Friday, January 24, 2020

ADABI SANGAM -....... [ 482 ]......... हुस्न.... ROOP_BEAUTY-....-KHUBSURTI- ......HUSN ..............................................................[JANUARY 25,-2020....]


"LIFE BEGINS HERE AGAIN "
25 TH JANUARY 2020 Saturday 
482ND ADABI SANGAM AT ROYAL PALACE RESTAURANT AT 77 KNOLLWOOD ROAD WHITE PLAINS NEW YORK AT 6 PM BY ASHOK & ROOPA JI, TOPIC IS:-




HUSN, KHOOBSURTI:--

ऑफिस से लौटते वक्त ,पति गाना गाते हुए घर में प्रवेश करते हैं
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ , कुछ कहते हुए भी डरता हूँ। ........ कहीं भूल से तु न समझ बैठे की। .. ....... 

पत्नी टोकते हुए क्यों जी अब तारीफ करने में भी डरे जा रहे हो ? ,अगर  हम हैं ही इस काबिल तो खुल के तारीफ तो करो

अरे कुछ नहीं यह तो बस एक गीत के बोल है यूँ ही गुनगुना रहे थे , इसका तुमसे कोई वास्ता नहीं है ,

पत्नी तो क्या मतलब ? हम सूंदर नहीं लगते आपको ? शादी से पहले तो मेरी खूबसूरती पे ही फ़िदा हुए थे न ? अब इसका मुझ से कोई तालुक ही नहीं ? तो किसी और की तारीफ़ कर रहे थे ? कोई और है तुम्हारी जिंदगी में अब ?
अच्छा आपको अब झिझक आती है तो मैं आपसे एक बात पूछती हूँ उसका जवाब बताओ :-




अब पति रात के खाने की इंतज़ार में है और खाना कहीं दिखाई नहीं दे रहा , शायद हुस्न नाराज़ हो गया हैं हमारी बेरुखी पे ?
अब उसे मनाने के लिए मैंने उसे एक किस्सा सुनाया की वह तो मज़ाक था , आप तो मन से बहुत खूबसूरत हैं , पत्नी ने कहा अच्छा केवल मन से ? पहले तो चौदहवीं का चाँद न जाने क्या क्या कहा करते थे ?
चलो किस्सा सुनाओ क्या कह रहे थे , मैं कह रहा था की ,हुस्न चेहरे का हो या मन की खूबसूरती का होता तो हर इंसान के पास है , किसी के पास कम और किसी के पास ज्यादा .


वैसे हुस्न एक पर्शियन शब्द है जो की सिर्फ औरतों के लिए इस्तेमाल होता है , उस जमाने में ईरान इराक के लोग अपनी बेटिओं को ज्यादा तर हुस्न के नाम से बुलाते थे ऐसा इस मजहब के जानकारों नै बताया है ।  तो यह हुस्नी मुबारक नामके जो मुस्लिम लीडर थे उनका नाम ? हुस्न से क्यों ?
क्योंकि वह अपनी बहन के बाद पैदा हुए थे यानी की वह उस हुस्न लड़की के मुबारक कदम के बाद पैदा हुए थे इस लिए उनका नाम हुस्नी मुबारक रखा गया। 

आज कल हम हुस्न के नाम को  हम अब अपने सुविधानुसार कहीं भी इस्तेमाल कर लेते है , ऐसा ही एक शख्स ने अपने बिज़नेस को बढ़ाने में कैसे किया सुनो :-

*एक फोटोग्राफ़र ने दुकान के बाहर बोर्ड लगा रखा था।*
आप मालिकाये हुस्न हो सिर्फ आप का बाथरूम में टंगा शीशा ही जानता है या हमारी दूकान का कैमरा , आप अपने हुस्न को अपनी यादों में जिन्दा रखना चाहे तो हम से फोटो खिचवाएं फौरन, वरना हुस्न का क्या आज है कल नहीं ,कभी भी ढल जाएगा।और हाथ मलते रह जाइयेगा 

- आप जैसे हैं, वैसा ही दिखना चाहते है तो वही फोटो खिंचवाएँ।सिर्फ **20 रु. में
*30 रु.में - आप जैसा सोचते हैं, वैसा फोटो खिंचवाएँ।*
*आप अपने हुस्न में चार चाँद लगा सकते हैं सिर्फ 50 रु. में - आप जैसा लोगों को दिखाना चाहें, वैसा फोटो खिंचवाएँ।*

*बाद में उस फोटोग्राफर ने अपनी एक किताब के संस्मरण में लिखा,*

*मैंने जीवनभर अनगिनित फोटो खींचे, लेकिन किसी ने भी 20 रु.वाला फोटो नहीं खिंचवाया, सभी ने 50 रु. वाले ही खिंचवाए....*

*बस आप यूँ समझ लीजिए कुछ ऐसी ही हक़ीक़त है- ज़िंदगी की...* खूबसूरती सबको चाहिए किसी भी ऊँची कीमत पर , अपनी असलियत छिपा के भी नकली खूबसूरत दिखना चाहते है , अंदुरुनी रूहानी खूबसूरती कोई भी नहीं पाना चाहता। न की जैसा वह है वैसा दिखना भी नहीं चाहता , यह बात आज कल औरतों और मर्दों पे यकसां लागू होती है जा कर किसी भी ब्यूटी सलून में देख लो भीड़ लगी है सबको अपने हुस्न को चमकाने की।

*हम हमेशा दिखावे के लिए ही तो जीते रहे है, हमने कभी अपनी वो 20 रुपये में खींची जाने वाली  जिंदगी और ख़ूबसूरती की असल तस्वीर आज तक जी ही नही!!!*

ये दुनिया भी कितनी निराली है! मेकअप से चेहरे के हुस्न की असलियत तो छुपा लेती है , पर क्या अपने मन के हुस्न को वह कभी पहचान भी पाती है  ?


