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Monday, December 19, 2011

SHERO SHAYARI HINDI MEIN

"LIFE BEGINS HERE AGAIN "







Time decides who you meet in life,
Your heart decides who you want in your life,
But your behavior decides who will stay in your life.



समय का चक्र जब चलता है , तभी कोई आकर हमसे मिलता है ,
मिलना कभी युहीं चाहत से नहीं , सिर्फ दिलकी चाहत से होता है ,
दिलों की धड़कन बढ़ जाती है , जब इसमे कोई शक्से खास रहता है
अपनी फितरत को हमेशा जायज ही रखना , वफ़ा से मजाक भी नहीं

,वरना दिल्लों का आशिया उजडने में ,वक़्त बहुत ही कम लगता है ?


पत्थर जैसा दिल भी न हो ,किसी का इस दुनया में
बिखरे हुए सपने भी , न हो किसी की तक़दीर में ,
जो कोई किसी को चाहे , वो उसी का हो जाये ,
इंतज़ार उम्र भर का , कभी न हो किसी की जागीर में
प्यार करो तो हमेशा मुस्कुरा के


प्यार करो हमें तो हमेशा मुस्कुरा के करना ,
मुझे  धोखा ना देना तुम ,कभी अपना बना के
कर लो हमें याद, जब तक दुनिया में  हम ज़िंदा है !
फिर ना कहना की कहाँ  चले गये न  बताके  ?
डरता हू कहीं मैं पागल ना हो  जाऊं
अपनी तन्हाई के सियाह  अंधेरों में ?
 समय से पहले ही रुखसत न हो जाऊं ,

कहीं घबरा के अपने गर्दिशें गुबारों में ?
डूबने  वाले  को  एक  तिनके  का  सहारा  मिल  गया ..
और  तिनके  को  भी  कोई  डूबने  वाला  मिल  गया ...
यह  ज़िन्दगी  भी  भरोसे  और  धोके  का  खेल  है ...
किसी  पे  मिट  गया कोई  तो,किसी ने उसे ही मिटा डाला?


Time decides who you meet in life,
Your heart decides who you want in your life,
But your behavior decides who will stay in your life.
समय का चक्र जब चलता है , तभी कोई आकर हमसे मिलता है ,
मिलना कभी युहीं चाहत से नहीं , सिर्फ दिलकी चाहत से होता है ,
दिलों की धड़कन बढ़ जाती है , जब इसमे कोई शक्से खास रहता है
अपनी फितरत को हमेशा जायज ही रखना , वफ़ा से मजाक भी नहीं

,वरना दिल्लों का आशिया उजडने में ,वक़्त बहुत ही कम लगता है ?

आज जब मुद्दतों के बाद , उनकी कोई खबर आई ...,
लगा तन्हाई में रहते रहते ...जैसे बज उठी कोई शेहनाई
फिर से ज़िन्दगी को जीने की , वजह भी नज़र आई ...


"जिस दिन भी मेरे साथ , कोई हादसा नहीं होता.....
जिंदगी का ,जिन्दा होने का कोई एहसास नहीं होता
दहशत में सारी रातें और दिन मेरे गुजरते हैं,सोच कर
कि, कहीं ....ये ..किसी बडे हादसे कि तेयारी तो नहीं
जैसे तूफ़ान के आने से पहले की ख़ामोशी तो नही ?


कैसे कह दूं की तेरी रहमत का , कोई ठौर ठिक्काना नहीं है ,
तुजेह याद न करने का मेरे पास कोई बहाना भी तो नहीं है !
लोगों क़ी बेवजह शिकायतों से मेरा क्या वास्ता ......?.....
जब भी पुकारा है दिल से ,मैंने तुझे अपने करीब ही पाया है
मौन खड़ा रहता हूँ और ,देखता रहता हूँ इस असीम सागर में
इन उठने वाली असंख्य लहरों को जो निरंतर खेलती रहती है .
क्या ये तेरे वजूद क़ी वजह से भी कम तर है ?.........................

सागर की छाती पर  ,एक के बाद एक
बढती आती हैं , तीव्रवेग से धकेलती
उठती, उभरती, और छलाँगें भरती।
मानो प्रत्येक इसी कोशिश में लगी  है
कि एक दूजे से आगे ही निकलती जाए
ओह यह कैसी आपाधापी छाई है यहाँ ,?
यह प्रतिद्वन्दिता की भावना भरी ,फिजायें 
जहाँ देखो जिधर देखो दूसरों को पीछे छोड़
 जबर दस्ती स्वयं आगे बढ़ जाने का दौर
 क्या यही भगवान राम का राम राज है ?
 

हैरत है क़ी  कोई भी रूक कर,किसी का  ,
हल चाल पूछने  की बात  भी नहीं करता
जो भी पीछे से आता है ,धक्का मुक्की से
गिरा के सब को ,आगे बढा चला जाता  है
शायद जीवन का रहस्य यही होगा ,     ?
जो मैं आज तक ,अपने संस्कारों के बोझ 
तले दबा ,समझ ही न पाया  था ?

