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Thursday, November 6, 2014

SHRI GURU NANAK DEV JI : 10102018 ........................................................................................................................54


ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੀ ਵਾਨੀ 





NOVEMBER 6, 2014 GURU PURAB

*.जन्मः1469ईस्वी
*.जन्म स्थानः राये भौंए की तलवण्डी,ननकाणा साहिब(पाकिस्तान)
*.माता जी का नामः माता तृप्ता जी
*.पिता जी का नामः महता कालू जी
*.बहिन का नामः नानकी जी
*.विवाह कब हुआः1487
*.पत्नी का नामः सुलखनी जी (सुलक्षनी देवी जी)
*.कितनी सन्तान थीः दो पुत्र*
.सन्तानों का नामः 1. श्रीचन्द जी2. लखमीदास जी
*.बड़े पुत्र श्रीचन्द का जन्म कब हुआः1494
*.छोटे पुत्र लक्ष्मीदास का जन्म कब हुआः1496
*.अध्यापकों के नामः गोपाल दास,बृजलाल,मौलवी कुतुबददीन
*.कितनी प्रचार यात्राएँ(उदासियाँ)कीः4यात्राएँ
*.पहली प्रचार यात्रा कब कीः1497
*.दूसरी प्रचार यात्रा कब कीः1511
*.तीसरी प्रचार यात्रा कब कीः1516
*.चौथी प्रचार यात्रा कब कीः1518
*.गीता का पाठ कितनी उम्र में सुनाया थाः8वर्ष
*.पहली उदासीः सनातनी हिन्दू धार्मिक केन्द्रों की ओर
*.दूसरी उदासीः बौद्ध धार्मिक केन्द्रों की ओर
*.तीसरी उदासीः योगियों और नाथों के धार्मिक केन्द्रों की ओर
*.चौथी उदासीः इस्लामी धार्मिक केन्द्रों की ओर
*.गुरबाणी का बीज बोया
*.एक ओंकार की स्तुति
*.संगत-पंगत की स्थापना
*.गुरू परम्परा की शुरूआत
*.परमात्मा का नाम जपने को ही सच्ची आरती बताया।
*.मुख्य बाणीः श्री जपुजी साहिब जी(पाँच बाणी के पाठ में शामिल है)
*.बहिन नानकी के पति(जीजा)का नामः जैराम
*.बाणी में योगदानः974शबद19रागों में*.
मूलमँत्र के कर्ताधर्ता
*.दूसरा गुरू किसे बनायाः भाई लहणा(श्री गुरू अंगद देव जी)
*.सबसे पहले संगत या गुरूद्वारे की स्थापना श्री करतारपुर साहिब जी में की।
*.भाई मरदाना जी हर समय इनके साथ ही रहते थे।
*.सबसे पहला मिशनरी केन्द्र(मन्जी)भाई लालो के घर में जो कि पश्चिम पँजाब में है,स्थापित किया था।
*.उस पर्वत का नाम जहां पर सिद्धों से गोष्ठि हुई थीः कैलाश(सुमेर पर्वत)
*.सिद्धों के संवाद गुरबाणी में किस नाम से दर्शाए गए हैः सिद्ध गोष्ठि
*.किस शासक के समकालीन थेः बाबर
*.गुरू जी अपनी प्रचार यात्रा के दौरान जब गोरखमत्ता पहुँचे तो वहाँ के योगियों ने उस स्थान का नाम नानक मत्ता ही रख दिया।
*.कौनसा नगर बसायाः श्री करतारपुर साहिब जी
*.जोती-जोत कब समाएः1539
*.जोती जोत कहाँ समाएः श्री करतारपुर साहिब जी श्री गुरू नानक देव जी















Wednesday, October 1, 2014

MEDIA BLUNDERS - 250216 .......... मीडिया का घालमेल ..........................................................................................55

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "

प्रसिद्ध हास्य   कलाकार चार्ली चैपलिन 

मीडिया का घालमेल 
हर घटना कुछ कहती है , यह जो राजदीप सरदेसाई और सागरिका घोष का पति पत्नी से लेकर आज तक के घटना क्रम तक, सिर्फ घोटाला और भ्रस्टाचार ही है इन दोनों ने देश को कितना बेवकूफ बनाया है अब धीरे धीरे सामने आने लगा है , यह कांग्रेस के ही कुत्ते हैं और उन्ही की बदौलत भारत में अपनी इतनी गहरी जडे सिर्फ और सिर्फ भ्रष्ट चार कर के ही पहुंचे हैं , जो यह लोग अमेरिका में करने जा रहे थे सब कांग्रेस का ही प्लान था , क्यों की कांग्रेस पार्टी के बहुत आर्थिक जुड्डाव हैं इन चैनल्स के साथ और कुछ छुपे हुए स्लीपिंग पार्टनर्स भी

दोस्तों , जानिये राजदीप सरदेसाई और उसकी पत्नी सागरिका घोष की सच्चाई...
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टाइम्स ऑफ इंडिया के मालिक समीर जैन के उपर एक ताकतवर नौकरशाह प्रसार भारती के महानिदेशक भाष्कर घोष का बार बार दबाव आता था की मेरी बेटी सागरिका घोष और मेरे दामाद राजदीप सरदेसाई को टाइम्स ऑफ़ इंडिया का सम्पादक बनाओ ..बदले में सरकारी फायदा लो .. अपने सम्पादक को बुलाया और कहा- ‘‘पडगांवकर जी, अब आपकी छुट्टी की जाती है .... क्योकि मुझे भी अपना बिजनस चलाना है .. एक नौकरशाह की बेटी और उसके बेरोजगार पति जिससे उसने प्रेम विवाह किया है उसे नौकरी देनी है वरना सरकारी विज्ञापन मिलने बंद हो जायेंगे ....


भाष्कर घोष का एक और सगा रिश्तेदार था प्रणव रॉय ... ये प्रणव रॉय अपने अंकल भाष्कर घोष की मेहरबानी से दूरदर्शन पर हर रविवार "इंडिया दिस वीक" नामक कार्यक्रम करते थे .... उसकी पत्नी घोर वामपंथी नेता वृंदा करात की सगी बहन थी ...

उस समय दूरदर्शन के लिए खूब सारे नये नये उपकरण और साजोसमान खरीदे जा रहे थे ..उस समय विपक्ष के नाम पर सिर्फ वामपथी पार्टी ही थी बीजेपी के सिर्फ दो सांसद थे ..
प्रणव रॉय ने अपने अंकल भाष्कर घोष के कहने पर न्यू देहली टेलीविजन कम्पनी लिमिटेड [एनडीटीवी] नामक कम्पनी बनाई और दूरदर्शन के लिए खरीदे जा रहे तमाम उपकरण धीरे धीरे एनडीटीवी के दफ्तर में लगने लगे ... और एक दिन अचानक एनडीटीवी नामक चैनेल बन गया ... बाद में भाष्कर घोष पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे जिससे उन्हें पद छोड़ना पड़ा लेकिन जाते जाते उन्होंने अपनी बेटी सागरिका और उसके बेरोजगार नालायक प्रेमी से पति बने राजदीप सरदेसाई की जिन्दगी बना दी थी ...

फिर कुछ दिन दोनों मियां बीबी एनडीटीवी में रहे .. बाद में राघव बहल नामक एक कारोबारी ने "चैनेल-सेवेन" जो बाद में आईबीएन सेवेन बना उसे लांच किया और ये दोनों मियां बीबी आईबीएन सेवेन में आ गये ... इन दोनों बंटी और बबली की जोड़ी ने अपने पारिवारिक रसूख का खूब फायदा उठाया ...आईबीएन में सागरिका घोष की मर्जी के बिना पत्ता भी नही हिलता था क्योकि सागरिका घोष की सगी आंटी अरुंधती घोष हैं -अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि थी -CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है। -GBN टर्नर इंटरनेशनल और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है। भारत में सीएनएन के पीछे अरुंधती घोष की ही लाबिंग थी जिसका फायदा राजदीप और सागरिका ने खूब उठाया |

