फिर से जेहन में उतर आई मेरे ,
जो इस शाम पे फिर से रोना आया !!

यही है ज़िंदगी का सफर मेरे दोस्तों ,कुछ ख़्वाब अधूरे
आँखों से झांकती हसरतें , मिलान और जुदाई
इन्हीं रास्तों से सारा जग गुजर रहा है
तुम भी ,बहल सको इनसे तो ,चलते चलो !!
लेके अपनी अपनी उमीदों के सहारे

लेकिन एक मशवरा यह भी है ,ज़्यादा उम्मीद मत लगा लेना खुद से
तूँ सिर्फ एक इंसान ही तो है
थोड़ा फासला भी तो रख
अधूरी ख्वाइशों और उमीदों में !!

हर शख्स यहाँ उलझनों और कश्मकश में ,
एक उम्मीद की ढाल लिए बैठा हैं
ए जिंदगी तेरी हर बेढंगी चाल के लिए ,
उम्मीदों से लबरेज हर तरफ, एक उमीदवार बैठा है

जरा ध्यान देकर सोचा तो पता लगा
इस दुनिया में आधे दुखः
गलत लोगों से ,उम्मीद रखने से होते है
और बाकी के आधे सच्चे लोगों
को नउम्मीद करने से होते है !!

ज़िन्दगी तो वही है जो हमने आज जी ली
कल के लिए तो सिर्फ उम्मीद ही बाकी है

मैंने परेशां होकर जब जिन्दगी से पूछा
सबको इतना दर्द क्यों देती हो,
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हूँ
पर एक की उम्मीद दुसरे की उम्मीद से जब टकराती है !!
तो जरूर नाउम्मीदी पैदा होती है , वही है दर्द आप सबका

लेकिन तेरे जहान में ऐसा भी नहीं
कि लोगों को दर्द के सिवा , प्यार न मिला हो
पर दर्द तब हुआ ,जब,जहाँ उम्मीद थी इसकी
वहाँ नहीं मिला,

चमत्कार तो तब हुआ  , जब मैंने अपनों से उम्मीद हटा ली
तकलीफें मेरी , खुद ब खुद कम हो गई

प्यार तो जी भर कर करो ,बस उम्मीद
किसी से मत रखना ,क्योंकि तकलीफ
मोहब्बत नहीं उम्मीदें देती है !!

करते नहीं वफ़ा आज कल लोग
सिर्फ आस रखते है इश्क़ में भी साहिब
तो भला उम्मीद अपने पन की रखना
गैरों से ? यह कहाँ की समझदारी है !!

कहने को लफ्ज दो हैं
उम्मीद और हसरत
लेकिन निहाँ इसी में
दुनिया की दास्ताँ है !!

उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है
अगर हौसला है तो हर मौज में किनारा है !!

बीते ज़ख्मो को यूँ , बार बार ताज़ा किया न करो,
पुरानी यादें ,पुराने किस्से,दुश्मन हैं नई उम्मीद के

हर नई उम्मीद में से भी एक ,नई उम्मीद खोज कर ,
खुद को खुदी में तलाश कर ,मस्त ज़िन्दगी जिया करो !!

हर आने वाले पल का इंतज़ार बहुत पसंद है मुझे
क्योंकि यही वक़्त तो उम्मीद से भरा होता है !!

आज भी इस उम्मीद से
सिगरेट पीते हैं लोग ,यारों
के कभी तो जलेगी सीने में रखी
कड़वी यादें उन की !!

मैं जिंदगी के उन लम्हों को परोसता हूँ , जो मेरे साथ घटे
अच्छे लगे तो अपना लेना , वरना
मुझसे झूठ की कोई उम्मीद ना करना ,
मैं खुद का अक्स , खुद में ढून्ढ लेता हूँ
मैं आइना हूं, सुबह का अख़बार नहीं !!

हम भी किसी शख्स से तब तक लड़ते हैं
जब तक उससे प्यार की उम्मीद होती है
जिस दिन वो उम्मीद ख़तम हो जाती है
उस दिन लड़ना भी खत्म हो जाता है !!

एक झख्म जो आज हम सब के दिलो को मिला है , कुछ वक्त लगेगा भरने में , जिस हिम्मत से सुषमा जी ने यह लड़ाई लड़ी है वह काबिले तारीफ मिसाल है ,आखिरी सांस तक साथ निभाने की
फिर भी दिल ना-उमीद नहीं ,नाकाम ही तो है " सुषमा लूम्बा जी की इस भावना से हम खूब परिचित है, जिन्हे उन्होंने आखिर वक्त तक आराधना की तरह निभाया है " हमारी तरफ से उस जाने वाले फरिश्ते को हमारी हार्दिक श्रदाँजलि , के साथ ही सुषमा जी के लिए दो शब्द कह कर , मैं अपनी कलम को यहीं विराम देता हूँ

लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है !!फिर एक नया दिन ,नई जिंदगी ,नई उम्मीद फिर से जिंदगी को अपने ढर्रे पर ले जायेगी , और हम सभी चलते ही रहेंगे अपनी अपनी डगर पर ,एक नई उम्मीद का दामन थाम के ?

**********************************************************************

पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ
क्योंकि मैं खुद के सिवा किसी से
कोई उम्मीद नहीं रखता !!

खुश रहने का एक सीधा मंत्र यह है
की उम्मीद अपने आप से रखो
किसी और से नहीं !!

अगर जिंदगी में सफल
होना चाहते हो तो दूसरो से
ज्यादा खुद से उम्मीद लगाया करो !!