जो सबको लूट ता है  ,रोंद्ता है  ,
दबाता  हुआ आगे बढ़ जाता  है 
वोही इंसान दुनिया में , पूजनीय ,
 बाकी  सब निंदानिये कहलाते । /
 आज पहला नवरात्र है , हम माँ भगवती की स्तुति करते हुए उपवास भी रखते हैं और उसे हर प्रकार से प्रस्सन्न करने की कोशिश भी  करते है ताकि हमे हर सुख सुविधा, धन दौलत जीवन भर  मिलती रहे ?हमसे जो बन पड़ता है अपने तन ,मन , धन  से सेवा करते हैं .पर उस जनम दात्ती माँ का क्या ? जिसने अपनी सारी उम्र अपनी खुशियों को हम पर न्योछावर कर के हमारा लालन पालन किया और हमारे साथ हर दुःख सुख में ,हमे जीवन में उस मुकाम तक पहुंचा दिया . लेकिन हमारे पास उसकी इस त्याग का मोल लगाने के लिए "तन ,मन ,धन और समय ,सब का आभाव बना रहता है , अपनी आर्थिक सिथति का उसे लाभ देने में हम पर बोझ पडने लगता है ?इस न समझ   एहसान फरामोशी  से माँ भगवती कभी भी आपकी भेंट सविकार नहीं करेगी ! "सबको नवरात्रों के अवसर पर एक शुभ सन्देश और बधाई !"   

लोगों को शुभ—कामनायें देने का                                                                 है बढ़ रहा रिवाज फिर क्यों बढ़ रही ,लोगों के सिसकने की आवाज ?आओ, लोगों के प्रति शुभ—कामनायें रखने का भी अभ्यास करें ,छोटे—से इस जीवन में ,शुभ—कर्मों पर बड़ा विश्वास करें!


 

 कोई काँटा चुभा नहीं होता
दिल अगर फूल सा नहीं होता

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता

गुफ़्तगू उन से रोज़ होती है
मुद्दतों सामना नहीं होता

जी बहुत चाहता सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता

रात का इंतज़ार कौन करे
आज कल दिन में क्या नहीं होता


देख  लेते  हैं  चलो  होसला भी  आपका ?
और  कुछ  रोज़  तेरे  साथ  गुज़ारा  करके
बातों  बातों  में  बिचार्ने  का  इशारा  करके
खुद  भी रोया वोह बुहत ,हम से किनारा करके
सोचता  रहता  हूँ  तन्हाई  में  अंजाम -ऐ-ख़ुलूस
फिर  उसी  जुर्म -ऐ -मोहब्बत  को  दोबारा  करके

किस  को  किस  के  गम  ने  मारा ये किस्सा फिर सही ,
 किस  ने  तोडा  दिल  हमारा  ये  कहानी भी फिर  सही . 
हँसते हँसते किस ने किस को सहा यह कहानी भी फिर  सही . 
आशियाँ  बना  तो  लिएं हो ,  लेकिन  क्या  करिए गा ? ,
 बिजली जहाँ  गिरती  है  हर  बार  गिरती  है .
 .


वह मेरा खास अपना था
ज़मीन पे जो चल न पाया था ,
अब आसमान से भी गया
कटा के अपने पर अब तो ,
परिंदा उड़ान   से भी गया ?
भुला दो उसकी हर नादानी को ,
अब तो वह शख्स मेरे ख्याल से भी गया
उसका हर तीर निशाना तो चूका ही ,
अब तो वह कमान से भी गया ?
उसने जो किया वह माफ़ी के काबिल ही नहीं
वह मेरा खास दोस्त था  कल तक ,
आज  तो वो मेरी दोस्ती  से भी गया

जिंदगी इक  चाहत का सिलसिला है ,
कोई मिल जाता है , कोई खो जाता है
कोई रूठ के दूर चला जाता है तो ,
कोई पास होकर भी दूर नज़र आता है
कोई रूठने में लुत्फ़ उठाता  है और,
 मनाने में भी उनेह मज़ा आता है ,
कोई हमें छोड़ देना चाहता है और,
 कोई हमें पाने की कोशिश में लग जाता है ?
वक़्त के साथ चले थे बहुत से मगर
मायूसी  में ,कुछ तो रास्ता भटक गए
और कुछ को चलना ही न आया ?
किसी की जिंदगी में प्यार नहीं होता ,
तो कोई जिंदगी को ही प्यार बना लेता है
दोस्तों यह जिंदगी है इस से क्या गिला करना ,
यहाँ अपने अपने रास्ते हैं , अपनी अपनी  मंजिले