*जिसकी आँखों में नींद है …. उसके पास अच्छा बिस्तर नहीं …जिसके पास मखमली बिस्तर है …….उसकी आँखों में नींद नहीं …*

*जिसके मन में दया है ….उसके पास किसी को देने के लिए धन नहीं* …. *और जिसके पास धन है उसके मन में दया नहीं …*

*जिन्हे कद्र है रिश्तों की … उन से कोई रिश्ता रखना नही चाहता....* *जिनसे रिश्ता रखना चाहते हैं ….उन्हें रिश्तों की कद्र नहीं*

*जिसको भूख है उसके पास खाने के लिए भोजन नहीं….* *और जिसके पास खाने के लिए भोजन है ………उसको भूख नहीं…*

*कोई अपनों के लिए…. रोटी छोड़ देता है…तो कोई रोटी के लिए….. अपनों को…


दिन रात लोग भाग भाग कर इतना पैसा एकत्र कर लेते हैं कि न उनके पास वक्त बचता है न ही शरीर की ख़ूबसूरती , बचता है तो केवल झूठा दिखावा वोही पचास रूपए की फोटो वाला।

फिर वक्त का विधान चलने लगता है , सारी एकत्र की गई दौलत अब अपना नया ठिकाना खुद ही ढूंढ़ने लगती है , डॉक्टर्स को मुहं मांगी दौलत दी जाती है उस खो गई ख़ूबसूरती को वापिस पाने को , तरह तरह के इंजेक्शन , हार्मोन्स खरीदें जाते है सिर्फ उस खो गई ख़ूबसूरती और जवानी के लिए , लेकिन घडी कभी उलटी नहीं चलाई जा सकती , वक्त को वापिस नहीं बुलाया जा सकता ,

कोई तो बाहरी खूबसूरती के लिए अपनी गुणवती पत्नी से भी मुहं फेर लेता है और निकल पड़ता है नए हुस्न की तलाश में , जो शरीर की खूबसूरती पे फ़िदा रहते हैं उन्हें रूहानी खूबसूरती कभी समझ ही नहीं आती।

पत्नी ने पुछा आपकी तबियत तो ठीक है न ? क्या बोले जा रहे हो , तब से ?
आसा राम के आश्रम से हो कर आ रहे हो क्या ? हाँ किसी सन्यासी से मिला था उसी की बातें अभी तक जेहन में गूँज रही है , उन्होंने अपनी एक पुरानी याद भी मुझे सुनाई थी। 


उन्होंने पुछा उस मूर्तिकार से " आप अपने फन से एक पत्थर से इतनी खूबसूरत मूर्ति कैसे तराश लेते हो"


शिल्पकार ने जवाब दिया " मूर्तियां तो पहले से पत्थर में छुपी है , मैं तो सिर्फ फालतू जमा पत्थर छील कर हटा देता हूँ " तब  पथर में छुपा तस्वीर का हुस्न झाँकने लगता है। 
उसकी बात से मुझे अहसास हो गया की हमारी हंसी ख़ुशी एक खूबसूरती एक मूरत की तरह हमारे भीतर ही विधमान है , सिर्फ उसपे जमी चिंताओं की परत को ही तो हटाना है खुशियां खुद ब खुद बाहर आ जाएँगी , असली हुस्न तभी बाहर से चेहरे पर भी महसूस होगा। 

अच्छा अच्छा अब आप भी प्रवचन करने लगे हो ,हुस्न , खूबसूरती , सुंदरता , घर की भी कोई फ़िक्र है की नहीं , है न तभी तो तुमेह यह बातें बता रहा हूँ। कल से ग्रोसरी लाने को कह रहीं हूँ :- किचन की भी एक एक गृहस्थी में उतनी ही जरूरत होती है जितनी औरत के लिए हुस्न की ?और मेरी खूबसूरती की भले ही तारीफ न करो  , पर घर गृहस्थी पर तो पूरा ध्यान दो ,

हम तो आपके हमेशा से कदरदान रहें हैं जी। मैं तो सिर्फ जिंदगी की कुछ कड़वी सच्चाइयों से आपको रूबरू करवा रहा हूँ।

अब मेरे दोस्त की शादी भी तो इस लिए नहीं हो रही थी न की ?,न वह ज्यादा खूबसूरत था न ही अमीर , मैंने समझाया उसे , यार दोनों में एक चीज़ तो होनी चाहिए न , या कोई ऐसी स्किल जो आज कल काफी मांग में हो जिसे देख कोई हुस्न उस पे फ़िदा तो हो सके , उसने मुझे शादी डॉट कॉम पर अपनी प्रोफाइल भी दिखाई जिसे पढ़ कर भी किसी लड़की वाले का जवाब नहीं आया , बेचारा

फिर मैंने उसे बताया ,भाई खाली यह दो ही गुण काफी नहीं होते आज कल की तेज़ रफ़्तार जिंदगी में जहाँ पति पत्नी दोनों ही वर्किंग हैं कोई किसी की उपयोगिता केवल पैसे और सूरत से नहीं लगाता , ख़ूबसूरती तो बहुआयामी होती है ,यानी की हरफनमौला , सिर्फ उसे मार्किट करने वाले चाहिए ,
अब हमारी पत्नी को भी इसमें इंटरेस्ट आने लगा था पूछने लगी बेचारे की कोई तरकीब लगाईआपने हाँ तब मजाक में मैंने उसकी प्रोफाइल में कुछ बातें और जोड़ दी थी , मसलन

लड़का परफेक्ट कुक है , कपडे धो कर प्रेस भी बहुत अच्छी कर लेता है , घर की सफाई की तो पूछो ही मत सारा दिन घर चमकता हुआ रखता है , चेहरा खूबसूरत न भी है लेकिन इसके इतने गुण ग्रहस्ती को बहुत खूबसूरत बना देंगे
इसके साथ ही उसके कपड़े धोने, बर्तन मांजने की तस्वीरें भी
Shadi.com पर डाली थी ! बात आई गई हो गई थी।

इतने समय के बाद आज उससे भी मुलाकात हो गई अचानक , आज वोह बहुत खुश दिख रहा था और मेरा बहुत धन्यवाद भी कर रहा था , की मेरी दी हुई राह से कैसे , एक से बढ़ के एक इतने रिश्ते आये की चुनना मुश्किल हो गया था।


सूरत न भी हो तो सीरत तो बहुत काम आती है न आज कल की तेज़ रफ़्तार जिंदगी में ?जबकि मुझे अपने द्वारा किया हुआ मज़ाक याद भी न था ,जबरदस्ती अपने घर ले गया अपनी पत्नी से मिलवाने , मेरे दिल में कोतुहल भी था की देखे उसकी हुस्नपरी की ख्वाइश पूरी हुई की नहीं ?

