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Friday, December 16, 2011

CHILLI CHICKEN FOR THOSE WHO WANT IT ON NEW YEAR PARTY !


NEW YEAR PARTY IS READY AND YOUR FRIEND CHILLI CHICKEN IS READY TOO
 !

Thursday, December 15, 2011

HIPPOCRATIC "SAYINGS"

THIS IS A FACT,WHEN WE ARE KIDDING
THERE IS SOME TRUTH BEHIND THIS,
 EVEN OUR TENDENCY TO SHOW "YOU DON'T "CARE IS NOTHING BUT A LIE?



PARALYZED INDIAN DEMOCRACY

सोनिया का सच स्वामी राम.देव की जबानी ..
सोनिया एक  गन्दी देशद्रोही महिला है या कुछ और ? क्यों डरते हैं ये सख्त लोकपाल से और स्वामी रामदेव जी से जानिए इनका सच....
 हर मर्ज की दवा : स्वामी रामदेव भारत के सबसे चर्चित लोगों में से एक... स्वामी रामदेव, अन्तर्राष्ट्रीय योग गुरू हैं। गज़ब की ऊर्जा और आत्म-विश्वास लिए, वह एक तेज-तर्रार सन्त हैं। साधारण परिवार में जन्में स्वामी रामदेव, आज विश्व-प्रसिद्ध व्यक्ति हैं।
 असल में वह मात्र एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार हैं। ऐसा विचार, जो कभी सुभाषचन्द्र बोस और चन्द्रशेखर जैसे महापुरूषों ने, स्वतंत्र भारत के लिए देखा था।


 विचार.. देश को स्वालम्बी, स्वस्थ, मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाने का। ताकि हम अपनी महान वैदिक संस्कृति और ज्ञान के बल पर विश्वगुरू बन सके। स्वामी रामदेव जी का जन्म हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जनपद में सैयद अलीपुर गांव में हुआ था। 25 दिसंबर,1965 को श्रीयुत राम निवास यादव के साधारण परिवार में जन्में, इस बालक का नाम रामकृष्ण रखा गया।


 आंठवी कक्षा के बाद वह पक्षाघात से ग्रसित हो गये। योगासनों के निरंतर अभ्यास व जड़ी- बूटियों से निर्मित औषधियों के अद्भुत प्रभाव से वह जल्द स्वस्थ्य हो गये। आगे की पढ़ाई के लिये माता पिता ने उन्हें खानपुर के गुरुकुल में भेज दिया।
 जहां स्वामी बल्देवाचार्य जी ने रामकृष्ण को शिक्षा दी। उन्होंने संस्कृत में पाणिनी की अष्टाध्यायी सहित वेद व उपनिषद आदि सभी ग्रन्थ मात्र डेढ़ वर्ष के अल्पकाल में कण्ठस्थ कर लिये। युवास्था में ही सन्यासी हो गये और गुरुओं ने दीक्षा के बाद उन्हें नया नाम दिया आचार्य रामदेव ।


 रामदेव जी ने सन् 1995 से योग को लोकप्रिय और सर्वसुलभ बनाने के लिये अथक परिश्रम करना आरम्भ किया। उन्होंने आचार्य करमवीर के साथ मिलकर दिव्य मन्दिर ट्रस्ट की स्थापना की। उन्होंने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की भी स्थापना की। आज यहां असाध्य रोगों से लड़ने के लिए शोध हो रहे हैं।


 भारत को पुन: विश्वगुरू स्थापित करने का प्रयास चल रहा है। स्वामी जी सरल विधियां बताकर योगासन और प्राणायम की ख्याति को बढ़ा रहे हैं। योग के माध्यम से वह निराश लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं। स्वामी जी योग और प्राणायम के अलावा गौरवमयी भारतीय संस्कृति के प्रचारक भी हैं। भारतीय संस्कृति और गौरव को चोट पहुंचाने वाले ठेकेदारों को हमेशा उन्होंने धूल चटाई है। पेप्सी-कोला, ऐलोपैथी दवाई कंपनियों और वृन्दा करात जैसे कई लोगों के खिलाफ उनका पोल-खोल कार्यक्रम आज भी जारी है। कुतर्कों की नींव पर जनविरोधी कार्यों को सही ठहराने वाले लोग, अब बाबा से डरने लगे हैं। हर विषय पर चर्चा करने से पहले उसके तथ्य और आंकड़ों की पूरी लिस्ट उनके पास होती है। वह भगतसिंह और राजगुरू की ही तरह क्रांतिकारी हैं और देश की अस्मिता और स्वाभिमान के लिए उतने ही दिवाने। देश के मामले में ....नो इफ नो बट...केवल बाबा का हठ..... हठ भारत को उसका गौरव वापस दिलाने का ... संकल्प इतना मजबूत कि उनके आगे इण्लैंड की रानी को भी झुकना पड़ा। बाबा की झोली में बीमारी का सरल उपाय है। निरोगी रहना है तो योग करो...इतना ही नहीं, उन्हें तो राष्ट्र को लग रहे, रोगों से भी निपटना है। देश को भ्रष्ट्राचार, तस्करी, नकली नोट की बीमारी खा रही है...