Translate

Friday, January 11, 2019

HINDU-HISTORY Destroyed by MUSLIM INVADERS {UN-TOLD / 07012019} ........(39)

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "

The lost glory of India






कबीर काहे को डरे, सिर पर सिरजनहार

हस्ती चढ़ी डरिये नहीं, कुकर भुसै हजार।
(कबीर भला क्यों डरे जब उनके सिर पर सृजनहार
प्रभु की छत्र छाया है।
हाथी पर चढ़ कर भला हजारों कुत्तों के भोंकने से
भी क्या डर। हाथी ज्ञान वैराग्य का प्रतीक )

Islam destroyed almost all Indian institutes of learning and research and spread their terror, fear and darkness burning and destroying all temples with libraries and thousands of schools and universities.

The school in Pushpagiri was established in the 3rd century AD as present Odisha, India. As of 2007, the ruins of this Mahavihara had not yet been fully excavated. Consequently, much of the Mahavihara's history remains unknown. Of the three Mahavihara campuses, Lalitgiri in the district of Cuttack is the oldest. Iconographic analysis indicates that Lalitgiri had already been established during the Shunga period of the 2nd century BC, making it one of the oldest Buddhist establishments in the world. 

The Chinese traveller Xuanzang (Hiuen Tsang), who visited it in AD 639, as Puphagiri Mahaviharaas well as in medieval Tibetan texts. However, unlike Takshila and Nalanda, the ruins of Pushpagiri were not discovered until 1995, when a lecturer from a local college first stumbled upon the site.

Nalanda
Nalanda was established in the fifth century AD in Bihar, India and survived until circa 1200 AD. It was devoted to Buddhist studies, but it also trained students in fine arts, medicine, mathematics, astronomy, politics and the art of war.

The centre had eight separate compounds, ten temples, meditation halls, classrooms, lakes and parks. It had a nine-story library where monks meticulously copied books and documents so that individual scholars could have their own collections. It had dormitories for students, housing 10,000 students in the school’s heyday and providing accommodation for 2,000 professors. Nalanda attracted pupils and scholars from Sri Lanka, Korea, Japan, China, Tibet, Indonesia, Persia and Turkey, who left accounts of the centre.

TEXLA 

Ancient Taxila or Takshashila, in ancient Gandhara, was an early Hindu and Buddhist centre of learning. According to scattered references that were only fixed a millennium later, it may have dated back to at least the fifth century BC.[26] Some scholars date Takshashila's existence back to the sixth century BC. The school consisted of several monasteries without large dormitories or lecture halls where the religious instruction was most likely still provided on an individualistic basis.

Takshashila is described in some detail in later Jātaka tales, written in Sri Lanka around the fifth century AD. It became a noted centre of learning at least several centuries BC and continued to attract students until the destruction of the city in the fifth century AD. 

Takshashila is perhaps best known because of its association with Chanakya. The famous treatise Arthashastra (Sanskrit for The knowledge of Economics) by Chanakya, is said to have been composed in Takshashila itself. Chanakya (or Kautilya), the Maurya Emperor Chandragupta and the Ayurvedic healer Charaka studied at Taxila

Generally, a student entered Takshashila at the age of sixteen. The Vedas and the Eighteen Arts, which included skills such as archery, hunting, and elephant lore, were taught, in addition to its law school, medical school, and school of military science. 

Vikramashila 

Vikramashila was one of the two most important centres of learning in India during the Pala Empire, along with Nalanda. Vikramashila was established by King Dharmapala (783 to 820) in response to a supposed decline in the quality of scholarship at Nalanda. Atisha, the renowned Pandita, is sometimes listed as a notable abbot. It was destroyed by the forces of Muhammad bin Bakhtiyar Khilji around 1200.

Vikramashila is known to us mainly through Tibetan sources, especially the writings of Tāranātha, the Tibetan monk-historian of the 16th–17th centuries.
Vikramashila was one of the largest universities, with more than one hundred teachers and about one thousand students. It produced eminent scholars who were often invited by foreign countries to spread Hindu learning, culture and religion. 