उसकी पत्नी वाकई हुस्न परी थी। पर खूबसूरती में वह तुम से बहुत कम , न उसका बनाया खाना न ही बातों में दम , तन और मन की खूबसूरती का संगम जैसा तुम में है वैसा उसमे कहाँ ? असली हुस्न परी तो तुम हो।
पत्नी बोली क्या अंट शंट बोले जा रहे हो ? क्या मैंने तुमसे शादी यह सब देख के की थी ? कौन सा काम करते हो घर में ? कौन सा किचन का काम कर सकते हो ? कमाई तुम्हारी मुझ से भी कम है , पढाई और स्किल भी मेरी तुमसे कहीं ज्यादा है , फिर भी मैंने तुमसे शादी क्यों की ? बताओ ? अब मैं निरुत्तर हो गया वाकई यह तो सच्चाई थी।
😂👌😂
अब मेरी पत्नी की बोलने की बारी थी , वह बोलने लगी बड़ी गजब की खूबसूरत रचना हूं, मै तेरी भगवान,जिसे हर पल सिर्फ और सिर्फ मर्द एक हुस्न की ख्वाईएश पूरी करने के लिए करता है , उसे तेरी इस रचना में  हुस्न के साथ साथ बहुत कुछ चाहिए , जबकि मर्द कैसा भी हो ख़ूबसूरती को किसी भी कीमत पे पा लेना चाहता है अपने धनबल से ?

मेरी खूबसूरती और हुस्न ने मुझे माँ बाप की चहेती से ज्यादा पराया धन बना दिया ,किस काम की मेरी खूबसूरती ? बेटी बनके भी पराई थी , आज बहू बनके भी पराई हूं......
🙏🙂🙃😊🙃🙂🙏

बढ़ती हुई समझदारी ,जीवन को
मौन की तरफ ले जाती है.!खुदा ने हुस्न को चुप रहने और सलीके में रहने की कला भी दी ,इसलिए ज्यादा समझदारी भी नहीं आनी चाहिए वरना हुस्न में भी लोग दाग तलाशने लगते हैं , सब को मालूम है ग्रेह्स्थी तो हुस्न के भोलेपन से चलती है , चेहरे के हुस्न से नहीं। थोड़ी सी अपनी राय राखी नहीं की मुहं फट का तगमा मिल जाता है ,पत्नी ने मुहं फुला के मुझे डांट दिया , मैं चुपचाप उसकी बातें सुनता रहा , वह बोली
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक सच्ची घटना छपी,थी की एक अनीता पटेल नाम की लड़की ने मुंबई के एक बड़े ही प्रितिष्ठत हॉस्पिटल पर एक बहुत बड़ा हर्जाने का दावा ठोक दिया " की जब से मेरे पति की इस हॉस्पिटल में सर्जरी हुई है उसने मुझ में इंटरेस्ट लेना ही बंद कर दिया है "

हॉस्पिटल अड्मिनिस्ट्रशन ने परेशान हो कर कोर्ट को जवाब दिया , योर हॉनर ,पटेल सिर्फ कैटरेक्ट सर्जरी के लिए एडमिट हुए थे , हम ने तो सिर्फ उसकी नज़र दरुस्त की है ,
beauty lies in the beholders eyes , अब बताओ लड़की की सूरत पे आकर ही टिकी न उसकी जिंदगी ?
अक्सर गृह क्लेश क्यों होता है ? सूरत या सीरत की कमी से या धन की कमी से ? बड़ी बड़ी साधुओं के परवचनो की बातें कर रहे थे न अब मेरे दिलो दिमाग के हुस्न को भी सुनो और समझो।

संत कबीर रोज सत्संग किया करते थे । दूर-दूर से लोग उनकी बात सुनने आते थे । एक दिन सत्संग खत्म होने पर भी एक आदमी बैठा ही रहा । कबीर ने इसका कारण पूछा तो वह बोला, ‘मुझे आपसे कुछ पूछना है ।


मैं जानना चाहता हूं कि " मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत और लाखों में एक है , धन दौलत तो खूब है पर गृह क्लेश फिर भी क्यों होता है और वह कैसे दूर हो सकता है ?

कबीर थोड़ी देर चुप रहे, फिर बोले चेहरे की बात कर रहे हो ,आपकी अंदरूनी ख़ूबसूरती भी है के नहीं , अंदरूनी ख़ूबसूरती ? बाबा जी वह कोई कैसे जान सकता है ? अच्छा देखो तुम्हें दिखाते हैं सच्ची खूबसूरती क्या होती है।

फिर कबीर ने अपनी पत्नी से कहा, ‘लालटेन जलाकर लाओ’ । कबीर की पत्नी लालटेन जलाकर ले आई । वह आदमी हैरान हो कर देखता रहा । सोचने लगा कि इतनी दोपहर में कबीर ने जलती लालटेन क्यों मंगाई।


थोड़ी देर बाद कबीर बोले, ‘कुछ मीठा दे जाना'। इस बार उनकी पत्नी मीठे के बजाय नमकीन देकर चली गई । उस आदमी ने सोचा कि यह तो शायद पागलों का घर है । मीठा के बदले नमकीन, दिन में लालटेन। मुझे क्या समझायेंगे  ,वह बोला, अच्छा ‘कबीर जी, मैं चलता हूं ।’

कबीर ने पूछा, क्या आपको अपनी समस्या का समाधान मिला या अभी भी कुछ शक बाकी है ? वह व्यक्ति बोला, कौन सा समाधान ?आपने और आपकी पत्नी ने जो भी किया मेरी समझ में तो कुछ आया नहीं ।


कबीर ने कहा, जैसे मैंनें लालटेन मंगवाई तो मेरी घरवाली कह सकती थी कि तुम क्या सठिया गए हो । इतनी दोपहर में लालटेन की क्या जरूरत आन पड़ी । लेकिन नहीं, उसने सोचा कि जरूर किसी काम के लिए लालटेन मंगवाई होगी ।


मीठा मंगवाया तो नमकीन देकर चली गई । मैंनें भी सोचा कि हो सकता है घर में कोई मीठी वस्तु न हो । यही सोचकर मैं भी चुप रहा । इसमें तकरार क्या ? आपसी विश्वास बढ़ाने और तकरार में न फंसने से मुश्किल हालात अपने आप दूर हो गए। उस आदमी को हैरानी हुई, वह समझ गया कि कबीर ने यह सब उसे बताने के लिए ही किया था ।

कबीर ने फिर कहा, गृहस्थी में आपसी विश्वास से ही तालमेल बनता है । आदमी से गलती हो तो औरत संभाल ले और औरत से कोई त्रुटि हो जाए तो पति उसे नजर अंदाज कर दे, यही गृहस्थी का मूलमंत्र है ।


यही असली ख़ूबसूरती है यही भीतर का हुस्न है जो किसी किसी के पास होता है इसलिए पति पत्नी की खूबसूरत होने के बावजूद कुछ वक्त के बाद झगडे शुरू हो जाते है।
एक और प्रवचन ख़ूबसूरती के सन्दर्भ में सुनने का सौभाग्य मिला

सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान
एक 30 वर्षीय युवक को खडा कर पूछा कि
- आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है तो आप क्या करोगे ?

युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।
गुरु जी ने पूछा - वह लडकी आगे बढ गयी तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे ?
लडके ने कहा - हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो। (सभा मे सभी हंस पड़े शायद सब की दिल की बात थी वह।

गुरु जी ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ?
युवक ने कहा 5 - 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।
गुरु जी ने उस युवक से कहा - अब जरा सोचिए,

आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना। आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए।
उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो बडे अरबपति हैं।

घर के बाहर 10 गाडियाँ और 5 चौकीदार खडे हैं। आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया।


आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठकर गरम खाना खिलाया। जाते समय आप से पूछा - किसमें आए हो ? आपने कहा- लोकल ट्रेन में। उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया - भैया, आप आराम से घर पहुँच गए हो या नहीं ?
अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?

युवक ने कहा - गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।
गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा
"यह है जीवन की खूबसूरत हकीकत।" जो तन , मन , धन , से अलग एक और ख़ूबसूरती है जिसे व्यवहार कहते है

"सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है,_, धन आता जाता रहता है * जिसका मन सूंदर है वह अति सूंदर है , उससे ऊपर कोई हुस्न नहीं *_हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है। 🙏🌹


बात उन दिनों की है जब भगवान श्रीराम अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान चित्रकूट में थे। भगवान राम एवं माता सीता कुटिया के बाहर बैठे हुए थे।
लक्ष्मणजी उनके चरणों में बैठे थे। तभी श्रीराम ने कहा कि लक्ष्मण यहां आओ मेरे और सीता के बीच एक विवाद हो गया है। इसलिए तुम न्याय करो।

लक्ष्मण जी मान गए। तब श्रीराम-' मैं कहता हूं कि मेरे चरण सुंदर हैं। सीता कहती हैं उनके चरण सुंदर हैं। तुम दोनों के चरणों की पूजा करते हो। अब तुम ही फैसला करो कि किसके चरण सुंदर हैं।
लक्ष्मणजी बोले आप मुझे इस धर्म संकट में मत डालिए।


तब श्रीराम ने समझाया कि तुम बैरागी हो। निर्भय होकर कहो। किसके चरण सुंदर हैं। राम के चरणों को दिखाते हुए लक्ष्मणजी बोले कि माता, इन चरणों से आपके चरण सुंदर हैं।
इतना कहते हुए लक्ष्मण जी चुप हो गए और माता सीता खुश।


इस पर लक्ष्मण जी बोले माता अधिक खुश मत होना। भगवान राम के चरण हैं, तभी आपके चरणों की कीमत है। इनके चरण न हों तो आपके चरण सुंदर नहीं लग सकते।
अब रामजी खुश हो गए। तब लक्ष्मणजी फिर बोले कि आप दोनों को खुश होने की जरूरत नहीं।

आप दोनों के चरणों के अलावा भी एक चरण हैं जिसके कारण ही आपके चरणों की पूजा होती है वोह न चेहरे का हुस्न है न ही खूबसूरती बल्कि वह है आपका सूंदर आचरण।जिसके आगे सब गौण हैं।  आचरण की ही कीमत होती है महाराज ! आपके चरण सुंदर हैं तो उसका कारण आपका महान आचरण है।हुस्न तो नाशवान है हमारा आचरण हमेशा अमर है

व्यक्ति के आचरण अच्छे हों तो उसका तन और मन दोनों ही सुंदर हो जाते है और वह संसार में अपने नाम की अमिट छाप छोड़ जाता है।
🙏🙏
अब हम मुहं खोले श्रीमती जी की धाराप्रवाह ज्ञान गंगा सुन कर हतप्रभ थे , उनके चेहरे के हुस्न के अलावा भीतर भी एक हुस्न है जो हमें आज तक मालूम ही न था , इस पुरे हुस्न और दिल की खूबसूरती की परिभाषा को हमारा शत शत नमन।





एक बार कचहरी में एक गवाह बहुत लम्बे लम्बे बयान दे रहा था।

सरकारी वकील नाराज हो गया और गवाह से बोला- इतना अधिक बोलने की जरूरत नहीं है। तुमसे जो पूछा जाय उसका जवाब केवल हां या ना में ही दो।
गवाह- हुजूर हर सवाल का जवाब हां या ना में नहीं दिया जा सकता।
वकील- बिलकुल दिया जा सकता है। तुम मुझसे कोई भी सवाल पूछो मैं हां या ना में जवाब देकर दिखाता हूं।
गवाह- ठीक है हुजूर आपकी जिद पर मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं। आप सिर्फ हां या ना में ही जवाब दीजियेगा।
वकील- पूछो।
गवाह- आपकी बीबी ने आपको पीटना छोड़ दिया ? 😳😳😳😳😳😳😳


पति(पत्नि से):- आज़ मैंने *यूट्यूब से* ऑपरेशन करना सिख लिया हैं....
तेरे रिश्तेदारों को *हार्ट, किडनी, फेफड़े* का ऑपरेशन करना हो तौ कहना..
पत्नि:- ये तौ *बेहद ख़तरनाक प्रयोग* हैं...
ऐसे कोई भी *वीडियो देखकर* कुछ नहीं आ जाता...
पति:- तौ फ़िर तु *कुकिंग के वीडियो* देख-देखकर ऐसे *बेहद ख़तरनाक प्रयोग* मुझपे क्युं करती हो ??












Sunday, December 29, 2019

.ADABI SANGAM ..[ 481 ] ................. _ DOSTI PART {-3 } AT FLAMES [ .. मित्रता ..............FRIENDSHIP ...............................[DECEMBER.. 28 --2019 ]

DOSTI PART -3 ADABI SANGAM AT FLAMES ON 28TH DECEMBER 2019

TOPIC NO 481





दोस्ती नज़ारों से हो...

दोस्ती नज़ारों से कर लो तो आप प्रकृति के दोस्त हैं

चाँद-सितारों से हो दोस्ती तो जन्नत का नजारा आपका

हसीनों से गर हो दोस्ती तो मोहब्बत का नाम देदो

और कोई ऐसा दोस्त मिले जिससे दिल बाँट सको

तो वह आपके लिए तोफाये नसीब होता है


रहना हमेशा साथ हमारे...

रूठी जो जिदंगी तो मना लेंगे हम,

मिले जो गम वो भी सह लेंगे हम,

बस रहना हमेशा साथ हमारे मेरे दोस्त ,

बहते आंसुओं में डुबकी लगा कर भी ,

अपने दर्दे -गमो को छुपा लेंगे हम


मुलाकात हो तुझसे...

तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ,

ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ,

मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,

सारी उम्र बस एक मुलाकाते इंतज़ार में ,

---------हँसते --हँसते गुजार लूँ।



दोस्ती कोई रिश्ता नहीं एक एहसास होता है,

जो जिंदगी में एक साथ का आभास होता है

जो हर पल साथ दे दाएं बाएं हाथ की तरह

वही फक्त हम साया ,जिगरी दोस्त होता है,

वरना आज कल तो , खुद का साया भी दगाबाज़ होता है

सच्चा दोस्त वही है जो हमे कभी गिरने न दे,
किसी की नज़रो से ,न ही किसी के क़दमों में

ज़िन्दगी के कुछ उलझे सवालो से डर लगता है,

कभी कभी दिल की तन्हाइयो से डर लगता है,


ज़िन्दगी में अवल तो सच्चा दोस्त मिलता नहीं ,
किस्मत से मिल भी जाए तो ,उसके बेवफा होने का ,

कहीं खो जाने का डर ,हमेशा दिल में रहता है


तेरी दोस्ती में ज़िन्दगी में तूफान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िन्दगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।

अगर बात दिल से कही गई हो तो वो दिल को छू लेती है,
और कुछ बिन कही बात भी कुछ कह देती है,
कुछ लोग तो दोस्ती का मतलब ही बदल देते है,
और कुछ की तो दोस्ती से ही ज़िन्दगी बदल जाती है।


ज़िन्दगी इतिहास फिर नही दोहराती,
हर पल हर मोड़ पर है दोस्तों की याद आती,
ज़िन्दगी दोस्ती के लम्हो में है गुम हो जाती,
उन लम्हो को सोच कर हमारी आँखे हैं नम हो जाती।

अच्छा और सच्चा दोस्त एक फूल है,

जिसे हम तोड़ भी नही सकते,

और अकेला छोड़ भी नही सकते,

अगर तोड़ लिया तो मुरझा जायेगा,

और छोड़ दिया तो कोई और ले जायेगा


ज़िन्दगी के सारे गम क्यों बाँट लेते हैं दोस्त,
क्यों ज़िन्दगी में साथ देते हैं दोस्त,
रिश्ता तो सिर्फ उनसे दिल का होता है जी,
फिर भी क्यों हमे अपना मान लेते हैं दोस्त।


जब दोस्ती सच्ची और मजबूत होती है,
तो उसे जताने की ज़रूरत नही होती है,
चाहे दोस्त कितना भी दूर चला जाये,
उसे पास लाने की ज़रूरत नही होती है।



दोस्ती वो नही जो मिट जाये,

रास्तो की तरह कट जाये,

दोस्ती तो वो प्यारा एहसास है,

जिसमे सब कुछ पल भर में ही सिमट जाये।



     School ki Dosti

      10th Class Tak


      College Ki Dosti

 Final Year Tak


          oFFice Ki Dosti 

  RetireMent Tak


Lover Ke Dosti 
       Shadi Tak


.....But...

Hamari Dosti
         AAP Se

31  - February Tak

.......Q K......

    Na Kabhi 31 February Ayegi

   Aur Na Humari Dosti Ka End        Hoga*******

     Note:

     Yeh Msg UN Dosto Ko Bhejo Jin Ko Aap Puri Zindgi Nahi khona Chahte..

  Muje Bhi Send kare   Agar Aap Muje Bhi Nahi Khona Chahte..😁

   Yeh Msg Sabko        Send Karo Aur


 Dekho Kitne Log    Aapko Khona Nahi    Chahte..





After checking my heart & pulse,
The doctor smiled and said:

Go sit and enjoy with your old friends,
They are the cure for all your ailments and worries...

Stay in touch with your friends,  Janaab...
Because they are such healers,
Who can cure you with their sweet and abusive talks..

They don't make you feel your age,
These idiot friends...
They never let you get old and are always by your side to walk...

Children will ask for WILL,
Relatives will ask for BILL,
Only your true friends,
Under whatever circumstances,
Will ask you to "JUST CHILL"....👍👌🥃




बड़ी गजब की रचना हूं, मै तेरी भगवान

बेटी बनके भी पराई हूं, बहू बनके भी पराई हूं......🙂🙂🙂

🙏🙂🙃😊🙃🙂🙏

इंसान की खूबसूरती को परखने की पराकाष्टा तो देखो 

चूहा अगर पत्थर का हो तो
             सब उसे पूजते हैं

      मगर जिन्दा हो तो मारे बिना
              चैन नहीं लेते हैं

         साँप अगर पत्थर का हो
            तो सब उसे पूजते हैं

       मगर जिन्दा हो तो उसी वक़्त
                   मार देते हैं

       माँ बाप अगर "तस्वीरों" में हो
               तो सब पूजते हैं

       मगर जिन्दा है तो कीमत नहीं
                    समझते"

       बस यही समझ नहीं आता के
       ज़िन्दगी से इतनी नफरत क्यों

                       और

        पत्थरों से इतनी मोहब्बत क्यों

          जिस तरह लोग मुर्दे इंसान को
           कंधा देना पुण्य समझते हैं​

       काश" इस तरह' ज़िन्दा" इंसान
       को सहारा देंना पुण्य  समझने
        लगे तो ज़िन्दगी आसान हो
                    जायेगी​

        एक बार जरूर सोचिए सूरत और सीरत में इतना अंतर क्यों ?




मुझे शराब से महोब्बत नही है
महोब्बत तो उन पलो से है
जो शराब के बहाने मैं
दोस्तो के साथ  बिताता हूँ. 




शराब तो ख्वामखाह ही बदनाम है..
नज़र घुमा कर देख लो.. 
इस दुनिया में..
शक्कर से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं!
                                             🥃🥃
तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे, शराब से भी कड़वे होते है...

🥃🥃
कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहब;
सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता !  
                                                                🥃🥃
सबसे कड़वी चीज़ इन्सान की ज़ुबान है, 
दारू और करेला, तो खामखां बदनाम हैं !

🥃🥃🥃🥃🥃🥃🥃

"बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा                                                                     जाम में क्या गिरा... बदनाम हो गया..."

"देता जब तक अपनी सफाई...                                                 वो खुद शराब हो गया....."