सागरिका घोष की बड़ी आंटी रुमा पाल थी जिनके रसूख का फायदा भी इन दोनों बंटी और बबली की जोड़ी ने कांग्रेसी नेताओ के बीच पैठ जमाकर उठाया ... रुमा पाल भले ही सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ जज थी लेकिन उनके फैसले के पीछे सागरिका घोष और राजदीप की दलाली होती थी ...

बाद में वक्त का पहिया घुमा ... देश में मोदीवाद उभरा .. आईबीएन को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया .. और इन दोनों दलालों बंटी राजदीप और बबली सागरिका को लात मारकर भगा दिया ... कुछ दिनों तक दोनों गायब रहे फिर बाद में अरुण पूरी के चैनेल आजतक पर नजर आने लगे ....

यही है इस न्यूयॉर्क के खलनायक की सच्ची कहानी .

Monday, September 15, 2014

SOME SOCIAL EVENTS WITH CLASSIC STORYS 16102020- 01012019-- 250216--A .....................................................56















250216--A


"LIFE BEGINS HERE AGAIN "
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जब हम मर जाते है, हमारा कमाया हुआ पैसा बैंक में या घर की तिजोरी में ही रह जाता है।   जब हम जिंदा रहते हैं तब हमें ये पैसा कम लगता है और इसको बढाने में लगे रहते है और खर्च नहीं करते है।

एक चीनी धनवान मर गया और अपनी विधवा को करीब 190 अरब डालर छोड़ गया। उसकी विधवा ने उनके ड्राईवर से शादी कर ली। कुछ समय बाद ड्राईवर की बीवी भी मर गयी।

ड्राईवर ने कहा " मै सारी उम्र ये सोचता रहा के मै अपने मालिको के लिए काम करता हूँ लेकिन आज मुझे ऐसा लग रहा है की मालिक लोग मेरे लिए काम करते थे "

एक कटु सत्य : ज़िन्दगी जायदा उम्र तक जीना और स्वस्थ रहना जायदा जरूरी है बजाय के अधिक धन संचय के।

जीवन की कुछ सचाइयां :
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** एक महंगे मोबाइल फ़ोन के 70% features ( आकर्षण) हम उपयोग ही  नहीं कर पाते।

** एक बहुत महंगी कार की 70% रफ़्तार की हमें जरूरत नहीं है।

** एक आलीशान बंगले का हम 70% उपयोग नहीं कर पाते।

** एक कपड़ो से भरी अलमारी के 70% कपडे हम नहीं पहन पाते।

** एक पूरी ज़िन्दगी की कमाई का 70% हम दुसरो के उपयोग के लिए छोड़ जाते हैं।

** इसलिए हम जो 30% का उपभोग करते हैं उसका पूर्ण उपयोग करे और इसमें ही    ---***सीमित रहने का प्रयास करे। और अंत में मित्रो
थोडा है थोड़े की जरूरत है।
जियो दिल से दोस्त  ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा " जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये, जीने का शौक भी रखिये "

शमशान ऐसे लोगो की राख से भरा पड़ा है जो समझते थे दुनिया उनके बिना चल नहीं सकती
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मैंने भगवान से वरदान माँगा
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो,
अचानक दोस्त
कम हो गए...

º•○●º•○●º•○●º•○●º•○●

" जितनी भीड़ ,बढ़ रही ज़माने में..।
लोग उतनें ही,  अकेले होते जा रहे हे...।।।

º•○●º•○●º•○●º•○●º•○●

इस दुनिया के लोग भी कितने
अजीब है ना ;  सारे खिलौने छोड़ कर
जज़बातों से खेलते हैं...