The most distinguished and eminent among all was Atisha Dipankara, a founder of the Sarma traditions of Tibetan Buddhism. Subjects like philosophy, grammar, metaphysics, Indian logic etc. were taught here, but the most important branch of learning was tantrism.
Other centres 
Further centres include Telhara in Bihar (probably older than Nalanda[35]), Odantapuri, in Bihar (circa 550 - 1040), Somapura, in Bangladesh (from the Gupta period to the Turkic Muslim conquest),

Sharada Peeth, now Pakistan, Jagaddala Mahavihara, in Bengal (from the Pala period to the Turkic Muslim conquest), Nagarjunakonda, in Andhra Pradesh, Vikramashila, in Bihar (circa 800-1040), Valabhi, in Gujarat (from the Maitrak period to the Arab raids), Varanasi in Uttar Pradesh (eighth century to modern times), Kanchipuram, in Tamil Nadu, Manyakheta, in Karnataka, Mahavihara, Abhayagiri Vihāra, and Jetavanaramaya, in Sri Lanka. 






















HARIVANSH RAI BACCHAN " POETRY " 2010 ...................(40)





























SO SORRY 
बड़ा ही अजीब शब्द है आज कल सॉरी इंसान कहे तो आपसी कलेश झगड़ा ख़त्म 
भगवान् कहे तो सारी कायनात ख़त्म
वकील कहे तो-- कोर्ट केस ख़त्म।
सॉरी अगर डॉक्टर बोल दे तो इंसान ख़त्म।
पर  वक्त का जवाब हमेशा लाजवाब होता है. 
 सवालों का जवाब वक्त भी देता है।
उस हर जवाब का सवाल ही जवाब होता है
रहमतों की कमी न थी परवरदिगार के खजाने में,
झाँक लेना अपनी झोली में कही कोई सुराख़ तो नहीं,

मेरा ये पैगाम उन लोगो के लिए जो मुझे समझना चाहे
वर्न समझदारों ने तो हमें पहले से न समझ मान रखा है
कोई कहता था दुनिया आपसी प्यार से चलती है,
कोई कहे दुनिया दोस्तों की दोस्ती से चलती है
लेकिन आजमाने का जब मौका मिला मुझे
अहसास हुआ, यह तो खुदगर्जी की राह पे चलती है!


किसी का अक्स पैमाना नहीं उसके प्रतिबिम्ब का
आज कल दर्पण भी थोड़ी सियासत करने लगे हैं
खूबसूरत को बदसूरत और
हैवान को इंसान बताने लगे हैं।

*कद बढ़ा नहीं करते ,* *ऐड़ियां उठाने से,*
*उचाइयां तो मिलती हैं ,* *सर झुकाने से.!!!*



YOU need power only when you want to do something, harmful. against people.. otherwise, love is enough to get everything done !!





Tuesday, January 8, 2019

HOW INDIA HAS CHANGED DURING MODI RULE 2014-2019/ 07-01-2019 ......................................41

NATIONS PRIDE IS OUR PRIDE 

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "






विरोधी पार्टी वाले सब कहते हैं कि मोदी जी ने क्या किया हैं , केवल टोलेट बनवाये झाड़ू निकाली सफाई करवाई नोट बन्दी करवाई तो आईये आज ये माँ भारती का बेटा आपको अपने मन की बात बताता है कि उस माँ भारती के प्रिय पुत्र ने इन 4 सालों में क्या किया जो आज तक के इतिहास में कोई नहीं कर पाया अवश्य पढ़ें कहीं बीच में ही छोड़ दिया तो आपकी आँखे बंद ही रह जाएंगी सो पूरा अवश्य पढ़ें ,,,,
आज तक सुशील कुमार सरावगी की हर एक टिपणी को पढा है तो इसे भी पढ़े,,,,हो सकता है इसे पढ़ने के बाद आपको मैं कांटा सा चुभने भी लग जाऊँ लेकिन कोई गम नहीं सत्य को सत्य ही कहूँगा असत्य नहीं,,,एक भी लिखित टिपणी झूठी हो तो आप मुझे प्रत्युत्तर दे सकते हैं,,
----------------------------
पहली उपलब्धी,,,,200 साल तक हमारे देश को गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में कल 53 देशों की मीटिंग में मोदीजी महा अध्यक्ष थे,,,इसी बात से हर एक भातीय का सीना गर्व से चोड़ा हो जाना चाहिए,,,

दूसरी उपलब्धी,,,,,UN मानवाधिकार परिषद में भारत की बड़ी जीत हुई है,,,सबसे ज्यादा वोटों के साथ बना सदश्य,,97 वोटों की आवश्यकता थी मिले 188 वोट,,,,अब भी भारत की जनता पूछेगी की मोदी विदेश क्यूँ जाते हैं,,,,
तीसरी उपलब्धी,,,,दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी,,,भारत आया नम्बर चार पर हमसे आगे अमेरिका, रूस और चीन है,,,ये है मोदी युग,,,