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो....
कुछ आदतें बुरी भी सीख ले गालिब,

ऐब न हों तो.....
लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते ....🥃🥃🥃🥃


















ADABI SANGAM ...[.481 ] .........[DOSTI PART {-2 }] .......................................................................................................................[ DECEMBER. 28--2019

दोस्ती  -- PART  -2  
--28 -12 -2019 
ADABI SANGAM 



वोह मेरा जिगरी दोस्त ही  तो था ,
जिसकी दोस्ती पे मुझे नाज़ था ,
रूठ कर वोह आज खुदगर्ज़ी से ,
है दूर मुझ से वो अपनी मर्ज़ी से


खूब लुटाई अपने दिल की दौलत ,
उसके दिल में जगह बनाने को ,
आज न जाने क्यों मिल रहा है अजनबी सा ?
उत्साह की परछाइयों का नाम है जिंदगी,
दुखों की गहराईओं का नाम है जिंदगी,


दुख बहुत होगा जब हम छोड़ के जाएंगे,
तड़पोगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे,

जब साथ बिताया समय याद आता है,
मेरी आंखों में आंसू छोड़ जाता है,

कोई और मिल जाये तो हमें न भूल जाना,
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी भर का होता  है।


दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे,
तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे,

रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा करे या न करे ।


कामयाबी हमेशा हौसलों से मिलती है,
हौसले हमेशा दोस्तों से मिलते हैं,

अच्छे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं,
और आप जैसे दोस्त तो नसीब से मिलते हैं।

पलट के देख लो इतिहास के पन्ने
दोस्ती से बड़े होते हैं इसे  निभाने वाले


तुझे टूटा हुआ देखकर ऐ दोस्त,
मैं खुद भी टूट जाता हूँ,

दिल पे काबू रख  तुझे तो समझाता हूँ,
रात की तन्हाई मैं खुद रोने बैठ जाता हूँ।


दोस्ती का वो पुराना पल याद आता है,
मेरी आँखों को भर के लौट जाता है,

हमारी दोस्ती सदा जिंदा रहे, अगर तुम भी यही चाहते हो 
 यही हमारा दिल भी चाहता है। तो फिर 
दोस्ती में धन दौलत को दूर रखिये





ज़िंदगी में बहुत मुश्किले हैं,

पर हर कोई सहारा अपना नहीं होता,


ज़िंदगी में बहुत दोस्त हैं, पर

हर कोई ख़ास हमारा नहीं होता,


पर जब से आप जैसा दोस्त मिला है,

और किसी को ख़ास बनाना गवारा नही होता।


जुबान पे उल्फत के अफसाने नहीं आते,

जो बीत गए फिर से वो फसाने नहीं आते,


यार ही होते हैं यारो के हमदर्द,

कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।


वोह मेरा जिगरी दोस्त ही तो था ,

जिसकी दोस्ती पे मुझे नाज़ था ,

रूठ कर आज खुदगर्ज़ी में ,

हो गया है दूर मुझ से वो अपनी मर्ज़ी से



न जाने क्यों हमें आंख भिगाना नहीं आता,

न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल समझाना नहीं आता,

क्यों सारे दोस्त बिछड़ गए हमसे,

शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!


हर पल हम आपके साथ हैं,

तनहाइयों में होकर भी हम आपके पास हैं,


आपका हो न हो पर हमें,

आपकी कमी का हर पल अहसास है।


मुकाम मिलने से यारी भुलाई नहीं जाती,

एक साथी मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,


दोस्तों की कमी हर पल रहती है,

तनहाइयों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।


ऐ यार तेरी यारी पर हम गर्व करते हैं,

हर समय मिलने की तलब करते हैं,


ऐसे दोस्त बहुत कम ही मिलते हैं,

जो हमसे मिलने की तलब करते हैं।


तुम बनके यार ऐसे आए ज़िंदगी मे,

के हम ये ज़माना ही भूल गये,


तुम्हे याद आए ना आए हमारी कभी,

पर हम तो तुम्हे भूलाना ही भूल गये!