º•○●º•○●º•○●º•○●º•○●

किनारे पर तैरने वाली  लाश को देखकर
ये समझ आया...   बोझ शरीर का नही
साँसों का था....

º•○●º•○●º•○●º•○●º•○●

दोस्तो के साथ जीने का इक मौका
दे दे ऐ खुदा... तेरे साथ तो हम मरने के बाद
भी रह लेंगे....

º•○●º•○●º•○●º•○●º•○●

“तारीख हज़ार
साल में बस इतनी सी बदली है…
तब दौर पत्थर का था अब लोग
पत्थर के हैं..."

º•○●º•○●º•○●º•○●º•○●

हम वक्त और हालात के
साथ 'शौक' बदलते हैं,,
दोस्त नही ... !!



󾬏 बड़ा महत्व है एक बार पढ़ के तो देखो.
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ससुराल में साली का  बाग़ में माली का
होंठो में लाली का  पुलिस में गाली का
मकान में नाली का कान में बाली का
पूजा में थाली का खुशी में ताली का------

बड़ा महत्व है

फलों में आम का भगवान में राम का
मयखाने में जाम का फैक्ट्री में काम का
सुर्ख़ियों में नाम का बाज़ार में दाम का
मोहब्ब्त में शाम का-------
बड़ा महत्व है

व्यापार में घाटा का लड़ाई में चांटा का
रईसों में टाटा का  जूतों में बाटा का
रसोई में आटा का----
-बड़ा महत्व है

फ़िल्म में गाने का  झगड़े में थाने का
प्यार में पाने का  अंधों में काने का
परिंदों में दाने का-----
बड़ा महत्व है

ज़िंदगी में मोहब्ब्त का  परिवार में इज्ज़त का
तरक्की में किसमत का  दीवानो में हसरत का--
----बड़ा महत्व है

पंछियों में बसेरे का  दुनिया में सवेरे का
डगर में उजेरे का  शादी में फेरे का-
-----बड़ा महत्व है

खेलों में क्रिकेट का  विमानों में जेट का
शारीर में पेट का  दूरसंचार में नेट का-----
बड़ा महत्व है

मौजों में किनारों का  गुर्वतों में सहारों का
दुनिया में नज़ारों का  प्यार में इशारों का-
-----बड़ा महत्व है

खेत में फसल का  तालाब में कमल का
उधार में असल का  परीक्षा में नकल का-----
बड़ा महत्व है

ससुराल में जमाई का  परदेश में कमाई का
जाड़े में रजाई का  दूध में मलाई का ----
-बड़ा महत्व है

बंदूक में गोली का  पूजा में रोली का
समाज में बोली का  त्योहारों में होली का
श्रृंगार में चोली का----
-बड़ा महत्व है

बारात में दूल्हे का  
रसोई में चूल्हे का-------
बड़ा महत्व है

सब्जियों में आलू का  बिहार में लालू का
मशाले में बालू का  जंगल में भालू का
बोलने में तालू का-------बड़ा महत्व है

मौसम में सावन का  घर में आँगन का
दुआ में दामन कालंका में रावन का------
-बड़ा महत्व है

चमन में बहार का  डोली में कहार का
खाने में अचार का  मकान में दीवार का----
-बड़ा महत्व है

सलाद में मूली का  फूलों में जूली का
सज़ा में सूली का  स्टेशन में कूली का----
--बड़ा महत्व है

पकवानों में पूरी का  रिश्तों में दूरी का
आँखों में भूरी का  रसोई में छूरी का ---
-बड़ा महत्व हैै

LAST ONE
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खेत में साप का  सिलाई में नाप का
खानदान में बाप का
और
FACEBOOK पर आप का----
बड़ा महत्व है


कुछ न कुछ महत्व जरूर होता है  कुछ इसे समझते हैं और कुछ

हमारी जिंदगी में हर चीज़ को ,  समझ के भी नादाँ बने रहते हैं ?