रोये थे वो इस कदर उनकी लाश से लिपटकर,
उनकी साँसों की गर्म तपिश सह न सकी वो ,
कि लाश खुद उठ कर बोली, हट पीछे ,
"ले तूँ ही मर ले पहले, मरने भी न दिया चैन से ,
..उपर ही चढे जा रहा था इतनी गर्मी में।"
ऐसा भी नहीं कि ,ज़िन्दगी बहुत छोटी है....
दरअसल है तो बहुत बड़ी यह दोस्तों ,पर
हम इसे छोटे २ शिकवों में गुजार देते हैं
कहते तो इसे हम जिंदगी ही है लेकिन ,
बहुत कम लोग है इस दुनिया में ,
जो ठीक से इसे जी पाते हैं ,,,,,,,
क्या ख़ूब लिखा है किसी ने ...
"बक्श देता है 'खुदा' उनको, मगर ... !
जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !!
लेकिन वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते , .
जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"
न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा,
न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक'
मेरा होगा ... !! फिर भी। ..
गुरुर न कर इस "शाह-ए-शरीर" का, एक दिन ... !
मेरा भी 'खाक' होगा, और तेरा भी 'खाक'
होगा ... !!
जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड'में जीने वालों ... !
याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !!
कोई रो कर अपना 'दिल बहलाता' है ... !
और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !!
क्या करामात है 'कुदरत' की, ... !
'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और
'मुर्दा' तैर के किनारे पे लग जाता है ?
'
मौत' को देखा तो नहीं मैंने ,
पर शायद 'वो' बहुत "खूबसूरत" होगी, ... !
"कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है,
"जीना ही छोड़ देता है" ..
फिर किसी और से मिलता ही नहीं ?
'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की इस ज़माने में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने में" ..
'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री"होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से
ना जाने उनसे कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" .
कहने को तो थे,, खून के रिश्ते हमारे उनसे ;;;;;;;पर
उन की दुश्मनी से भी अब मोहब्बत सी होने लगी है।
वक़्त के तराजू पे ,जैसे जैसे अपनों को आजमाते चले गए ,
तैसे तैसे गैरों की तरह तनहा होते चले गए
कहते है न की जब भी कोई बुरा कर्म करता है तो उसकी नाक झुक जाती है या कट जाती है तो मुलायम जी के साथ यह तो हो रहा है , उनका ट्रेड मार्क ही यह है की नाक कटवाओ या हार्ड हो तो मोड़ के काम चलाओ पर हर्कतो से बाज़ मत आओ
मैं एक गाय हूँ , मुझे याद है तुम मुझे माता बुलाते थे ?
मैंने बहुत दूध पिलाया है तुमको , आज मैं बूढी हूँ तो क्यों
मै कत्लखानों मै कसाइयों के सम्मुख ठेल दी जाती हूँ।
मेरे दूध से तुम इतने बलिष्ट हुए , मैंने अपने बच्चे के ,
मुख से छीन कर दूध तुमेह पिलाया और आज मेरा यह हाल क्यों ?
चार दिनों तक मुझे भूखा रखा जाता है ताकि मेरा हीमोग्लोबिन,
गलकर माँस से चिपक जाये। फिर मुझे घसीट कर
लाया जाता है क्योंकी मै भूख से मूर्छित रहती हूँ।
मुझ पर 200 डिग्री सेल्सियस गरम वाष्प में
उबलता हुआ वाष्प पानी डाला जाता है।
मै सिहर के जलन से तडप उठती हूँ ..सोचती हूँ मेरा कसूर क्या था ?
हे ! मेरा दूध पीने वालों मै तुम्हे याद करती हूँ ।
क्या मेरे दूध का क़र्ज़ ऐसे उतारोगे ?
दूध के साथ साथ मेरा गोश्त भी खा जाओगे ? हैमबर्गर बना के ?