चौथी उपलब्धी,,,,1 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टेक्स कलेक्शन,,,,,ये है एक चाय बेचनेवाले का अर्थशास्त्र,,,

पाँचवी उपलब्धी,,,,नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में अमेरिका और जापान को पिच्छे छोड़ भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर,,,,

छठी उपलब्धी,,,,,2017,18 में दोगुना हुआ सौर ऊर्जा का उत्पादन,,,,
चीन और अमेरिका भी दंग है,,,भारत की आसमान छू रही GDP को देखकर,,,
भारत की GDP 8.2%
चीन की 6.7%
अमेरिका की 4.2%
अब भी कहेंगे भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाता है,,,

सातवीं उपलब्धी,,,,जल थल ओर आकाश तीनों क्षेत्र से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला दुनियाँ का पहला देश बना भारत,,,ये है मोदी युग,,,अगर आपको गर्व हुआ हो तो जयहिन्द लिखना न भूलें,,,,

आठवी उपलब्धी,,,,,70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा,,लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई के व्यापार का जरिया भारतीय नकली नोटों का व्योपार था,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया,,,

दसवीं उपलब्धी को भी पढ़ें,,,,,,एक बात समझ में नहीं आयी,,,
2014 में ऐ.के. एंटोनी ने कहा था देश कंगाल है हम राफेल तो क्या छोटा जेट भी नहीं ले सकते,,,,
मोदी जी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया,,
राफेल डील भी करली,,
S 400 भी ले रहे हैं!
आखिर कोंग्रेस के टाइम पर देश का पैसा कहाँ जाता था,,,?

ग्यारवीं उपलब्धी,,,,सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच,,,
जम्बू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो,,,

बारवीं उपलब्धी,,,,,अब आपको बताता हूँ भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ,,,
अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पिच्छे धकेल नम्बर 6 बना,,,

तेरवीं उपलब्धी,,,,,ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना,,,

चौदवीं उपलब्धी,,,,,,,बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना,,,

पन्द्रहवीं उपलब्धी,,,,,टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

सोलहवीं उपलब्धी,,,,,मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

सतरहवीं उपलब्धी,,,,,स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

अठारहवीं उपलब्धी,,,,,,चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना,,,
इसको कहते हैं मोदी युग
मोदी सरकार में घाटी से हो रहा है आतंकियों का सफाया,,,
लश्कर ए तैयबा के आतंकी नवीद जट को मार गिराया,,,
हिज्बुल से जुड़े 2 आतंकी ढेर,,
8 महीनों में 230 आतंकियों को जहनुम में पहुंचाया,,,

कोंग्रेस राज में आतंकी दहशत फैलाते थे
मोदी राज में सेना आतंकियों के लिए दहशत बनी हुई है,,,
ये है मोदी राज का फार्मूला,,,,

मोदी जी की बढ़ती हुई ख्याति से सारा विपक्ष बौखला गया है कि अब उनके भृष्टाचारी हथकंडे कामयाब नहीं हो सकते तब एक अभिमन्यु का वध करने के लिए सारे भृष्टाचारिता के महारथी एक होकर चक्रव्यूह की रचना कर रहे हैं 2019 में मोदी को हराने के लिए,,,लेकिन उन भृष्टाचारी महारथियों को यह नहीं मालूम कि द्वापर के अभिमन्यु की चक्रव्यूह भेदन की शिक्षा माँ के गर्भ में ली गयी थी और वो भी केवल घुसने की बाहर निकलने की नहीं लेकिन इस मोदी रूपी अभिमन्यु ने चक्रव्यूह के भेदन व उसे चकनाचूर करने की शिक्षा माँ के गर्भ से बाहर आकर इस माँ भारती से ली है जो अजेय है पराजेय नहीं है,,,,
आइए आज हम सब मिलकर एक संकल्प लेते हैं कि इस माँ भारती के पुजारी को 2019 में इतने भारी बहुमत से विजयी बनावें की वह आंकड़ा गिनीज बुक में दर्ज होकर रह जावे जिस आंकड़े को कोई छू भी न सके,,,,,
नमो नमो का उदघोष करते हुए 2019 में मोदी जी को वापस भारत का शहनशाह बनावें,,,,
(संजय जी की वाल से साभार