यारों के बीच मैं कुछ तो सुनाना पड़ता है,

दुःख हटाकर मस्कुराना पड़ता हैं,


कभी उनके हम थे यार,

आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता हैं।


तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,

तुझसे मिले बिना तेरी हर बात बता सकता हूँ,


है मेरी दोस्ती में इतना दम, तेरी पलकों का आँसू

अपनी पलकों से गिरा सकता हूँ।


यार हर मुखड़े की चमकान होती है,

यारी ही सुख-दुःख की पहचान होती है,


कोई रूठ भी जाये तो दिल पे मत लेना,

क्योंकि दोस्ती जरा-सी नादान होती है।


किस्मत लिखने वाले एक उपकार करदे,

मेरे दोस्त की किस्मत में एक ख़ुशी और लिख दे,


न मिले कभी जख्म उसको, तू चाहे तो

उसकी तक़दीर में मेरी जान लिख दे।


मिल जाती है कितनो को मुस्कुराहट,

मिट जाते हैं कितनो के दुःख,


मैसेज इसलिये भेजते हैं हम,

ताकि न मिलने से भी अपनी यारी न हो कम।



दुश्मन को हम प्यार देते है,

प्यार पे मुस्कान को हार देते हैं,


बहुत दिमाग लगाकर हमसे कोई वादा करना.. ऐ-दोस्त

… हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है



लोगों की जरूरत महफिल में होती है,

प्यार की ज़रूरत कलेजे में होती है,


बिना दोस्त के अधूरी है हमारी ये महफ़िल,

क्योंकि दोस्त की ज़रूरत हर हाल में होती है।


साथ अगर दोगे तो हसेंगे जरूर ,

दोस्ती अगर दिल से करोगे तो साथ देंगे ज़रूर,


कितने भी काँटे क्यों ना हों दोस्ती की राहों में,

आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।



जिंदगी में कुछ दोस्त अपने बन जाते हैं,


कुछ दिल में तो कुछ आँखों में बस जाते हैं,


कुछ दोस्त धीरे से अलग भी हो जाते हैं,


पर हम जो हैं सबको दिल से चाहते हैं।



न जाने कुछ दिन बाद कैसा माहौल होगा,


हम सब दोस्तों में से कौन कहाँ होगा,


फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे सपने मे,


जैसे सूखे गुलाब मिलते है पुरानी किताबों मे।



जिंदगी की दौड़ में हम हार गए,

सारे गिले शिकवे हम पीछे छोड़ गए,


हमने हमारे अनमोल दोस्त को खो दिया,

या जिंदगी के सफर में सचमे हम हार गए।


ए दोस्त तू हमसे रुस्वा ना होना,

हमारा वक़्त ही तो है जो खराब है,


वो भी एक ना एक दिन बदल जायेगा,

बस हमेशा तुम हमारे साथ रहना।



समंदर न हो तो कश्ती किस काम की,

हंसी मज़ाक न हो तो, मस्ती किस काम की,


ये जिंदगी कुर्बान है दोस्तो के लिए,

अगर दोस्त न हो तो जिंदगी किस काम की।


न गाड़ी न बुलेट और न ही रखे हम हथियार,

एक है सीने में जिगर और दूसरे हैं जिगनी यार।


हर मर्ज़ का इलाज नही दवाखाने में,

क्योंकि कुछ दर्द चले जाते हैं दोस्तो के साथ मुस्कुराने में।


एक चाहत होती है दोस्तो के साथ जीने की जनाब,

वरना हमे भी पता मरना अकेले ही है


सोचता हूँ दोस्तो पर मुकदमा कर दूं,

कम से कम इसी बहाने मुलाकात तो होगी।


एक सच्चा दोस्त बारिश की तरह नही होता,

जो आया और चला गया,


सच्चा दोस्त तो एक हवा की तरह है,

जो साथ रहता है पर दिखाई नही देता,

बस उसे महसूस कर सकते हो।



इतिहास में लिखा है, की अच्छी किताबें

और अच्छे दोस्त जल्दी समझ नही आते।


मेरे हँसी के पीछे का दर्द समझ लेते हैं,

कुछ दोस्त ऐसे हैं जो मेरे गम को बड़ी

आसानी से ख़ुशियों में बदल देते हैं।


दीपक मिट्टी का हो या सोने का ये महत्वपूर्ण नही है,

बल्कि ये महत्वपूर्ण है की वो अंधेरे में प्रकाश कितना देता है,

उसी तरह दोस्त अमीर हो या गरीब ये महत्वपूर्ण नही है,

बल्कि ये महत्पूर्ण है की वो मुसीबत में साथ कितना देता है।



खूबसूरत से एक पल का किस्सा बन जाता है,

जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है,


कुछ लोग ज़िन्दगी में मिलते हैं ऐसे,

जिनसे कभी न टूटने वाला रिश्ता बन जाता है।


सच्चे दोस्त हमे कभी गिरने नही देते हैं,

न किसी की नज़रो में ना ही किसी के कदमो में


दोस्ती कोई खोज नही होती,

दोस्ती हर किसी से रोज नही होती,

अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को

बेबजह मत समझना, क्योंकि

पलके कभी आंखों पर बोझ नही होती।


हम दोस्ती में दरख़तों की तरह हैं साहिब,

जहाँ लग जाएं वहाँ मुदत्तो खड़े रहते हैं।


किसी भी दोस्त को अपने सारे राज़ मत बताओ,

क्योंकि जिस दिन वो दुश्मन हो गया, तो

बहुत नुकसान देगा।



दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बन कर,

बस बातें रह जाती हैं कहानी बन कर,


पर दोस्त हमेशा दिल के करीब रहते हैं,

क़भी मुस्कान तो कभी आंखों में पानी बन कर।


वक्त और हालात हमेशा बदलते रहते हैं, पर सच्चे रिश्ते और दोस्त कभी नही बदलते हैं।



मुस्कुराना ही जिंदगी नही होती,

उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नही होती,

खुद से ज़्यादा ख्याल रखना पड़ता है दोस्तो का,

क्योंकि सिर्फ दोस्त कहना ही दोस्ती नही होती।



कहो उसी से जो कहा न हो किसी से,

मांगो उसी से जो देदे खुशी से,

और दोस्ती करो उसी से जो निभाए खुशी से।



दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती है,

दोस्ती से खूबसूरत कोई तस्वीर नही होती है,

दोस्ती यूं तो कच्चा धागा है,

पर इस धागे से मज़बूत कोई ज़ंज़ीर नही होती है।


इतिहास के हर पन्ने पे लिखा है ,

दोस्ती से बड़े उसे निभाने वाले होते हैं


दोस्ती इम्तिहान लेती है








मिलते हैं लाखों इंसान दुनिया में ,

पर दोस्ती हर किसी से नहीं होती '

भीड़ में नजरें मिलें या धक्का ,

एक सॉरी भी दोस्त बना देती है


प्यार की मस्ती किसी दूकान में नहीं मिलती

अच्छे दोस्तों की दोस्ती भी हर वक्त नहीं मिलती ,

रखना दोस्ती की अहमियत दिल में सजा कर

क्योंकि यारों की यारी कभी गैरों से नहीं मिलती


लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो

की दोस्ती दिल पर सवार हो जाए ,

हम कहते हैं की दोस्ती खुल के करो इतनी ,

के दुश्मन भी यार हो जाए


तेरी मुस्कराहट मेरी पहचान थी ऐ दोस्त

तेरी ख़ुशी में ही मेरी भी शान थी ,

कुछ भी तो नहीं बचा तेरे बिना जिंदगी में

इतना तो समझ के तेरी दोस्ती ही मेरी जान थी


मैं कहूं और आप समझ जाओ वो है अच्छी दोस्ती

आप कहो और मैं सुनूँ , वो उससे भी अच्छी दोस्ती

पर मैं कुछ भी न कहूं और आप समझ जाओ

यह तो सबसे सच्ची है दोस्ती


घडी की सुईओं माफिक रिश्ता हैं मेरे दोस्तों का ,

कभी मिलते हैं कभी नहीं , पर जुड़े रहते है


ऐ दोस्त तुम पे लिखना कहाँ से शरू करू

तेरी अदा से या तेरी हया से करू ,


दोस्ती तुम्हारी इतनी खूबसूरत है मेरे लिए ,

पता नहीं तारीफ जुबान से करू या दुआ से


दुनिया दारी में हम थोड़े कच्चे हैं ,

पर दोस्ती की मामले में सच्चे हैं ,

हमारी सच्चाई की बुनियाद

सिर्फ इसी बात पर तो टिकी है ,

की हमारे दोस्त हम से भी अच्छे हैं







यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त

रह रह के बेवक़ूफ़ बनाते है दोस्त

शर्बत बोल के दारु पिला देते हैं दोस्त

पर कुछ भी कहो बहुत याद आते हैं दोस्त

प्यार करने वाले अक्सर मायूस हो जाते है


प्यार के इम्तिहान में अक्सर फ़ैल हो जाते हैं

दोस्ती के किस्से लेकिन बहुत मशहूर हो जाते हैं






वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं


विश्वास की एक महीन सी डोरी है दोस्ती ,

विश्वास बिन कोरे कागज़ सी है दोस्ती '

कभी थैंक्स कभी सॉरी पे टिकी है दोस्ती ,

न मानो तो कुछ भी नहीं , मानो तो

भगवान कृष्ण और सुदामा सी है दोस्ती


क्या फर्क हैं दोस्ती और मोहब्बत में ,

रहते तो दोनों दिल में हैं ?