Zindgi Chahat Ka Silsila h Koi Mil Jata H to Koi Kho Jata h .............
Koi Dur Jata h to Koi Pass Aata h.Koi Ruthta H To Koi Manata h.................
Koi WaQt K Sath Chlta H To Koi Waqt Ko Piche ChHodh Ata h.....................
Koi Zindgi Ko Hi Pyar Ka Name De Deta h To Koi PYAR kO HI zindgi Bna Leta h.............
Kbhi Dost To Kbhi SheLi h.Kyonki Zindgi To Ek Pheli H..............................................................
KyonKi Ye Zindgi Kisi Ki MohTaz Nhi H ,Ye to Nimmat H us Khuda Ki .................................................
Jiske Name Ke Bina Ye Zindgi Bujhi Bujhi Si Lgti H
Mujhse Kbhi Tumse Kbhi Kuch Labaj H WO Mangti
hum ne Dil ko ye Samjaya Dil aakhir tu kyun rota hai
Duniya me yu hi hota hai Kbhi Koi Hsaye Kbhi Koi Rulaye....
Zindgi KSi H Pheli ....



Yeh khamosh reh kar dil na dukhaya kro bol k lab azad hain tere.


Sunday, December 18, 2011

WHEN YOU KNOW THE CLIMAX , WHY ACT CLEVER?


अपना अंजाम तो मालूम है सब को
 फिर भी, अपनी नज़रों में हर इन्सान सिकंदर क्यूँ है..?..
If you want inner peace, AND a blessed life, resist the temptation to involve in gossiping, only to talk poorly about others, or  to portray them in a poor light..!by doing so it is only you who goes offtrack ?



"LIFE ITSELF IS PRECIOUS AND OUR ORGANS MORE IMPORTANT , PEOPLE WHO ARE HANDICAPPED CAN ONLY TELL THE VALUES OF THESE NATURAL ASSETS "

LET'S KEEP THIS GOING ......HEAVENLY FATHER, WALK THROUGH MY HOUSE AND TAKE AWAY ALL Our WORRIES AND ANY ILLNESSES, AND PLEASE WATCH OVER AND HEAL our FAMILY AND FRIENDS... BRING QUIET WHERE THERE IS CHAOS, BRING LIGHT WHERE THERE IS DARKNESS, AND PUT LOVE IN OUR HEARTS .... AMEN .... THIS PRAYER IS SO POWERFUL ....STOP WHAT YOU'RE DOING, AND RE-POST! MERRY CHRISTMAS AND HAPPY NEW YEAR!!! 
APOLOGIZING  DOES NOT MEAN THAT YOU ARE WRONG AND THE OTHER PERSON IS RIGHT.. IT SiMPLY MEANs THAT YOU VALUe THE RELATIONSHIP MUCH MORE THAN YOUR EGO..

Life Is Too Short To Waste Time Hating or criticizing Anyone..

Work Hard, But always  RESERVE  Time For your parents, Your Love, Friends and Family..
Nobody Remembers Power Point Presentations On Your Dying Day..THEY ONLY REMEMBER HOW BEAUTIFUL PERSONALITY YOU WERE?


डूबने  वाले  को  एक  तिनके  का  सहारा  मिल  गया ..
और  तिनके  को  भी  कोई  डूबने  वाला  मिल  गया ...
यह  ज़िन्दगी  भी  भरोसे  और  धोके  का  खेल  है .यारो ..
किसी  पे  मिट  गया कोई  तो,कोई उसे ही मिटा गया ?






 सपनो  की  नींद  बिस्तरों  की  मोहताज़  नहीं  ?
  पराये सुख से  भी ज्यादा सुख मुझे अपने अथाह दुखों  में  मिला  है
जीवन में जब भी माँगा था  प्यार ,अपनों से ज्यादा गैरों से मिला है  
नकली मुस्कराहटों से ,मीठी मीठी बातों से वोह मेरे दिल से खेलते थे ,
गैर तो गैर ही थे उनसे क्या सबब ? हमे तो आज भी अपनों से गिला है .
मेरे भीतर की बत्ती जलती है दिखावे के लिए दिये गये रसगुल्ले से ज्यादा 
स्वादिष्ट और मीठी लगती है, मुझे सच्चे प्यार से दी गई" नीम की पत्ती".
अपने परिवार से ,माँ बाप से ,अपने देश से प्यार ही सुब से बड़ी पूजा है ,
 कहते हैं की  माँ बाप इन सब से ऊपर हैं ,इनका दिल,गर जिस ने दुखाया 
इंद्र लोक में बैठे सृष्टी रचिअता , ब्रह्मा   को भी उसने रुलाया  ?
माँ बाप को जिस ने भी दुत्कारा ,उसे इस  जिंदगी में न मिला है किनारा !
Rajinder Kumar Nagpal













GUIDING PRINCIPALS OF LIFE,

WHEN WE DREAM HIGH OUR CAPABILITY BECOMES BEYOND  INFINITY