मुझे कठोरता से पीटा जाता है ताकि, मेरा चमडा आसानी से उतर जाये।
मेरी दौनो टाँगे बाँध कर मुझे उल्टा लटका दिया जाता है।
फिर मेरे बदन से सारा चमडा निकाल लिया। जाता है।
सुनों मनुष्यों के भेष में जल्लाद , अभी भी मैने
प्राण नहीं त्यागे है।मैंने उमीदें भी नहीं छोड़ी है ,
मै मजबूर निगाहों से देख रहीं हूँ शायद इन कसाइयों के मन में
मनुष्यता का कोई संस्कार जाग जाये !
किन्तु इस समय मुझसे पोषित होने वाला,
कोई भी मानव मुझे बचाने नहीं आता।
मेरे चमडे की चाहत रखने वाले दुष्ट कसाई ,
मेरी जीवित अवस्था में ही मेरा चमडा
उतारना आरम्भ कर देते हैं कुछ भी दया नहीं करते
मेरी चींखों का उन पे कोई असर नहीं पड़ता।
और तडप तड़प कर मै प्राण त्याग देती हूँ...
इस पावन और पवित्र भारत भूमी पर, नेता लोग सिर्फ नारे लगाते रहे
ऐसा कोई नहीं है क्या जो धर्म और कानून का पालन कर,
मेरे प्राण बचाये। तुम्हारे द्वारा किये गये
क्रूरतम हत्याचारों को सहकर भी मै
तुम्हे श्राप भी नहीं दे सकती .................
क्योंकि मै एक माँ हूँ ना.... पर
कुदरत के असूलों पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है ,
इस पाप की सजा तुमेह खुद कृष्ण कन्हैया देगा।
फिर तुम्हे कोई भी नहीं बचा सकेगा ,
मैं चाहूँ तो भी नहीं ''''''''''''''''
अच्छा , अब मेरे से बोला नहीं जा रहा मेरे सांस रुकने लगे है
मैं चलती हूँ इस दुनिया से दूर बहुत दूर जहाँ इंसान न हो
अगर आप भी गौमाता से प्यार करते हैं
और आपने कभी भी गौमाता का दूध पिया है
तो इस मेसेज को शेयर करके थोडा बहुत दूध का कर्ज
चुकता करे.......!!!! सर्व हिन्दू कि एक पुकार....!
गौ हत्या अब नहीं स्वीकार....!!
गौमाता की यह पीड़ा जन जन तक
पहुँचाने के लिये केवल 2 मिनट का
समय निकाल कर दोस्तों को
शेयर जरुर करें.........जय गौमाता कि...
जय श्री कृष्णा ...जय श्री राम ...
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जब से कुमार विश्वास को कौन बनेगा करोड़ पति से न्योता , अमिताभ बच्चन जी ने भेजा है , केजरी वाल का भेजा भी चक्कर खा गया , की उनका चेला हॉलीवुड और ओक्सफोर्ड में लेक्चर देने को बुलाया गया है और मुझे क्या मिला ?आम आदमी बन कर ?
केजरीवाल निर्मल बाबा के दरबार में गए ...
केजरीवाल : बाबा कुछ ऐसा उपाय सुझाएँ जिससे मेरा भी चुनाव कम से कम बिग बॉस में तो हो जाये..... बाबा आपकी बड़ी कृपा होगी ... वरना मैं तो थप्पड़ खा खा के मेरे गाल ही सूज गए हैं और इलेक्शन में भी हार गया हूँ , कुछ पैसा ही बन जाये , माकन का किराया , बच्चों की पढाई के लिए भी पैसा चाहये
निर्मल बाबा : अच्छा सुनो , पिछली बार थप्पड़ कब खाया था ...?
केजरीवाल : लोकसभा - 2014 के समय पर ...
निर्मल बाबा : अभी कुछ और थप्पड़ खाओ। .... बीच बीच में समोसे भी खाते रहना , पोदीने की चटनी डाल के , कृपा बरसने लगेगी ..
केजरी वाल :- बाबा आप तो नरेंदर मोदी जैसी लम्बी लम्बी छोड़ रहे हो , बड़े मजाकिया हो गए हो
हम सब रोज़े पर हैं , सुना है यहाँ रोटी मिल रही है ? थोड़ी जबरदस्ती हम से भी हो जाती तो हम भी ''''..........