लेकिन फर्क तो फिर भी है

बरसों बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है ,

और मोहब्बत नज़र चुरा लेती है





क्या फर्क दिखा तुमेह दोस्ती और मोहबत में मेरे दोस्त ?

रहते तो दोनों दिल में ही हैं , फिर भी फर्क तो हैं ,

मुद्दत बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है ,

और मोहबत नज़र चुरा मुहं फेर लेती है


ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का

हमने खुद को खुशनसीब पाया ,

तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त को पाने की

खुदा खुद ही तुम्हारी शक्ल में उत्तर आया








आँखों से आँसू क्यों छलक जाते है।

तन्हाइयों में गम क्यों याद आते है।


आँसू पोछ कर कोई ये बता दे हमसे।

दूर रहने वाले अक्सर क्यों याद आते है।


तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो 'फ़राज़'

दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला


अहमद फ़राज़


मेरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए

तू दोस्त है तो नसीहत न कर ख़ुदा के लिए


वसीम बरेलवी

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त

सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया


साहिर लुधियानवी

ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद

महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी



नासिर काज़मी

दुश्मनों से प्यार होता जाएगा

दोस्तों को आज़माते जाइए


दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं

दोस्तों की मेहरबानी चाहिए


दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब

मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं


आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं

जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं


इसी शहर में कई साल से मिरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं

उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं



ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है


हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो


इज़हार-ए-इश्क़ उस से न करना था 'शेफ़्ता'

ये क्या किया कि दोस्त को दुश्मन बना दिया


लोग दौलत देखते हैं,


हम इज़्ज़त देखते हैं,


लोग मंज़िल देखते हैं,


हम सफ़र देखते हैं,


लोग दोस्ती बनाते हैं,


हम उसे निभाते हैं.



चलो अब इस ….. ताल्लुकात को कुछ और नाम दें,

ये दोस्ती का नाम तो बदनाम हो गया..


हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नही रखते,

दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त रखते है.


लोग रूप देखते है ,


हम दिल देखते है ,


लोग सपने देखते है


हम हक़ीकत देखते है,


लोग दुनिया मे दोस्त देखते है,


हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.



मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,

कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!


दुआ करते हैं हम उस खुदा से , ऐ दोस्त ,

तू अपनी मंजिल हमसे जल्दी पा जाए


कोन कहेता है की दोस्ती बराबरी वालो में होती है..

सच तो ये है की दोस्ती में ही सब बराबरी होती है.


अच्छा दोस्त ज़िन्दगी को जन्नत बनाता है,

इसलिए मेरी कदर किया करो, वरना फिर कहते फिरोगे,

बहती हवा सा था वो यार हमारा था वो कहाँ गया उसे ढूढो.



ऐ दोस्त मै तेरी खुशीयां बाटने शायद न आ सकुं,


पर ये वादा रहा, जब गम आऐ तो खबर कर देना,


सारे के सारे ले जाउंगा.



लोग दौलत देखते हैं, हम इज़्ज़त देखते हैं,

लोग मंज़िल देखते हैं, हम सफ़र देखते हैं,

लोग दोस्ती बनाते हैं, हम उसे निभाते हैं.


जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो,

हारना तो है एक दिन मौत से,

फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!



दोस्त तो दोस्त होता है, उसकी कोई जात या धर्म नही होता,

वो ख़ुशी के टाइम पे भी गालियाँ सुनता है और बुरे टाइम पे भी।


वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं



बड़े अजीब हैं जिंदगी के यह रास्ते ,

अनजाने मोड़ों पर कुछ लोग दोस्त बन जातें हैं ,

मिलने की ख़ुशी से ज्यादा बिछड़ने का गम जरूर दे जाते हैं





दोस्ती करो तो हमेशा मुस्करा के ,

किसी को धोका न देना अपना बना के ,

मिल लो जितना भी मिलना है जब तक हम जिन्दा हैं ,

फिर न कहना चले गए दिल में यादें बसा के



प्यार और दोस्ती में इतना फर्क पाया है

प्यार ने सहारा दिया और दोस्त ने निभाया है

किस रिश्ते को बड़ा कहूं ?

एक ने जिंदगी दी और दुसरे ने जीना सिखाया है


जिंदगी बड़ी छोटी है दोस्ती निभाने को

इसको न गंवाना रूठने और मनाने में ,

दोस्ती तो कर ली है हमने आपसे

बस थोड़ा सा साथ तो दे दो इसे चलाने में


कितने अज़ीज़ हो तुम ये बताएं कैसे ,

अपनी सच्चाई आपको दिखाएँ कैसे

आपकी दोस्ती है अनमोल हमारे लिए ,

चंद लब्ज़ो में समझाएं कैसे



“इश्क के सहारे जिया नहीं करते,

गम के प्यालों को पिया नहीं करते,

कुछ नवाब दोस्त भी हैं हमारे,

परेशान न करो तो वो याद ही नहीं करते.”


दोस्ती और प्यार नदिया किनारे घूमने गए ,

प्यार नदी में जा गिरा क्यों की प्यार अँधा होता है

हैरत तो तब हुई जब उसके पीछे चलते हुए दोस्ती भी जा गिरी

क्यों ?क्योंकि दोस्ती किसी का साथ नहीं छोड़ती





क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त

क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त,

न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,

फिर क्यों ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त


वक्त की राहों में तुम भुला दो चाहे हमें,

पर हम तुमको न भूल पाएंगे,


तेरी दोस्ती की कसम ऐ दोस्त तू आवाज दे ख्वाबों में

हम हकीकत में चले आएंगे।


~आलोक अंश र


तेरे हर एक दर्द का एहसास है मुझे,

तेरी मेरी दोस्ती पर बहुत नाज़ है मुझे,


क़यामत तक न बिछड़ेंगे हम दो दोस्त,

कल से भी ज्यादा भरोसा आज है मुझे।





लोग डूबते हैं तो समुंदर को दोष देते हैं,
         मंजिल ना मिले तो किस्मत को दोष देते हैं,
खुद तो सम्भल कर चलते नहीं,
         जब लगती है ठोकर तब पत्थर को दोष देते हैं ।
जमाना क्या कहेगा ये मत सोचो...
         क्योंकि ज़माना बहुत अजीब हैं,
नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं
          और कामयाब लोगो से जलते हैं …